By अंकित सिंह | Sep 01, 2022
बिहार सरकार के पूर्व मंत्री कार्तिक कुमार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। अपहरण के एक मामले में पटना के दानापुर कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दी है। आपको बता दें कि यह वही कार्तिक कुमार है जिन को लेकर भाजपा लगातार नीतीश कुमार पर हमलावर है। कार्तिक कुमार ने इससे पहले बुधवार को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। महागठबंधन की सरकार बनने के बाद कार्तिक कुमार को कानून मंत्री बनाया गया था। हालांकि, भाजपा ने जब सवाल पूछने शुरू किए तो कार्तिक कुमार को गन्ना उद्योग विभाग की जिम्मेदारी दी गई। लेकिन शाम होते होते उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। कार्तिक कुमार ने इस्तीफे के बाद भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा था कि भगवा पार्टी किसी भूमिहार को मंत्री बनते देखना नहीं चाहती है। यही कारण है कि उन्हें निशाना बना रही है।
वहीं, कार्तिक कुमार की जमानत याचिका खारिज होने के बाद सुशील मोदी नीतीश कुमार पर हमलावर हो गए हैं। सुशील मोदी ने ट्वीट कर कार्तिक कुमार की गिरफ्तारी की मांग की है। अपने ट्वीट में सुशील मोदी ने लिखा कि कोर्ट में पूर्व मंत्री कार्तिकेय कुमार की जमानत याचिका खारिज होने के बाद उन्हें अविलम्ब गिरफ्तार किया जाना चाहिए। सुशील मोदी ने कहा कि यह नीतीश कुमार की अग्नि परीक्षा है और देखना यह है कि महागठबंधन सरकार की पुलिस छापामार कर कार्तिकेय कुमार को गिरफ्तार करती है या उन्हें फरार होने का मौका देती है। उन्होंने कहा कि हत्या की नीयत से अपहरण के मामले में कार्तिकेय कुमार के विरुद्ध आरोपपत्र दाखिल होने और हाईकोर्ट से कोई कानूनी राहत नहीं मिलने की जानकारी के बावजूद नीतीश कुमार ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद के दबाव में उन्हें ही नहीं, कई दागियों को मंत्री बनाया।
सुशील मोदी ने आगे कहा कि वांछित अभियुक्त कार्तिकेय कुमार को मंत्री बनाने पर सवाल उठाने के कारण लालू प्रसाद ने मुझे झूठा कहा था, लेकिन अदालत ने सच सामने रख दिया। आपको बता दें कि नीतीश कुमार ने एनडीए का साथ छोड़कर महागठबंधन के साथ सरकार बना ली थी 16 अगस्त को हुए मंत्रिमंडल विस्तार में कार्तिक कुमार को राजद कोटे से मंत्री बनाया गया था। कार्तिक कुमार बिहार विधान परिषद के सदस्य हैं। उन्हें कार्तिकेय कुमार के भी नाम से जाना जाता है। कार्तिक कुमार को बाहुबली नेता अनंत सिंह का भी काफी करीबी बताया जाता है।