By अभिनय आकाश | Sep 01, 2022
बिहार की नीतीश कुमार सरकार में मंत्री के तौर 16 अगस्त को शपथ लेने वाले कार्तिक कुमार ने बुधवार की शाम अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सौंप दिया तथा उनका त्याग पत्र स्वीकार कर लिया गया है। कुमार को अपहरण के एक मामले में कथित संलिप्तता के बावजूद विधि मंत्री बनाए जाने पर विपक्ष ने आपत्ति जताई थी और उनके इस्तीफे की मांग की थी। अपने इस्तीफे पर पूर्व बिहार मंत्री कार्तिकेय सिंह ने कहा कि कोरोना के समय फिर से इस मामले में संज्ञान लिया गया। इसी बीच भाजपा के लोगों ने शोर मचाना शुरू कर दिया जिससे मेरा और पार्टी का नाम खराब हो रहा था। इसलिए पार्टी हित में हमने इस्तीफा सौंप दिया।
कार्तिकेय सिंह ने कहा कि भाजपा के लोगों को हम पच नहीं रहे थे क्योंकि हम भूमिहार समाज से राजद के कोटा से नेता थे इसलिए आरोप लगा रहे हैं। 2015 में एक मामले में मेरा नाम आया था जिसमें जांच के बाद निर्दोष साबित किया था। गौरतलब है कि बिहार विधान परिषद में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सदस्य कार्तिक कुमार ने 16 अगस्त को नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली नवगठित महागठबंधन सरकार में मंत्री के रूप में शपथ ली थी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 2014 के अपहरण एक मामले में कार्तिक कुमार के नामज़द होने के बावजूद उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने पर सवाल खड़ा करते हुए उन्हें मंत्री पद से हटाए जाने की मांग की थी।