प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना क्या है?
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) भारत में सरकार द्वारा समर्थित एक दुर्घटना बीमा योजना है। इसे औपचारिक रूप से प्रधानमंत्री द्वारा 8 मई 2015 को कोलकाता में लॉन्च किया गया था। प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना 18 से 70 वर्ष की आयु के लोगों के लिए जो भारतीय निवासी या एनआरआई हैं, के लिए बैंक खातों के साथ उपलब्ध है। इस योजना का उद्देश्य अबीमाकृत आबादी को बीमा कवर के तहत लाना है।
विशेषतायें एवं फायदे
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना आपको अप्रत्याशित आपात स्थितियों के मामलों में मदद करती है। यह योजना विशेष रूप से आपकी मदद उस समय करती है जब आप आकस्मिक मृत्यु और अपने परिवार के प्रति किसी तरह की हानि के शिकार हो जाते हैं। प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना में कुछ विशेषताएं और लाभ हैं जो आम व्यक्ति को इसमें निवेश करने के लिए इच्छुक बनाते हैं। भुगतान किया जाने वाला प्रीमियम बहुत ही कम है यानि 12 रुपये प्रति वर्ष, प्रति सदस्य है।
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना पर जीएसटी से छूट दी गई है। खाते से राशि अपने आप डेबिट हो जाती है। इस बीमा योजना में 1 जून से 31 मई तक एक साल का कवर हो सकता है और इसे बैंकों के माध्यम से ऑफर किया जाता है और सार्वजनिक क्षेत्र की सामान्य बीमा कंपनियों के माध्यम से प्रशासित किया जाता है।
इस योजना को प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत खोले गए बैंक खातों से लिंक किया जाएगा। इनमें से ज्यादातर खातों में शुरुआत में जीरो बैलेंस था। सभी बैंक खाताधारक वर्ष के किसी भी समय अपनी नेट-बैंकिंग सेवा सुविधा के माध्यम से इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना कवरेज:
1. मृत्यु के मामले में बीमा राशि 2 लाख रुपये है।
2. दोनों आंखों की कुल और अपूरणीय क्षति या दोनों हाथों या पैरों के उपयोग की क्षति के केस में यह बीमा राशि रु 2 लाख है।
3. ऐसे मामलों में जहां एक आंख या एक पैर, हाथ या किसी एक अंग का नुकसान होता है, यह बीमा राशि 1 लाख रुपये है।
पूर्ण विकलांगता को दोनों आंखों, हाथों या पैरों का उपयोग न कर पाने के रूप में परिभाषित किया गया है। आंशिक स्थायी विकलांगता को एक आंख, हाथ या पैर का उपयोग न कर पाने के रूप में परिभाषित किया गया है। इसके अलावा, इसमें आत्महत्या, शराब, नशीली दवाओं के सेवन आदि के कारण होने वाली मृत्यु को कवर नहीं किया जाता है।
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना की पात्रता
पीएम सुरक्षा बीमा योजना की पात्रता इस प्रकार है:
- इस योजना में 18 से 70 वर्ष के आयु वर्ग के लोग आवेदन करने के पात्र होते हैं।
- इच्छुक संभावित पॉलिसीधारकों के पास एक सक्रिय बचत बैंक खाता होना चाहिए।
- आवेदक का बचत बैंक खाता उसके आधार कार्ड के साथ लिंक्ड होना चाहिए।
- ऑटो-डेबिट सुविधा के माध्यम से खाताधारक के बचत खाते से 12 रुपये का प्रीमियम प्रतिवर्ष काटा जाएगा।
- जो व्यक्ति किसी भी समय योजना से बाहर निकलना चाहते हैं, वे शर्तों के अनुसार वार्षिक प्रीमियम का भुगतान करके भविष्य में योजना में फिर से शामिल हो सकते हैं।
- इस योजना का सालाना नवीनीकरण किया जा सकता है।
कैसे आवेदन करें?
नेटबैंकिंग के द्वारा
- नेटबैंकिंग में लॉग इन करें और 'बीमा' टैब पर क्लिक करें
- योजना का चयन करें
- प्रीमियम भुगतान के लिए खाता चुनें
- पॉलिसी कवर राशि, प्रीमियम राशि और नॉमिनी विवरण प्रदर्शित किया जाएगा
- पॉलिसी को एक्टिवेट करने के लिए 'कन्फर्म' पर क्लिक करें
- फ्यूचर रिफरेन्स के लिए एकनॉलेजमेन्ट और यूनिक रिफरेन्स नंबर डाउनलोड करें
आप किसी सम्बंधित बैंक या बीमा कंपनी से संपर्क करके PMSBY के लिए अपना नामांकन करा सकते हैं। प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना फॉर्म को सरकार की जनसुरक्षा वेबसाइट से भी डाउनलोड किया जा सकता है। यह कई भाषाओं में उपलब्ध है।
PMSBY की क्लेम प्रोसेस:
आप आंशिक या पूर्ण विकलांगता के मामले में PMSBY के अंतर्गत क्लेम कर सकते हैं। मृत्यु के मामले में आपका नामांकित व्यक्ति क्लेम फाइल कर सकता है। यदि कोई नामांकित व्यक्ति नहीं है तो दावा राशि मृत पॉलिसीधारक के कानूनी उत्तराधिकारी को दी जाएगी। क्लेम प्रोसेस इस प्रकार है:
चरण 1 - पॉलिसीधारक व्यक्ति को दावा करने के लिए उस बैंक या बीमा कंपनी से संपर्क करना चाहिए जहां से पॉलिसी खरीदी गई थी।
चरण 2 - क्लेम फॉर्म भरें। इसमें नाम, पता, संपर्क जानकारी, अस्पताल आदि के विवरण शामिल होंगे। पीएमएसबीवाई का क्लेम फॉर्म जनसुरक्षा वेबसाइट से मुफ्त में डाउनलोड किया जा सकता है।
चरण 3 - भरे हुए फॉर्म को संबंधित दस्तावेज जैसे विकलांगता प्रमाण पत्र या मृत्यु प्रमाण पत्र के साथ जमा करें।
चरण 4 - बीमा कंपनी दिए गए विवरण की पुष्टि करेगी।
चरण 5 - यदि सभी डॉक्यूमेंट सही पाए जाते हैं तो क्लेम अमाउंट दिए गए बैंक खाते में स्थानांतरित कर दी जाएगी और दावे का निपटारा कर दिया जाएगा।
जे. पी. शुक्ला