By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 02, 2019
नयी दिल्ली। विदेश मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि कुलभूषण जाधव, पाकिस्तान के गलत दावों को बनाए रखने के लिए गलत बयानी करने के भीषण दबाव में दिख रहे हैं। मंत्रालय का यह बयान एक शीर्ष भारतीय राजनयिक के जाधव से एक उपकारागार में करीब एक घंटे तक मुलाकात के बाद सामने आया है। इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग में प्रभारी गौरव आहलुवालिया ने आज जाधव से मुलाकात की। इससे पहले पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के निर्देश के अनुरूप भारतीय नौसेना के सेवानिवृत अधिकारी को राजनयिक पहुंच मुहैया कराने की अनुमति प्रदान की थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बताया, ‘‘एक तरफ हम समग्र रिपोर्ट की प्रतीक्षा कर रहे हैं, वहीं यह स्प्ष्ट था कि कुलभूषण जाधव पाकिस्तान के गलत दावों को बनाए रखने के लिए गलत बयानी करने के भीषण दबाव में दिख रहे हैं। ’’उन्होंने कहा कि हम अपने उच्चायोग प्रभारी से विस्तृत रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद आगे के कदम पर फैसला करेंगे। कुमार ने कहा कि जाधव को सोमवार को राजनयिक पहुंच मुहैया कराना अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत के आदेश के प्रति पाकिस्तान की बाध्यता है।
उधर, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जाधव की मां से बात कर उन्हें आज हुए घटनाक्रमों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि सरकार जाधव को जल्द से जल्द न्याय दिलाने और उनकी सुरक्षित भारत वापसी को लेकर प्रतिबद्ध है। इससे पहले भारत ने कुलभूषण जाधव को राजनयिक पहुंच मुहैया कराए जाने के पाकिस्तान के प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए उम्मीद जतायी थी कि इस्लामाबाद उचित माहौल सुनिश्चित करेगा, ताकि स्वतंत्र, निष्पक्ष और सार्थक मुलाकात हो सके। यह मुलाकात ऐसे समय पर हुई है जब जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद दोनों देशों के बीच हालात तनावपूर्ण हैं। भारतीय नागरिक जाधव पाकिस्तान की जेल में बंद हैं जहां उन्हें पड़ोसी देश ने 2017 में मौत की सजा सुनाई थी। सूत्रों ने बताया कि भारत पिछले तीन वर्षों से कुलभूषण जाधव के लिये राजनयिक पहुंच सुलभ कराने की मांग करता रहा है। राजनयिक पहुंच सुलभ कराने से पाकिस्तान के इंकार के विषय को भारत द्वारा अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में उठाया गया । अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने भारत के पक्ष में सर्वसम्मति से निर्णय सुनाया।
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गौरतलब है कि पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने रविवार को ट्वीट किया था, ‘‘भारतीय जासूस कमांडर कुलभूषण जाधव को राजनयिक संबंधों पर वियना कन्वेंशन, आईसीजे के फैसले और पाकिस्तान के कानूनों के अनुरूप राजनयिक पहुंच सोमवार (दो सितम्बर, 2019) को उपलब्ध कराई जायेगी।’’ 49 वर्षीय जाधव को ‘जासूसी और आतंकवाद के जुर्म’ में पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने अप्रैल, 2017 में मौत की सजा सुनाई थी। उसके बाद भारत ने आईसीजे पहुंचकर उनकी मौत की सजा पर रोक लगाने की मांग की थी। भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी जाधव को राजनयिक पहुंच दिये जाने की शर्तों पर भारत और पाकिस्तान के बीच मतभेदों के कारण लगभग छह महीने पहले भारतीय अधिकारियों की जाधव के साथ मुलाकात पर सहमति नहीं बन पाई थी। पाकिस्तान विदेश कार्यालय ने एक अगस्त को कहा था कि जाधव को अगले दिन राजनयिक पहुंच दी जायेगी। लेकिन, राजनयिक पहुंच की शर्तो को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच मतभेदों के बीच दो अगस्त की अपराह्र तीन बजे प्रस्तावित यह बैठक नहीं हो सकी थी।