By अभिनय आकाश | Sep 03, 2022
दिल्ली के बाद पंजाब में जीत का बिगुल बजा चुकी आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल की नजरें गुजरात पर टिकी हैं। रोड शो से उन्होंने गुजरात के चुनावी रण का बिगुल बहुत पहले ही फूंक दिया है। आदिवासी संकल्प महासम्मेलन हो या जनसभा आप एक तरफ तो बीजेपी के 27 सालों के शासन को कटघरे में खड़ा कर रही है। वहीं वो आप की सरकार आने पर जनता को लोकलुभावने वादे कर लुभाने की कोशिश में भी लगी है। आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविन्द केजरीवाल की उपस्थिति में राजकोट में 'डोर-टू-डोर' कार्यक्रम का आगाज आज किया गया। जिसके बाद आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि भ्रष्ट बीजेपी ने मीडिया में खौफ का माहौल बना दिया है। उन्हें आम आदमी पार्टी को बहस में बुलाने पर भी रोक लगा दी गई है। आज शाम मैं सूरत जा रहा हूं, भगवान श्री गणेश की महाआरती के लिए, मैं आप सभी को इस आरती में शामिल होने के लिए आमंत्रित करता हूं। मैं हर उस सरकारी कर्मचारी से कहना चाहता हूं जो भ्रष्ट भाजपा सरकार से पीड़ित है, किसी भी हलफनामे पर हस्ताक्षर न करें। आम आदमी पार्टी को मजबूती से बढ़ावा दें और 'आप' सरकार बनाएं। केजरीवाल ने दावा किया कि सूरत की 12 में से 7 सीटें आम आदमी पार्टी के पास आ रही हैं।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस बार गुजरात सरकार ने हर विभाग के कर्मचारियों की समस्याएं सुनने के लिए 3-4 मंत्रियों की एक कमेटी बनाई है। ये कमेटी कर्मचारियों से मिलेगी और उनकी समस्याएं सुनेगी। केजरीवाल ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने बीते 27 साल में कुछ नहीं किया और कमेटी बना रहे हैं।
क्या बीजेपी के लिए आप बन पाएगी बड़ी चुनौती?
बीजेपी ने साल 2002 के विधानसभा चुनाव में 127 सीटें अपने नाम की थी। इसके बाद पार्टी को साल 2007 में 117 और 2012 में 116 सीटें मिली। वहीं साल 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के हिस्से 99 सीटें आईं। गुजरात को लेकर राजनीति के जानकार बताते हैं कि वहां बीजेपी के लिए स्थित तो चुनौतीपूर्ण हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में इतनी क्षमता है और उनकी लोकप्रियता भी अपने चरम पर है। ऐसे में पार्टी को राज्य में एक और विजय दिला सके।