By रेनू तिवारी | Sep 20, 2024
नौकरी के बदले जमीन घोटाले में अब बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव लगता है बुरी तरह से फंसने वाले हैं। क्योंकि लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें बढ़ गयी हैं। सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) को शुक्रवार को गृह मंत्रालय से पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के खिलाफ जमीन के बदले नौकरी घोटाले में मुकदमा चलाने की मंजूरी मिल गई। उनके खिलाफ राऊज एवेन्यू कोर्ट में सीबीआई ने पूरी जानकारी दी थी। और इसके बाद अब गृह मंत्रालय ने लालू प्रसाद यादव के खिलाफ नौकरी के बदले जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है।
लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें बढ़ी
गृह मंत्रालय ने आज (20 सितंबर) बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के खिलाफ नौकरी के बदले जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है। गृह मंत्रालय ने संबंधित मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की अंतिम चार्जशीट पर लालू यादव के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है।
लालू यादव के परिवार पर छाये संकट के बादल
आपको बता दें कि इससे पहले 18 सितंबर को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने ‘नौकरी के बदले जमीन’ से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव, पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, तेजप्रताप यादव और अन्य आरोपियों को समन जारी किया था। उन्हें 7 अक्टूबर को कोर्ट में पेश होने को कहा गया है। यह पहली बार है जब तेज प्रताप यादव को इस मामले में बुलाया गया है। कोर्ट ने कहा कि तेज प्रताप यादव की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता। हालांकि, शुरुआत में उनके खिलाफ चार्जशीट नहीं दायर की गई थी, लेकिन वे एके इंफोसिस लिमिटेड में निदेशक थे और अब उन्हें समन भेजा गया है।
अदालत ने अपने समन में अखिलेश्वर सिंह और उनकी पत्नी किरण देवी को भी शामिल किया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 6 अगस्त को पूरक आरोप पत्र दाखिल किया था, जिसमें 11 आरोपियों को सूचीबद्ध किया गया था। इनमें से चार व्यक्तियों की तब से मृत्यु हो चुकी है।
अदालत ने क्या कहा?
अदालत ने लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव, अखिलेश्वर सिंह, हजारी प्रसाद राय, संजय राय, धर्मेंद्र सिंह और किरण देवी को निर्देश दिया है। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि ईडी ने अखिलेश्वर सिंह को आरोपी बनाया था, जबकि उनकी पत्नी किरण देवी पर शुरू में आरोप नहीं लगाया गया था। हालांकि, वह अपने बेटे अभिषेक की नौकरी के बदले मीसा भारती को जमीन बेचने के मामले में शामिल हैं। अदालत ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ आगे की कार्रवाई के लिए पर्याप्त सामग्री है। इस बीच, दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को व्यवसायी अमित कत्याल को चिकित्सा आधार पर नियमित जमानत दे दी।