By नीरज कुमार दुबे | Nov 18, 2023
भारत की ‘पड़ोस प्रथम नीति’ को रेखांकित करते हुए केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू ने शुक्रवार को मालदीव के नये राष्ट्रपति के तौर पर मोहम्मद मुइज्जू के शपथ ग्रहण समारोह में देश का प्रतिनिधित्व किया और नये राष्ट्रपति से मुलाकात कर उन्हें भारत की ओर से ढेरों शुभकामनाएं दीं। इस संबंध में पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रीजीजू ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मालदीव में माले स्थित ऐतिहासिक रिपब्लिक स्कवायर पर राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज्जू और उप राष्ट्रपति हुसैन मोहम्मद लतीफ के शपथ ग्रहण समारोह में भारत का प्रतिनिधित्व करना सम्मान और सौभाग्य की बात है।’’ रीजीजू ने ‘एक्स’ पर एक अन्य पोस्ट में कहा, ‘‘श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे से मुलाकात करके सम्मानित महसूस कर रहा हूं। भारत-श्रीलंका के बीच द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की, जो बहुआयामी है और माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘पड़ोस प्रथम’ और ‘सागर’ नीति के तहत एक प्राथमिकता है।’’
इसके अलावा, रीजीजू ने मालदीव में भारत द्वारा वित्त पोषित बड़ी संपर्क परियोजनाओं का मुआयना भी किया। हम आपको बता दें कि ‘ग्रेटर माले कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट’ (जीएमसीपी) परियोजना के तहत, राजधानी शहर माले को विलिंग्ली, गुलहिफाल्हू और थिलाफुशी के निकटवर्ती द्वीपों से जोड़ने के लिए 6.74 किलोमीटर लंबा पुल और सेतु संपर्क का निर्माण किया जाएगा। रीजीजू ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, ‘‘मालदीव में जीएमसीपी के कार्यों की प्रगति देखकर खुशी हुई। यह परियोजना भारत सरकार के रियायती ऋण और अनुदान सुविधा के तहत निर्मित की जा रही है और इससे ग्रेटर माले क्षेत्र में आर्थिक विकास और समृद्धि आने की उम्मीद है।’’ हम आपको बता दें कि इस परियोजना को भारत द्वारा प्रदत्त 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर के अनुदान और 400 मिलियन अमेरिकी डॉलर की ऋण सुविधा (एनओसी) द्वारा वित्तपोषित किया गया है। इसके अलावा, रीजीजू ने सेशल्स के उपराष्ट्रपति अहमद आरिफ से मुलाकात की और बहुआयामी द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की।
हम आपको यह भी बता दें कि मालदीव में भारत के राजदूत मुनू महावर ने मोहम्मद मुइज्जू से पिछले महीने मुलाकात कर उन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का शुभकामना संदेश सौंपा था। उन्होंने कहा था कि भारत द्विपक्षीय संबंधों को और आगे बढ़ाने के लिए मालदीव के नये नेतृत्व के साथ सार्थक चर्चा करने के लिए उत्सुक है।
जहां तक शपथ ग्रहण कार्यक्रम की बात है तो आपको बता दें कि इंजीनियर से नेता बने मोहम्मद मुइज्जू ने किरेन रीजीजू समेत कई विदेशी हस्तियों की मौजूदगी में मालदीव के आठवें राष्ट्रपति के रूप में शुक्रवार को शपथ ली। मोहम्मद मुइज्जू (45) ने ‘पीपुल्स मजलिस’ की विशेष सभा में पद की शपथ ली। प्रधान न्यायाधीश मुथासिम अदनान ने मुइज्जू को पद की शपथ दिलाई। इस समारोह में हुसैन मोहम्मद लतीफ ने मालदीव के 10वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। मोहम्मद मुइज्जू के साथ इस अवसर पर उनकी पत्नी साजिदा मोहम्मद भी मौजूद थीं। इस कार्यक्रम में निवर्तमान प्रशासन से पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह के अलावा दो अन्य पूर्व राष्ट्रपतियों मोहम्मद नाशीद और डॉ. मोहम्मद वहीद समेत देश के कई शीर्ष नेता भी उपस्थित रहे। ‘सन’ समाचार पत्र के अनुसार, निवर्तमान एवं नए प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी और सांसद तथा 1,000 आम लोग कार्यक्रम में शामिल हुए।
इस समारोह में रीजीजू के अलावा दक्षिण एशिया के जिन पड़ोसी देशों के नेता शामिल हुए, उनमें श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे एवं उनकी पत्नी मैत्री विक्रमसिंघे, बांग्लादेश के सूचना मंत्री हसन महमूद, पाकिस्तान के संघीय सूचना एवं प्रसारण और संसदीय कार्य मंत्री मुर्तजा सोलांगी और सेशेल्स के उपराष्ट्रपति अहमद अफीफ और चीन के राष्ट्रपति की विशेष दूत और स्टेट काउंसलर शेन यिकिन भी उपस्थित रहीं।
मालदीव गणराज्य के विदेश मंत्रालय के अनुसार, संयुक्त अरब अमीरात के न्याय मंत्री अब्दुल्ला बिन सुल्तान बिन अवद अल नुआइमी, यूएनईएससीएपी की अवर-महासचिव आर्मिडा साल्सियाह अलिसजहबाना, राष्ट्रमंडल की महासचिव पेट्रीसिया स्कॉटलैंड केसी और तुर्किये के संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री मेहमत नूरी एर्साय भी समारोह में शामिल हुए। हम आपको यह भी बता दें कि मोहम्मद मुइज्जू की कैबिनेट के सदस्य आज रात राष्ट्रपति के कार्यालय में शपथ ग्रहण करेंगे। इसके बाद मुइज्जू राष्ट्रपति कार्यालय में शीर्ष अधिकारियों को नियुक्ति पत्र सौंपेंगे।
हम आपको बता दें कि मोहम्मद मुइज्जू ने सितंबर में हुए चुनाव में अपने पूर्ववर्ती इब्राहिम मोहम्मद सोलिह को पराजित किया था, जो भारत समर्थक थे। मुइज्जू, मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन के करीबी सहयोगी हैं। यामीन ने 2013 से 2018 तक राष्ट्रपति के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान चीन के साथ निकट संबंध स्थापित किए थे। मुइज्जू की शैक्षिक योग्यता की बात करें तो आपको बता दें कि उन्होंने लंदन विश्वविद्यालय से ‘स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग’ में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने बाद में लीड्स विश्वविद्यालय से सिविल इंजीनियरिंग में पीएचडी की।
बहरहाल, चीन समर्थक और मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन के करीबी सहयोगी माने जाने वाले मुइज्जू के निर्वाचन ने चीन में उम्मीदें बढ़ा दी हैं कि भारत के दक्षिणी तट के करीब हिंद महासागर में रणनीतिक रूप से स्थित द्वीपीय देश उसके समर्थन में नीतियों को आगे बढ़ाएगा। हम आपको बता दें कि मालदीव के राष्ट्रपति पद पर रहने के दौरान इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने ‘पहले भारत’ की नीति का पालन किया था और भारत के साथ घनिष्ठ संबंध स्थापित किए। लेकिन अब चीन समर्थक व्यक्ति के राष्ट्रपति बनने से चीन में खासा उत्साह है। इसीलिए अपने शुभकामना संदेश में शी जिनपिंग ने कहा था कि चीन और मालदीव के बीच मैत्रीपूर्ण आदान-प्रदान का एक लंबा इतिहास है।