समय रहते करें मीजल्स या खसरा रोग की पहचान वरना हो सकता है अंधापन, जानें बचाव के तरीके

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By प्रिया मिश्रा | Mar 14, 2022

समय रहते करें मीजल्स या खसरा रोग की पहचान वरना हो सकता है अंधापन, जानें बचाव के तरीके

मीजल्स यानी खसरा की बीमारी एक संक्रामक वायरस के कारण होती है। यह एक संक्रमित व्यक्ति के खांसी या छींक के साथ निकलने वाली बूंदों के हवा में फैलने से या संपर्क में आने से फैल सकती है। इसमें पूरे शरीर में लाल चकत्ते या दाने उभर आते हैं। संक्रमण होने पर शरीर में लक्षण दस से बारह दिन के बाद दिखाई देते हैं। समय रहते खसरे की पहचान ना की जाए तो यह गंभीर रूप ले सकता है। इससे अंधापन, एन्सेफलाइटिस, डायरिया, शरीर में पानी की बहुत ज्यादा कमी, निमोनिया जैसी गंभीर बीमारियाँ हो सकती हैं।

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लक्षण

शरीर पर लाल रंग के चकत्ते

सर्दी जुकाम

बुखार

मुंह के अंदर छोटे सफेद धब्बे

आंखें लाल होना

गले के दर्द

सूखी खांसी


किसको है ज़्यादा खतरा 

पांच साल तक के छोटे बच्चे

गर्भवती महिलाएं

कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग

जिन्हें खसरा का टीका न लगा हो

खसरा से पीड़ित व्यक्ति के संपर्क में आने वाले लोग

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बचाव के उपाय

बाहर से आने के बाद और कुछ खाने से पहले हैंडवॉश से हाथों को जरूर धोएं।

शिशु को 12-15 महीने की उम्र में खसरा का पहला टीका जरूर लगवाएं। अगर बचपन के खसरा का टीका न लगा हो तो बड़े होने पर भी यह टीका लगवाया जा सकता है।

अगर कोई व्यक्ति खसरा रोग से पीड़ित हो तो उससे दूरी बना कर रखें।

इम्यूनिटी बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करें। अपने आहार में डार्क चॉकलेट, साबुत अनाज, पपीता, सेब संतरा, कीवी आदि अवश्य शामिल करें।

 

- प्रिया मिश्रा

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