By प्रिया मिश्रा | Sep 30, 2021
देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच लोग तेजी से मलेरिया से पीड़ित हो रहे हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, महज दिल्ली में ही अब तक 102 मलेरिया के मामले सामने आए हैं। मलेरिया एक प्रकार का संक्रामक रोग है जो मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से होता है। जब संक्रमित मादा एनाफिलीज मच्छर किसी व्यक्ति को काटता है तो प्लासमोडियम नामक पैरासाइट उस व्यक्ति के ब्लड में पहुंच जाता है और लाल रक्त कोशिकाओं को नष्ट करने लगता है। लापरवाही या सही इलाज न होने पर मलेरिया काफी खतरनाक साबित हो सकता है और इसमें इंसान की जान भी जा सकती है। लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखकर मलेरिया से बचाव किया जा सकता है। आज के इस लेख में हम आपको मलेरिया के लक्षण और बचाव के उपाय बताने जा रहे हैं-
मलेरिया के लक्षण
ठंड लगने के साथ तेज बुखार आना
सिरदर्द
साँस लेने में तकलीफ
दस्त
एनीमिया
कंपकंपाहट होना
उल्टी होना या जी मिचलाना
आँखों में जलन होना
मलेरिया से बचाव के तरीके
मलेरिया से बचाव के लिए अपने घर और आसपास की सफाई का विशेष ध्यान रखें। घर के दरवाजे और खिड़कियों के पास और कोनों में मच्छर छिपे रहते हैं इसलिए दरवाजे और खिड़की पर पतली जालियां लगवाएं। इसके साथ ही इन जगहों पर मच्छर मारने वाले स्प्रे जरूर डालें। इसके अलावा रात में मच्छरदानी के अंदर सोएं।
ऐसे कपड़े पहनें जिससे आपके हाथ-पैर ढँके रहें। हाफ स्लीव्स के बजाय फुल स्लीव्स वाले कपड़े पहनें। इसके अलावा डार्क रंग के कपड़े पहनने से बचें क्योंकि ऐसे रंगों के कपड़ों पर मच्छर ज़्यादा बैठते हैं।
घर पर रखे कूलर, गमलों, बर्तन और टायरों में पानी जमा ना होने दें। इस जमे हुए पानी में मलेरिया के मच्छर पनपते हैं इसलिए नियमित रूप से इनकी सफाई करें।
ऐसी जगहों पर जाने से बचें जहाँ गंदगी हो या पानी जमा हो। मच्छर ऐसी ही जगहों पर पनपते हैं जहाँ पानी का जमाव हो या गंदगी हो। इसके अलावा शाम के समय पार्क या अधिक भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से भी बचें।
अगर बच्चे बाहर खेलने जा रहे हों तो उन्हें मॉस्क्वीटो रिपेलेंट क्रीम लगाकर भेजें। इसके अलावा आप नीम का तेल या नारियल के तेल में कपूर मिलाकर भी बच्चों के हाथ-पैर पर लगाकर भेजें, इससे मच्छर दूर भागते हैं।
- प्रिया मिश्रा