By अंकित सिंह | Aug 22, 2024
त्रिपुरा में बाढ़ से जुड़ी घटनाओं में मरने वालों की संख्या बढ़कर दस हो गई है। रविवार से पूर्वोत्तर राज्य में भूस्खलन और बाढ़ से जुड़ी घटनाओं में कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई और एक लापता है। त्रिपुरा में 1,900 से अधिक भूस्खलन हुए, जिससे सड़क संपर्क बाधित हुआ और अधिकारियों को रेड अलर्ट जारी करना पड़ा। गुरुवार को भारी बारिश के कारण पश्चिमी त्रिपुरा और सिपाहीजाला जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया। अधिकारियों के अनुसार, त्रिपुरा में भारी वर्षा के कारण कम से कम 32,750 लोगों ने 330 राहत शिविरों में शरण ली है।
त्रिपुरा के सीएम माणिक साहा ने अगरतला में बाढ़ की स्थिति का आईटी भवन स्थित एकीकृत कमान एवं नियंत्रण केंद्र के माध्यम से आकलन किया। सीएम साहा ने ट्वीट किया कि प्रशासन द्वारा राहत उपायों को प्राथमिकता दी जा रही है। आइए हम सामूहिक प्रयासों से इस प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए एकजुट हों और प्रभावित लोगों की सहायता करें। उन्होंने कहा कि हमारे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष, पार्षद, सब काम कर रहे हैं, प्रशासन भी है, सब मिल कर काम कर रहे हैं, स्वयंसेवक हैं, मैं सब देख रहा हूँ।
बचाव कार्य में सहायता के लिए एनडीआरएफ की चार अतिरिक्त टीमें राज्य में पहुंच गई हैं। इससे पहले त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से अतिरिक्त एनडीआरएफ टीमों के लिए अनुरोध किया था। शाह ने एक्स पर लिखा कि त्रिपुरा के सीएम माणिक साहा से बात की और राज्य में बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया। केंद्र सरकार राहत और बचाव कार्यों में स्थानीय सरकार की सहायता के लिए एनडीआरएफ की टीमों के अलावा नावों और हेलीकॉप्टरों को भी राज्य में भेज रही है। जरूरत पड़ने पर केंद्र की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया गया। मोदी सरकार संकट की इस घड़ी में त्रिपुरा के हमारे बहनों और भाइयों के साथ मजबूती से खड़ी है।