Ayodhya Airport पर दिखेगी त्रेता युग की झलक, जानें इस हवाई अड्डे के बारे में जिसका लोकार्पण करेंगे PM Modi

By रितिका कमठान | Dec 29, 2023

अयोध्या में धूमधाम से रामलला के स्वागत की तैयारियां की जा रही है। राम लला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां जोर शोर से की जा रही है। ये तैयारियां अपने अंतिम चरण में पहुंच गई है। अयोध्या में होने वाले इस समारोह के लिए पुरी अयोध्या नगरी को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पहले 30 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या पहुंच रहे है। उनका ये दौरा बेहद महत्वपूर्ण होने वाला है।

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस यात्रा के दौरान अयोध्या को लगभग 6000 करोड़ रुपए की विकास परियोजनाओं की सौगात देंगे। अयोध्या की इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महर्षि वाल्मिकी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा का उद्घाटन होंगे। इसके साथ ही अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन का भी लोकार्पण किया जाएगा। बता दें कि इससे पहले अयोध्या एयरपोर्ट का नाम मर्यादा पुरुषोत्तम राम अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा था, जिसे अब बदला गया है।

 

बता दें कि अयोध्या एयरपोर्ट का निर्माण पूरा हो चुका है। अयोध्या एयरपोर्ट का आर्किटेक्चर और डिजाइन बेहद खास है। एयरपोर्ट को इंजीनियर्स और आर्किटेक्चर ने इस तरह से बनाया है कि ये त्रेता युग में होने का आभास देता है। एयरपोर्ट की पूरी थीम भगवान श्रीराम के जीवन से प्रेरित है। इस एयरपोर्ट की बनावट ऐसी है कि यहां रामायण की झलक देखने को मिलती है। बता दें कि अयोध्या एयरपोर्ट 8000 स्क्वायर मीटर में बना हुआ है। एयरपोर्ट के निर्माण में 250 करोड़ रुपये की लागत आई है। दो वर्ष में बनकर तैयार हुए इस एयरपोर्ट का आर्किटेक्चर विपुल वार्ष्णेय और अनुज वार्ष्णेय ने किया है। उनकी टीम ने अयोध्या एयरपोर्ट के डिजाइन की जिम्मेदारी तीन साल पहले संभाली थी। इस मंदिर का निर्माण करते समय नागर शैली का उपयोग किया गया है। एयरपोर्ट के सात शिखर हैं, जो कि नागर शैली से प्रेरित है। इस एयरपोर्ट में सात शिखर बनाए गए हैं, जिनमें तीन आगे और तीन शिखर पीछे है जबकि बीच में एक मुख्य शिखर बनाया गया है। 

 

जानें क्या है नागर शैली

बता दें कि नागर शैली उत्तर भारतीय हिंदू स्थापत्य कला की एक शैली है। ये तीन में से एक शैली है, जिसमें आमतौर पर मंदिरों का निर्माण किया जाता था। अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण भी इसी शैली में किया जा रहा है। इस एयरपोर्ट में भगवान श्रीराम की छवि को दर्शाने की कोशिश की गई है, जिसका उदाहरण बाहर तीर धनुष का म्यूरल देखकर पता चलता है। इसके जरिए संदेश दिया गया है कि पुरुषार्थ से ही असत्य पर विजय होती है। एयरपोर्ट पर की गई लैंड स्केपिंग में पंचतत्व के महत्व को ध्यान में रखते हुए रंगों का उपयोग हुआ है, जो पृथ्वी, आकाश, वायु, जल और अग्नि से संबंधित है। 

 

जानकारी के मुताबिक अयोध्या एयरपोर्ट का सबसे अहम हिस्सा रामायण से प्रेरित है। जिस प्रकार रामायण में सात कांड थे उसी प्रकार इसके मुख्य भवन में भी सात स्तंभों का निर्माण किया गया है। सभी स्तंभों पर शानदार सजावट की गई है। एयरपोर्ट पर आध्यात्मिक साज सज्जा भी की गई है। इस एयरपोर्ट की खासियत है कि यहां भगवान श्रीराम के परमभक्त और सबसे प्रिय भक्त हनुमान जी के लिए एक दिवार समर्पित की गई है।

 

दरअसल कहा जाता है कि जहां प्रभु श्री राम का नाम लिया जाता है, वहां उनके परमभक्त हनुमान के बिना कोई काम पूरा नहीं होता है। इसे ध्यान में रखते हुए एयरपोर्ट पर हनुमान जी का सबसे बड़ा म्यूरल लगाया गया है। इस म्यूरल में हनुमान जी की पूरी कहानी का वर्णन है जिसमें उनके जन्मे से लेकर उनके स्थापित होने तक का सफर दर्शाया गया है। आर्किटेक्ट ने अयोध्या एयरपोर्ट का निर्माण करने के लिए अयोध्या के साधु संतों और आचार्यों से मिलकर काफी अधिक जानकारियां जुटाकर इस एयरपोर्ट के निर्माण में उपयोग की है।

 

कई सुविधाओं से होगा लैस

बता दें कि अयोध्या एयरपोर्ट कई सुविधाओं से लैस होने वाला है। इस एयरपोर्ट को पर्यावरण के अनुकूल बनाया गया है। इस एयरपोर्ट के निर्माण में जीआरसी तकनीक उपयोग हुई है। 

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