Prabhasakshi Newsroom | खालिस्तानी आतंकी हरदीप निज्जर की हत्या पर फिर बोला अमेरिका, भारत को घेरने की तैयारी में हैं दोनों देश?

By रेनू तिवारी | Sep 26, 2023

ब्लिंकन हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की भूमिका के बारे में कनाडा के आरोप पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जो भारत के सबसे वांछित भगोड़े चरमपंथियों में से एक था, लेकिन अपनी मृत्यु तक कनाडा में स्वतंत्र रूप से रहता था। संयुक्त राज्य अमेरिका "अंतरराष्ट्रीय दमन" की घटनाओं को बहुत गंभीरता से लेता है, संयुक्त राज्य अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने न्यूयॉर्क में कहा, जब उनसे उत्तरी अमेरिकी देश में खालिस्तानी सिख आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की भूमिका के कनाडा के आरोपों के बारे में पूछा गया था।


अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा है कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने एक सिख अलगाववादी नेता की हत्या के मामले में भारत की ‘‘संलिप्तता’’ के जो आरोप लगाए हैं उनसे अमेरिका बेहद चिंतित है। ब्लिंकन ने साथ ही कहा कि ये जरूरी है कि भारत इस मामले की जांच में कनाडा के साथ मिलकर काम करे। विदेश मंत्री ने शुक्रवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि अमेरिका इस विषय पर भारत सरकार के साथ सीधे संपर्क में है। खालिस्तानी अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक विवाद जारी है। कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में 18 जून को हुई निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की ‘‘संभावित संलिप्तता’’ के ट्रूडो के आरोपों के बाद यह विवाद उत्पन्न हुआ। भारत के खिलाफ ट्रूडो के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर ब्लिंकन ने कहा, ‘‘मुझे इसके बारे में कुछ बातें कहनी है। पहली, प्रधानमंत्री ट्रूडो ने जो आरोप लगाए हैं उन्हें लेकर हम काफी चिंतित हैं।’’

 

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विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘ हम लगातार कनाडाई सहयोगियों के साथ बातचीत कर रहे हैं, न सिर्फ बातचीत बल्कि इस मुद्दे पर सहयोग भी कर रहे हैं और हमारे लिए जरूरी है कि कनाडा की जांच आगे बढ़े, साथ ही यह भी जरूरी है कि इस जांच में भारत कनाडा के साथ काम करे।’’ उन्होंने कहा,‘‘ हम जवाबदेही चाहते हैं और यह अहम है कि जांच सही दिशा में आगे बढ़े और किसी निष्कर्ष तक पहुंचे।’’ ब्लिंकन से उन रिपोर्ट के बारे में भी पूछा गया कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने ‘‘व्यक्तिगत तौर’’ पर यह मुद्दा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के समक्ष उठाया है। इस पर विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘ मैं राजनयिक स्तर की बातचीत के बारे में कुछ बोलना नहीं चाहता।’’ 

 

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उन्होंने कहा, ‘‘ हम भारत सरकार के साथ भी सीधे संपर्क में हैं। मेरा मानना है कि जो सबसे सकारात्मक चीज इस वक्त हो सकती है, वह यह है कि जांच आगे बढ़े और पूरी हो। हम उम्मीद करते हैं कि हमारे भारतीय मित्र इस जांच में सहयोग करेंगे।’’ कनाडा ने हालांकि अपने आरोपों के संबंध में कोई सबूत साझा नहीं किया है लेकिन वहां की मीडिया ने अपनी एक रिपोर्ट में कनाडाई सरकार से जुड़े सूत्रों के हवाले से बृहस्पतिवार को कहा कि सिख अलगाववादी नेता की हत्या में भारत की संलिप्तता के आरोप इंसानी तथा खुफिया जानकारी तथा ओटावा के ‘फाइव आइज’ खुफिया नेटवर्क के एक सहयोगी देश से मिली गोपनीय सूचनाओं पर आधारित हैं। ‘फाइव आइज’ खुफिया नेटवर्क में कनाडा, अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड शामिल हैं। ‘कैनेडियन ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन’ की एक इकाई सीबीसी न्यूज ने बृहस्पतिवार की अपनी रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया था कि कनाडा की सरकार ने सिख व्यक्ति की हत्या के मामले में एक माह से जारी जांच में इंसानी तथा खुफिया जानकारी जुटाई हैं। कनाडा सरकार से जुड़े सूत्रों ने कहा कि इस खुफिया जानकारी में, कनाडा में मौजूद भारतीय राजदूतों की तथा भारतीय अधिकारियों की आपस में की गई बातचीत हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि खुफिया जानकारी केवल कनाडा से ही नहीं मिली है, बल्कि कुछ जानकारी ‘फाइव आइज’ खुफिया नेटवर्क के एक अनाम सहयोगी से भी मिली हैं।


अमेरिका के प्रतिष्ठित समाचारपत्र ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने सूत्रों के हवाले से अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि सिख अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद अमेरिका ने कनाडा को खुफिया जानकारी मुहैया करायी थी लेकिन ओटावा ने जो जानकारी जुटाई थी वह अधिक ठोस थी और उसके आधार पर ही उसने भारत पर आरोप लगाए हैं। यह खबर शनिवार को तब प्रकाशित हुई जब कनाडा में अमेरिका के एक शीर्ष राजनयिक ने पुष्टि की कि ‘फाइव आइज के साझेदारों के बीच खुफिया जानकारी साझा की गयी थी’’, जिसने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को एक खालिस्तानी अलगाववादी की कनाडा की धरती पर हुई हत्या में भारतीय एजेंटों के संलिप्त रहने का आरोप लगाने को प्रेरित किया। भारत ने इन आरोपों को ‘बेतुका’ और ‘प्रेरित’ बताते हुए आक्रामक रूप से खारिज कर दिया और इस मामले में कनाडा द्वारा एक भारतीय अधिकारी को निष्कासित किए जाने के जवाब में एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित कर दिया। प्रतिबंधित खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) के प्रमुख निज्जर की 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में हत्या कर दी गयी थी। 


भारत ने 2020 में निज्जर को आतंकवादी घोषित किया था। अमेरिका ने भारत से कनाडा की जांच में उसका सहयोग करने का अनुरोध किया है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने अज्ञात अधिकारियों के हवाले से कहा, ‘‘हत्या के बाद अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने कनाडा के अपने समकक्षों को ऐसी जानकारी उपलब्ध कराईं जिससे कनाडा को यह निष्कर्ष निकालने में मदद मिली कि इसमें भारत का हाथ था।’’ इन अधिकारियों ने बताया कि ऐसा प्रतीत होता है कि कनाडाई अधिकारियों ने भारतीय राजनयिकों की बातचीत पर नजर रखी और यही वह ‘सबूत’ है जिससे भारत के इस साजिश में शामिल होने का संकेत मिलता है। कनाडा में अमेरिकी राजदूत डेविड कोहेन के सीटीवी न्यूज चैनल को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि ‘‘फाइव आइज साझेदारों के बीच खुफिया जानकारी साझा की गई थी’’ जिसके आधार पर ट्रूडो ने भारत सरकार और एक कनाडाई नागरिक की हत्या के बीच ‘संभावित’ संबंध के आरोप को लेकर सार्वजनिक बयान दिया। कोहेन ने कहा, ‘‘मैं कहूंगा कि यह साझा की गयी खुफिया सूचना का मामला है। इसके बारे में कनाडा और अमेरिका के बीच काफी संवाद हुआ।’’ 


अखबार में कहा गया है कि निज्जर की हत्या के बाद अमेरिकी अधिकारियों ने कनाडा के अपने समकक्षों को बताया कि वाशिंगटन के पास इस साजिश के बारे में पहले से कोई सूचना नहीं थी और अगर उनके पास ऐसी कोई जानकारी होती तो वे फौरन ओटावा के साथ साझा करते। खबर के मुताबिक, नाम न उजागर करने की शर्त पर अधिकारियों ने बताया कि कनाडाई अधिकारियों ने निज्जर को सामान्य चेतावनी दी थी लेकिन उसे यह नहीं बताया था कि वह भारत सरकार की किसी साजिश के निशाने पर है। कोहेन ने सीटीवी से कहा कि अमेरिका इन आरोपों को बहुत गंभीरता से लेता है। 


उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘और आप जानते हैं कि अगर ये सही साबित हुए तो नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का संभावित रूप से बहुत गंभीर उल्लंघन है।’’ अखबार में कहा गया है कि विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भारत से कनाडाई जांच में सहयोग करने का आग्रह किया है लेकिन अमेरिकी अधिकारियों ने मोटे तौर पर भारत से किसी राजनयिक तनाव से बचने की कोशिश की है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने कहा कि अमेरिकी खुफिया तंत्र के शामिल होने के खुलासे ने ऐसे वक्त में कनाडा और भारत के बीच कूटनीतिक विवाद में वाशिंगटन को फंसाने का खतरा पैदा कर दिया है जब वह नयी दिल्ली को अपना करीबी साझेदार बनाना चाहता है।


 ब्लिंकन ने शुक्रवार को न्यूयॉर्क में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो द्वारा भारत के खिलाफ लगाए गए आरोपों के बारे में उनका देश ‘बहुत चिंतित’ है और वाशिंगटन इस मुद्दे पर ओटावा के साथ ‘करीबीसमन्वय’ कर रहा है और मामले में ‘जवाबदेही’ देखना चाहता है। ट्रूडो ने शुक्रवार को कहा था कि उनके देश ने हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की संलिप्तता के बारे में ‘‘विश्वसनीय आरोपों’’ के सबूत भारत के साथ कई सप्ताह पहले साझा किए थे और कनाडा चाहता है कि नयी दिल्ली इस गंभीर मसले पर तथ्यों की तह तक जाने के लिए ओटावा के साथ ‘‘प्रतिबद्धता के साथ काम करे।’’ कनाडा के इस मामले में कोई सूचना भारत के साथ साझा किए जाने के बारे में पूछने पर नयी दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘कनाडा ने इस मामले पर तब या उससे पहले या बाद में कोई खास जानकारी साझा नहीं की। आप जानते हैं कि जैसा कि हमने कहा है या मुझे लगता है कि हमने स्पष्ट किया है कि हम किसी भी विशेष सूचना पर विचार करने के लिए तैयार हैं।

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