दूसरों पर झूठे आरोप लगाने के लिए जनता से भी माफी मांगें केजरीवाल

By मनोज झा | Mar 20, 2018

सार्वजनिक जीवन में अगर किसी नेता को अपने मान-सम्मान का ख्याल ना रहे तो फिर ऐसे नेता का हम क्या करें। हमारे देश में ज्यादातर नेताओं को झूठ बोलने की बीमारी है, यहां तक कि वो अपने फायदे के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं...लेकिन झूठ बोलने की भी एक सीमा होती है। अन्ना के मंच से निकल कर दिल्ली की सत्ता पर काबिज हुए अरविंद केजरीवाल ने विरोधियों को दागदार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी...कभी नितिन गडकरी को कठघरे में खड़ा किया...तो कभी कपिल सिब्बल को, कभी पंजाब के पूर्व मंत्री बिक्रम मजीठिया को ड्रग माफिया बताया तो कभी उद्योगपति मुकेश अंबानी पर गंभीर आरोप लगाए। मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने से पहले केजरीवाल और उनके साथी हर दूसरे दिन मीडिया के सामने आरोपों की पोटरी लेकर बैठ जाते थे।

केजरीवाल और उनकी कंपनी को इसका खूब फायदा भी हुआ, बड़े-बड़े खुलासे का दावा कर केजरीवाल ने जनता की नजरों में साबित कर दिया कि सिर्फ वो ही ईमानदार हैं बाकि सभी बेईमान। केजरीवाल बिना ठोस सबूत के आरोप लगाते गए और जनता उन्हें सुनती रही। लेकिन झूठ ज्यादा दिन नहीं टिकता...जेटली, गडकरी और मजीठिया ने जब केजरीवाल पर मानहानि का मुकदमा ठोंका तो केजरीवाल को अपनी गलती का अहसास हुआ। मजीठिया को नशे का सौदागर बताकर अपनी सरकार बनने पर जेल भेजने की बात करने वाले केजरीवाल ने समय को भांपते हुए उनसे माफी मांग ली वो भी लिखित में। केजरीवाल की ओर से लिखित माफी के बाद आम आदमी पार्टी में भूचाल आ गया...पंजाब में तो पार्टी टूट के कगार पर पहुंच गई। वैसे आम आदमी पार्टी ने किसी तरह पार्टी को टूटने से तो बचा लिया लेकिन उसके कई विधायक दबे मने से ये कहते सुने गए कि अगर केजरीवाल के पास सबूत नहीं थे तो आरोप क्यों लगाए...और अगर उन्होंने आरोप लगाए तो अब माफी क्यों मांग रहे हैं।

 

केजरीवाल की ओर से लिखित माफी मांगने का सिलसिला यहीं नहीं थमा...मजीठिया के बाद उन्होंने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल और उनके बेटे अमित सिब्बल से भी माफी मांग ली है। कहा ये भी जा रहा है कि केजरीवाल अब वित्त मंत्री अरुण जेटली से भी माफी मांग सकते हैं। तो क्या ये मान लिया जाए कि केजरीवाल उन सभी लोगों से लिखित में माफी मांग लेंगे जिनके ऊपर कभी उन्होंने संगीन आरोप लगाए थे। केजरीवाल गलती कर माफी मांगने में उस्ताद हैं इसका पता दिल्ली की जनता को तभी लग गया था जब वो अपनी 49 दिनों की सरकार गिराकर लोगों के बीच पहुंचे थे...सरकार से इस्तीफा देने के बाद केजरीवाल ने दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में घूम-घूम कर लोगों से माफी मांगी थी।

 

राजनीति में तेजी से सफलता हासिल करने के लिए केजरीवाल ने जो रास्ता चुना था उसका अंजाम यही होना था। सवाल उठता है कि केजरीवाल आखिर किस-किस से माफी मांगेंगे। अब तो लोग यही पूछने लगे हैं...आरोपों की फेहरिस्त लंबी है आखिर किस-किस से माफी मांगेंगे केजरीवाल साहेब? क्या अब केजरीवाल मुकेश अंबानी से भी माफी मांगेंगे...केजरीवाल ने 2014 में रोहतक की एक सभा में दावा किया था कि मुकेश और उनके भाई अनिल अंबानी के स्विस बैंक में खाते हैं...यही नहीं केजरीवाल ने तो उन खातों का नंबर भी जारी कर दिया था।

 

अब केजरीवाल और उनकी टीम को भले ही इसका अंदाजा ना हो...लेकिन सच्चाई तो यही है कि बार-बार माफी मांगने से सबसे ज्यादा नुकसान किसी और का नहीं खुद केजरीवाल का हुआ है...केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं...और कोई भी दिल्लीवासी नहीं चाहेगा कि उसका सीएम इस तरह का आचरण करे। लिखित माफीनामे से जहां केजरीवाल की छवि को भारी नुकसान पहुंचा है.. वहीं उनकी विश्वसनीयता पर भी प्रश्नचिह्न खड़े हो गए हैं।

 

अपने नेता केजरीवाल की लिखित माफी पर आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्वास ने ट्विटर पर शायराना अंदाज में अपने सीएम पर निशाना साध दिया...कुमार विश्वास ने लिखा...एकता बांटने में माहिर हैं, खुद की जड़ काटने में माहिर हैं, हम क्या उस शख्स पर थूकें जो खुद थूक कर चाटने में माहिर है? कभी केजरीवाल के गुरु रहे अन्ना हजारे ने तो यहां तक कह दिया कि किसी को ऐसा काम नहीं नहीं करना चाहिए जिसके लिए उसे बाद में माफी मांगनी पड़े।

 

अब आम आदमी पार्टी के नेता केजरीवाल की सफाई में कोई भी दलील पेश करें...सच तो यही है कि बार-बार लिखित माफी मांगकर केजरीवाल बुरी तरह फंस गए हैं...केजरीवाल के विरोधियों की मानें तो पहले आरोप लगाना और फिर माफी मांगना केजरीवाल की आदत सी हो गई है। दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन की मानें तो केजरीवाल पहले बिना सोचे समझे आरोप लगाते हैं फिर सोच समझ कर माफी मांग लेते हैं।

 

मानहानि के मुकदमों में फंसे केजरीवाल को गडकरी और कपिल सिब्बल ने तो माफ कर दिया लेकिन क्या उन्हें दिल्ली और देश की जनता माफ करेगी। अगली बार केजरीवाल जनता के सामने किस मुंह से विरोधियों पर आरोप लगाएंगे? जनता तो यही कहेगी...रहने दो जनाब हमें आप पर भरोसा नहीं...क्या पता...फंसने के बाद आप फिर से माफी मांग लो।

 

मनोज झा

(लेखक टीवी चैनल में वरिष्ठ पत्रकार हैं।)

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