By निधि अविनाश | Aug 08, 2022
देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। तेजी से बढ़ती भारतीय अर्थव्यवस्था में भारत के कारोबारी जगत का सबसे बड़ा योगदान रहा है। ऐसे कई भारतीय बिजनेसमैन है जिन्होंने भारत की आजादी से पहले कंपनियां स्थापित करी और देश को आर्थिक मजबूती पहुंचाई। भारत की ये कपंनियां आजादी से पहले भी अपना परचम लहराती थी और आजादी के बाद भी देश की आर्थिक स्थिति में मजबूती से अपनी भूमिका निभा रही है।
भारत की कारोबारी स्थिति की बात करें तो आजादी से पहले भारत की 70 कंपनियां ऐसी थी जिन्होंने भारत की आर्थिक स्थिति को एक मजबूती दी। ब्रिटिश शासन के दौरान इन कंपनियों ने अपनी नींव रखी थी लेकिन अब ये भारतीय जगत की शान बनी हुई है। देश को आर्थिक मजबूती देने में जमशेतजी टाटा, एसके आर्देशर और पिरोजशा गोदरेज, माधव प्रसाद बिड़ला और केए हमीद जैसे नाम सबसे ऊपर शामिल है। इनके द्वारा स्थापित कंपनियां आज देश में बड़े स्तर पर कारोबार कर रही हैं और हजारों-लाखों लोगों को रोजगार भी मुहैया करा रही है।
टाटा
टाटा ग्रुप के चेयरमैन रतन टाटा है और इसकी स्थापना साल 1868 में हुई।देश में नमक से लेकर लग्जरी कार बनाने तक , टाटा आज आईटी सेक्टर की सबसे बड़ी कंपनी टीसीएस, टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, इंडियन होटल कपंनी समूह का बड़ा हिस्सा है। बता दें कि साल 1903 में इंडियन होटल्स कंपनी की स्थापना जमशेदजी टाटा ने की थी और आज मुंबई का ताज होटल देश और विदेश की पहचान बन गई है।
ब्रिटानिया
ब्रिटानिया फूड सेक्टर कंपनी है जिसकी शुरूआत आजादी से पहले साल 1892 में हुई थी। खाघ उत्पादों में इस कंपनी का दबदबा काफी बना हुआ है।इस कंपनी की स्थापना कोलकाता में वाडिया परिवार ने की थी। इसका कारोबार द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान तेजी से बढ़ा और आज दुनियाभर में इसका कारोबार फैला हुआ है।
गोदरेज
इलेक्ट्रॉनिक्स समेत रिएलिटी सेक्टर मे अपना दबदबा बना चुके गोदरेज कंपनी की स्थापना 1897 में हुई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 1911 में किंग जॉर्ज पंचम और रानी मेरी ने अपने कीमती सामानों को रखने के लिए गोदरेज की तिजोरियों को ही चुना था।
बिड़ला समूह
बिड़ला समूह ने भी आजादी से पहले कारोबार शुरू कर दिया था। इसकी शुरूआत घनश्याम दास बिड़ला के दादा, शिव नारायण बिड़ला ने की थी।बिरला कॉर्पोरेशन लिमिटेड (Birla Corporation Limited), एमपी बिड़ला समूह की कंपनियों की एक भारतीय-आधारित प्रमुख कंपनी है।
रेमंड
देश की आजादी से पहले खोली गई कपंनी रेमंड का नाम तो आज देश के कई लोग जानते ही होंगे।इसकी स्थापना साल 1925 में महाराष्ट्र के ठाणे में ऊनी मिल के रूप में हुई थी। लक्ष्मणराव किर्लोस्कर ने इस कंपनी को ट्रेडिंग कंपनी के रूप में शुरू किया था।