हरिद्वार का कुम्भ तब होता है जब आकाश में बृहस्पति कुम्भ तारामंडल में और सूर्य मेष तारामंडल के सामने आते दिखते हैं। इस बार बृहस्पति 11वें साल में ही कुम्भ तारामंडल के पास पहुँच रहा है और अप्रैल माह में सूर्य मेष तारामंडल में रहेगा, इसलियेे हरिद्वार में कुंभ का आयोजन 2010 में होने के बाद 11वें वर्ष में ही एक साल पहले होने जा रहा हैं। उन्होंने बताया कि इसके पहले 1927 में कुम्भ होने के बाद अगला कुम्भ 12 साल बाद यानी 1939 में होना था, लेकिन वह 11वें साल 1938 में ही हो गया था।