Prajatantra: केजरीवाल की चर्चा, हाशिए पर अन्य विपक्षी नेता, भाजपा के दांव से बदला सियासी माहौल!

By अंकित सिंह | Apr 02, 2024

लोकसभा चुनाव को लेकर प्रचार अब प्रचार जोड़ पकड़ने लगा है। पहले चरण का चुनाव 19 अप्रैल को होना है। हालांकि यह साफ हो चुका है कि 2024 का चुनाव एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच हो रहा है। विपक्षी दलों की चुनावी तैयारी में अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी एक बड़ा मुद्दा बन गया है। दिल्ली शराब घोटाला मामले में अरविंद केजरीवाल को ईडी की ओर से गिरफ्तार किया गया है। वह फिलहाल 15 अप्रैल तक ईडी की रिमांड पर हैं अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर राजनीतिक विश्लेषक अलग-अलग तौर से विश्लेषण कर रहे हैं। कोई इसे भाजपा के लिए फायदेमंद बता रहा तो कोई इसे भाजपा के लिए नुकसानदेह बता रहा। लेकिन कहीं ना कहीं अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद विपक्ष नरेंद्र मोदी की जाल में फंसता हुआ दिखाई दे रहा है। हाल के दौर में जो कुछ भी हो रहा है, उसमें इसके साथ संकेत मिल रहे हैं। 

 

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मोदी की जाल में फंसा विपक्ष

केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद ऐसा लग रहा है कि विपक्ष की राजनीति दिल्ली के मुख्यमंत्री के इर्द-गिर्द आ गई है और आम आदमी पार्टी केंद्र में है। किसी और पार्टी की चर्चा नहीं हो रही। इसके अलावा किसी अन्य मुद्दे पर भी उतनी चर्चा नहीं हो रही जितना कि चुनाव के समय उम्मीद किया जाता रहा है। जब झारखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी हुई थी, तब उन्हें इस तरीके का समर्थन नहीं मिल पाया था। लेकिन विपक्ष ने जिस तरीके से केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ रामलीला मैदान में एकजुटता दिखाई, उससे राहुल गांधी की बजाय दिल्ली के मुख्यमंत्री केंद्र में आ गए हैं। इसके साथ ही इलेक्टोरल बांड की चर्चा कम हो गई। विपक्ष के एजेंडे को भी भाजपा को सीमित करने में मदद मिली है। सामाजिक न्याय, जातिगत जनगणना का मुद्दा जो हावी हो रहा था, उसको भी कम करने में मदद मिली है। 


चला भ्रष्टाचार वाला दांव

केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर जैसे ही विपक्ष के सभी नेता एक मंच पर आए, भाजपा ने इस मुद्दे को भी भुनाने की कोशिश कर दी। खुद प्रधानमंत्री अब इस बात पर जोर दे रहे हैं कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जैसे ही हमने अभियान की शुरुआत की, विपक्ष परेशान हो गया है। सभी भ्रष्टाचारियों दल एक मंच पर आ रहे हैं। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि मैं विपक्ष की गालियों और धमकियों से नहीं डरने वाला। भ्रष्टाचार पर कार्रवाई जारी रहेगी। तीसरे टर्म की शुरुआत में भ्रष्टाचार पर और भी तेज प्रहार होगा। इसके साथ ही मोदी ने यह भी बता दिया कि वह किस तरीके से भ्रष्टाचार के खिलाफ योद्धा की तरह युद्ध लड़ रहे हैं जबकि भ्रष्टाचार के आरोप में शामिल विपक्षी नेता उनके खिलाफ बयान बाजी कर रहे हैं।

 

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विपक्ष को अलग उम्मीद

विपक्ष लगातार लोकतंत्र पर हमले की बात कर रहा। दावा कर रहा कि देश की जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है। विपक्ष की ओर से यह भी कहा जा रहा है कि अगर मोदी की सरकार तीसरी बार आती है तो कहीं ना कहीं जांच एजेंसियों का दुरुपयोग बढ़ सकता है। साथ ही साथ हेमंत सोरेन और अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर विपक्ष सहानुभूति की भी उम्मीद कर रहा है। विपक्ष की ओर से साफ तौर पर मोदी को तानाशाह बताया जा रहा है। विपक्ष को इस बात की उम्मीद है कि ऐसा करने से जनता के बीच अलग संदेश जा सकता है और उसके पक्ष में परिस्थितियों बन सकती हैं। 

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