By अभिनय आकाश | Jan 23, 2022
उत्तर प्रदेश में 7 चरणों में चुनाव होंगे। यूपी में इन चरणों के तहत 10 फरवरी, 14 फरवरी, 20 फरवरी, 23 फरवरी, 27 फरवरी, 3 मार्च और 7 मार्च को मतदान होगा। 10 मार्च को चुनाव के नतीजे आएंगे। पहले चरण की शुरुआत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों से होगी। किसी दौर में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति का बड़ा केंद्र खतौली ही रहता था। इसके विधासभा चुनाव के रूझानों से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के चुनाव में किसानों के रुख का पता भी चलता था। खतौली विधानसभा सीट से भाजपा ने विक्रम सैनी को टिकट दिया है दूसरी ओर लोक दल ने राजपाल सैनी को प्रत्याशी के रूप में टिकट दिया है। खतौली विधानसभा क्षेत्र से बसपा ने करतार भडाना को मैदान में उतारा है।
खतौली विधानसभा एक नजर
मुजफ्फरनगर जिले में विधानसभा की कुल छह सीटें आती हैं। खतौली सीट भी उन्हीं में से एक है। यहां की उपजाउ भूमि के कारण किसान और मजदूर काफी संपन्न हैं। गन्ना और गेंहूं यहां प्रमुख रूप से उगाया जाता है। मुजफ्फरनगर जिला मुख्यालय से लगभग 21 किलोमीटर दूर खतौली एक तहसील है। यहां का जैन मंदिर काफी खूबसूरत है। इसके अलावा यहां एक सराय भी है, जिसका निर्माण शाहजहां ने करवाया था। शहर का नाम पहले खितावनी था जिसे बाद में बदलकर खतौली कर दिया गया। यहां का त्रिवेणी शुगर मिल एशिया का सबसे बड़ी शुगर मिल में से एक है।
कभी किसी एक दल का गढ़ नहीं रहा
खतौली विधानसभा सीट के राजनीतिक इतिहास पर नजर डालें तो इस सीट से भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल को दो बार जीत मिली है। वहीं कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय क्रांति दल, जनता पार्टी, कांग्रेस, लोक दल, जनता दल, भारतीय किसान कामगार पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवारों को एक-एक सफलता हासिल हुई है।
राकेश टिकैत को मिली पटखनी
2007 में जब बीकेयू ने अपना अराजनैतिक स्वरूप त्याग दिया था। तब राकेश टिकैत खुद खतौली से चुनाव लड़े थे, लेकिन लोगों ने इस मिथक को तोड़ दिया कि विधायक सिसौली तय करती है, और इस सीट से राकेश टिकैत चुनाव हार गए। उन्हें चौथे स्थान से संतोष करना पड़ा था।