दुनिया के पहले शाकाहारी शहर की करनी है यात्रा तो घूमें गुजरात के पालीताना में

By मिताली जैन | Apr 10, 2020

पिछले कुछ समय में दुनिया में शाकाहार की ओर लोग आकर्षित हुए हैं। ऐसे बहुत से लोग हैं, जिन्होंने मांसाहार छोड़कर शाकाहार का रास्ता अपनाया है। आजकल तो कई रेस्टोरेंट आदि में भी पूरी तरह से वेज होने का दावा किया जाता है। लेकिन अगर आप दुनिया के पहले शाकाहारी शहर को देखना चाहते हैं तो आपको गुजरात जाना होगा। जी हां, गुजरात में मौजूद पालीताना सिर्फ भारत ही नहीं, पूरे विश्व का पहला पूरी तरह से शाकाहारी शहर है। यह छोटा सा शहर, भारत में गुजरात के भावनगर जिले में स्थित है, यह जैन धर्म का पालन करने वालों के लिए सबसे शुद्ध और सबसे पूजनीय गंतव्य में गिना जाता है। वास्तव में, यहां खाने के उद्देश्यों के लिए जानवरों को मारना बिल्कुल गैरकानूनी है, और अंडे या मांस बेचने पर सख्त मनाही है। तो चलिए आज हम आपको पालीताना के बारे में कुछ जरूरी बातें बता रहे हैं−

 

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ऐसे बना शाकाहारी शहर

पालीताना के पूरी तरह शाकाहारी शहर बनने के पीछे एक रोचक कहानी है। दरअसल, वर्ष 2014 में, सरकार ने इस क्षेत्र में पशु वध पर प्रतिबंध लगा दिया और तब से, यहां एक भी जानवर नहीं मारा गया है। यह प्रतिबंध तब लागू किया गया था जब सरकार को यह दिखाने के लिए लगभग 200 जैन भिक्षुओं ने भूख हड़ताल पर जाकर विरोध किया कि वे क्षेत्र में पशु वध और उपभोग की अनुमति देने की तुलना में मरना पसंद करेंगे। उस दौरान भिक्षुओं ने सभी 250 कसाई की दुकानों को बंद करने की मांग की और राज्य सरकार को ऐसा करने के लिए मजबूर होना पड़ा। इस प्रकार, शहर को मांस मुक्त क्षेत्र घोषित किया गया था। हालांकि, डेयरी उत्पादों को अभी भी अनुमति है और शहर में लोग दूध, घी, मक्खन आदि का सेवन करते हैं।


मंदिरों की बहुल संख्या

पालीताना कई कारणों से महत्वपूर्ण है। यहां पर सैकड़ों मंदिरों का घर है, और जैनियों का एक प्रमुख तीर्थस्थल भी है। ऐसा कहा जाता है कि जैन तीर्थंकर आदिनाथ, एक बार इसकी पहाडि़यों पर चले गए थे और तब से अनुयायियों के लिए यह स्थान महत्वपूर्ण है। यही कारण है कि यहां पर पशु वध के विरोध में बड़ी संख्या में लोगों ने आपत्ति जताई।

 

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कई रिकॉर्ड हैं पालीताना के नाम

भावनगर से लगभग 50 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम में पालीतना के नाम कई रिकार्ड हैं। यह पूरी दुनिया में 900 से अधिक मंदिरों के साथ एकमात्र पर्वत होने का रिकॉर्ड रखता है। जैन अनुयायियों के लिए, सभी पालिताना मंदिर, पहाड़ के साथ−साथ एक धार्मिक दृष्टिकोण से बिल्कुल महत्वपूर्ण हैं। यह जैन समुदाय के लिए सबसे पवित्र तीर्थस्थल भी यहां पर है और इसे दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर परिसर माना जाता है।


मिताली जैन


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