By प्रिया मिश्रा | Jul 25, 2022
अगर आपको प्रकृति से लगाव है तो आप फोरेस्ट्री में अपना कॅरियर बना सकते हैं। आज के समय में पर्यावरण का संरक्षण बहुत जरूरी हो गया है। इसी वजह से आज के समय में फॉरेस्ट्री स्पेशलिस्ट की मांग बढ़ रही है। आप 12वीं पास करने के बाद फॉरेस्ट्री में अपना कॅरियर बना सकते हैं। आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे कि फॉरेस्ट्री में कॅरियर कैसे बनाएँ -
पात्रता
फॉरेस्ट्री में कॅरियर बनाने के लिए आपको 10+2 में फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी में पास होना जरूरी है। इसके बाद आप बीएससी फॉरेस्ट्री का कोर्स कर सकते हैं। इसके बाद आप फॉरेस्ट मैनेजमेंट, कॉमर्शियल फॉरेस्ट्री, फॉरेस्ट इकोनॉमिक्स, वुड साइंस एंड टेक्नोलॉजी, वाइल्डलाइफ साइंस, वेटेरिनरी साइंस आदि कोर्स कर सकते हैं। इसके अलावा आप एमफिल अथवा पीएचडी कर सकते हैं। कई ऐसे संस्थान हैं, जो पीजी डिप्लोमा इन फॉरेस्ट मैनेजमेंट का कोर्स कराते हैं। फॉरेस्ट्री में बैचलर डिग्री के बाद आप यूपीएससी द्वारा आयोजित इंडियन फॉरेस्ट सर्विस की परीक्षा में भी शामिल हो सकते हैं।
कोर्स
बीएससी इन फॉरेस्ट्री
एमएससी इन फॉरेस्ट्री
बीएससी इन वाइल्डलाइफ
एमएससी इन वाइल्डलाइफ
एमएससी इन वुड साइंस एंड टेक्नोलॉजी
पीजी डिप्लोमा इन फॉरेस्ट मैनेजमेंट
पीएचडी इन फॉरेस्ट्री
कहाँ मिलेगी नौकरी
इस क्षेत्र में बहुत सारे कैरियर के अवसर उपलब्ध हैं। कैरियर के अवसर सार्वजनिक के साथ-साथ निजी क्षेत्र में भी उपलब्ध हैं। सार्वजनिक क्षेत्र की नौकरियों में जूलॉजिकल पार्क, वाइल्डलाइफ रेंज, लकड़ी के काम के लिए खुद के प्लांटेशन, वाइल्ड लाइफ रिसर्च इंस्टीट्यूट, इंडियन काउंसिल ऑफ फॉरेस्ट्री रिसर्च एंड एजुकेशन (ICFRE) और इसके संबद्ध संस्थान, वाइल्ड लाइफ डिपार्टमेंट, फॉरेस्ट डिपार्टमेंट, नेशनल पार्क और अभयारण्य में काम शामिल हैं।
फॉरेस्टरी में स्नातक की डिग्री रखने वाले लोग केंद्रीय लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित भारतीय वन सेवा (IFS) परीक्षा के माध्यम से केंद्र सरकार के लिए आवेदन कर सकते हैं। आप लेक्चरर के पद के लिए कॉलेजों में भी आवेदन कर सकते हैं।
आईएफएस : इंडियन फॉरेस्ट सर्विस यानी आईएफएस एग्जाम पास करने के बाद बतौर फॉरेस्ट रेंज ऑफिसर आपका काम जंगल की देखभाल, नए पौधे लगवाना और पेड़-पौधों की नई प्रजातियों की रक्षा करना है। यूपीएससी हर साल जुलाई में आईएफएस एग्जाम आयोजित करती है। इस एग्जाम के लिए प्री, मेन्स और इंटरव्यू तीन चरणों से होकर गुजरना पड़ता है।
फॉरेस्टर : बतौर फॉरेस्टर आपका काम जंगल और जंगली जीवों की सुरक्षा करना, लैंड स्केप मैनेजमेंट, जंगल व प्रकृति से संबंधित अध्ययन और रिपोर्ट को तैयार करना होता है।
फॉरेस्ट रेंजर : फॉरेस्ट की कटाई व जानवरों के शिकार पर रोकथाम और फॉरेस्ट में नियम-कानून लागू करना फॉरेस्टर का काम है। इनका काम दुर्लभ पौधों की खेती व उनकी पैदावार को बढ़ाना भी है।
वाइल्डलाइफ जर्नलिज्म : वाइल्फ लाइफ जर्नलिज्म में भी ढेरों स्कोप हैं। इनका काम एनिमल्स से जुड़ी तमाम जानकारियां लोगों तक पहुंचाना है।
एनवायरनमेंट रिसर्चर : रिसर्च के जरिए फॉरेस्ट, फॉरेस्ट में आने वाले चेंज, एनिमल्स में आने वाले चेंजेज और नए-नए पौधों की प्रजातियों का पता लगाना होता है। देश में इंडियन काउंसिल ऑफ फॉरेस्ट्री रिसर्च एंड एजुकेशन, इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल फॉरेस्ट्री ऐंड इको रिहैबिलिटेशन एंड वाइल्डलाइफ रिसर्च इंस्टीट्यूट जैसे कई प्रीमियर संस्थान हैं, जहां बतौर रिसर्चर आप जगह पा सकते हैं।
जू क्यूरेटर : जू में जानवरों की केयर जू क्यूरेटर का काम होता है। यह चिड़ियाघर में जानवरों की दिनचर्या को जांचता है। जानवरों के कल्याण और प्रशासन जू क्यूरेटर की जिम्मेदारी होती है।
डेंड्रोलॉजिस्ट : ये पेड़-पौधों के वैज्ञानिक अध्ययनों के स्पेशलिस्ट के तौर पर जाने जाते हैं। डेंड्रोलॉजिस्ट का काम पेड़ों का जीवन चक्र, ग्रेडिंग, क्लासिफिकेशन, मेजरिंग और रिसर्च करना होता है।
इथनोलॉजिस्ट : इथनोलॉजिस्ट वनों व जैव संपदा में होने वाले परिवर्तन और उनकी कार्यप्रणाली की स्टडी करता है। ये चिड़ियाघर, एक्वेरियम और लेबोरेटरी में जानवरों की हेल्दी हैबिट्स डिजाइन करने का काम भी करते हैं।
कितनी मिलेगी सैलरी
फॉरेस्टरी में डिग्री पूरी करने के बाद शुरुआत में आपकी सैलरी 20 से 25 हजार रुपये प्रतिमाह तक हो सकती है। वहीं, कुछ वर्षों के अनुभव के बाद सैलरी 40 से 45 हजार रुपये प्रतिमाह तक हो सकती है। वहीं, सरकारी क्षेत्र में सैलरी सरकार के वेतनमान के अनुसार निर्धारित होती है।
- प्रिया मिश्रा