Prabhasakshi NewsRoom: जानिये Karnataka में किस पार्टी के चुनाव घोषणापत्र में कितना है दम?

By नीरज कुमार दुबे | May 02, 2023

कर्नाटक में 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए सभी पार्टियों के घोषणापत्र जारी हो गये हैं। एक दिन पहले सत्तारुढ़ भाजपा ने अपना घोषणापत्र जारी किया था तो आज सुबह कांग्रेस ने भी अपना घोषणापत्र जारी कर दिया। कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में आरक्षण की सीमा को 50 से 75 प्रतिशत तक ले जाने समेत कई लुभावने वादे किये हैं तो वहीं भाजपा का घोषणापत्र स्थायी और समावेशी विकास पर जोर देता है। जनता दल सेक्युलर के घोषणापत्र की बात करें तो उसने प्रमुख वादा यह किया है कि वह मुस्लिमों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण को बहाल कर देगा। इस तरह देखा जाये तो इस बार का कर्नाटक विधानसभा चुनाव राष्ट्रवाद, मुफ्त रेवड़ियों और आरक्षण की राजनीति के इर्दगिर्द घूम रहा है जबकि विधानसभा का चुनाव स्थानीय विकास से संबंधित मुद्दों पर लड़ा जाना चाहिए था।


कांग्रेस का घोषणापत्र


सभी पार्टियों के घोषणापत्रों पर सरसरी नजर डालें तो सबसे पहले बात करते हैं कांग्रेस की। जिसने अपने घोषणापत्र को ‘‘सर्व जनांगदा शान्तिय तोटा’’ नाम दिया है। ‘‘सर्व जनांगदा शान्तिय तोटा’’ का हिन्दी में अर्थ ‘‘सभी लोगों के लिए शांति का बगीचा’’ है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कांग्रेस की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष डीके शिवकुमार तथा कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धरमैया सहित अन्य पार्टी नेताओं की उपस्थिति में घोषणापत्र जारी किया जिसमें गृह ज्योति, गृह लक्ष्मी, अन्न भाग्य, युवा निधि एवं शक्ति की पांच गारंटी दोहराई गई हैं। घोषणापत्र के मुताबिक, गृह ज्योति के तहत 200 यूनिट नि:शुल्क बिजली देने का वादा किया गया है, वहीं गृह लक्ष्मी में परिवार की मुखिया को दो हजार रुपए तथा अन्न भाग्य में दस किलोग्राम अनाज देने का वादा किया गया है।

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इस घोषणापत्र में कहा गया है कि युवा निधि के तहत बेरोजगार स्नातकों को एक माह में तीन-तीन हजार रुपए तथा डिप्लोमाधारी बेरोजगारों को डेढ़-डेढ़ हजार रुपए दिए जाएंगे। खरगे ने राज्य में पार्टी की सरकार बनने पर पहले दिन ही घोषणापत्र के वादों को लागू करने का आश्वासन दिया। घोषणापत्र में पांच गारंटी का उल्लेख करते हुए खरगे ने कहा, ‘‘मैं छठवीं गारंटी देता हूं कि सभी वादों को सरकार गठन के पहले दिन, मंत्रिमंडल की पहली बैठक में लागू किया जाएगा।’’ घोषणापत्र में कहा गया है कि शक्ति योजना के तहत सभी महिलाओं को राज्य भर में केएसआरटीसी / बीएमटीसी बसों में नि:शुल्क यात्रा की सुविधा दी जाएगी। पार्टी ने कहा कि भाजपा द्वारा राज्य में पारित किए गए ‘‘अन्यायपूर्ण सभी कानूनों’’ तथा ‘‘अन्य जन विरोधी कानूनों’’ को सत्ता में आने के एक वर्ष के भीतर ही रद्द कर दिया जाएगा।


भाजपा का घोषणापत्र


वहीं अगर भारतीय जनता पार्टी के घोषणापत्र का जिक्र करें तो आपको बता दें कि सत्तारुढ़ पार्टी ने सोमवार को जो विजन डॉक्यूमेंट जारी किया था उसमें पार्टी के सत्ता में लौटने पर “सभी अवैध प्रवासियों” को वापस भेजने का वादा किया गया है। इस तरह 2021 के असम विधानसभा चुनाव के बाद पहली बार किसी विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) का मुद्दा फिर चर्चा में आ गया है। इसके अलावा पार्टी ने हाल के चुनाव में आजमाई अपनी रणनीति के अनुसार राज्य केंद्रित घोषणापत्र में समान नागरिक संहिता को शामिल किया है और इसे लागू करने की बात कही है। हम आपको बता दें कि समान नागरिक संहिता भाजपा का राष्ट्रीय एजेंडा रहा है। पार्टी ने कहा कि अगर वह कर्नाटक की सत्ता मे बनी रखती है, तो एक उच्चस्तरीय समिति की सिफारिशों के आधार पर समान नागरिक संहिता लागू की जाएगी। पार्टी ने अब तक असम को छोड़कर विभिन्न विधानसभा चुनावों के घोषणापत्रों में एनआरसी के मुद्दे से परहेज किया था।


हम आपको याद दिला दें कि भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव घोषणा पत्र में एनआरसी बनाने और संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) लागू करने का वादा किया था। सीएए को 2019 में संसद से मंजूरी मिल गई थी, लेकिन नियमों के अभाव के चलते इसे लागू नहीं किया गया। सरकार ने दिसंबर 2019 में एनआरसी और सीएए को लेकर हुए विरोध प्रदर्शनों के बीच कहा था कि उसका देशव्यापी एनआरसी का कोई इरादा नहीं है। सरकार ने विपक्षी दलों पर इस मुद्दे पर “झूठ” फैलाने का आरोप लगाया था। कई मुस्लिम समूहों और विपक्षी दलों ने सीएए और एनआरसी को धार्मिक आधार पर भेदभावपूर्ण करार दिया था। राजनीति के जानकारों को लगता है कि भाजपा एनआरसी का मुद्दा छेड़कर कर्नाटक में अपने हिंदुत्व के एजेंडे को धार देने की कोशिश कर रही है। यह एक ऐसा मुद्दा है, जो पार्टी समर्थकों के दिल के काफी करीब रहा है। भाजपा कर्नाटक में विपक्षी दल कांग्रेस को सत्ता से दूर रखने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है। वैसे कर्नाटक का एक रिकॉर्ड यह भी रहा है कि राज्य में किसी भी पार्टी को लगातार दो बार चुनाव में जीत हासिल नहीं हुई है।


भाजपा ने अपने घोषणापत्र में साथ ही गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) जीवन यापन करने वाले परिवारों के लिए साल में तीन बार मुफ्त रसोई गैस सिलेंडर तथा सस्ता एवं स्वस्थ भोजन मुहैया कराने के लिए ‘अटल’ भोजन केंद्रों का वादा भी किया है। पार्टी ने राज्य में धार्मिक कट्टरवाद और आतंक के खिलाफ ‘कर्नाटक स्टेट विंग’ (के-स्विफ्ट) नामक एक विशेष विंग बनाने का भी वादा किया है। पार्टी ने ‘पोशाने’ योजना शुरू करने का भी वादा किया, जिसके माध्यम से प्रत्येक बीपीएल परिवार को हर दिन आधा लीटर ‘नंदिनी’ दूध और मासिक राशन किट के माध्यम से पांच किलो ‘श्री अन्न- सिरी धन्य’ प्रदान किया जाएगा। पार्टी ने ‘सर्वरिगु सुरू योजना’ का भी वादा किया, जिसके तहत राजस्व विभाग बेघर लोगों के लिए राज्य भर में 10 लाख आवास स्थलों की पहचान करेगा और उनके बीच वितरित करेगा।


भाजपा ने कहा कि वह ‘ओनाके ओबाव्वा सामाजिक न्याय निधि’ नामक एक योजना शुरू करेगी, जिसके माध्यम से वह अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति परिवारों की महिलाओं के लिए योजना के तहत किए गए पांच साल के सावधि जमा पर 10,000 रुपये तक की समान जमा राशि प्रदान करेगी। घोषणापत्र के मुताबिक कर्नाटक अपार्टमेंट स्वामित्व अधिनियम-1972 में सुधार और शिकायत निवारण तंत्र को आधुनिक बनाने के लिए ‘कर्नाटक निवासी कल्याण सलाहकार समिति’ का गठन किया जाएगा। प्रस्तावित विश्वेश्वरैया विद्या योजना के तहत, पार्टी ने सरकारी स्कूलों को ‘शीर्ष श्रेणी के मानक’ में समग्र उन्नयन के लिए प्रतिष्ठित व्यक्तियों और संस्थानों के साथ साझेदारी करने का वादा किया। पार्टी ने कहा कि प्रतिभाशाली युवा पेशेवरों के लिए शिक्षा और रोजगार का एक गतिशील पारिस्थितिकी तंत्र निर्मित करने के वास्ते छोटे और मध्यम उद्यमों और औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के बीच सहयोग के लिए 'समन्वय योजना' शुरु की जाएगी।


आरोग्य श्रेणी में भाजपा ने ‘मिशन स्वास्थ्य कर्नाटक’ शुरू करने का वादा किया है। इसके तहत नगर निगमों के प्रत्येक वार्ड में एक-एक ‘नम्मा क्लीनिक’ (हमारा क्लिनिक) स्थापित किए जाएंगे जो नैदानिक सुविधाओं से लैस होंगे। इसके अलावा, यह वरिष्ठ नागरिकों के लिए साल में एक बार मुफ्त स्वास्थ्य जांच की सुविधा प्रदान करेंगे। पार्टी ने कहा कि अगर वह सत्ता में आती है तो वह कल्याण सर्किट, बनवासी सर्किट, परशुराम सर्किट, कावेरी सर्किट और गनागापुरा कॉरिडोर को विकसित करने के लिए 1,500 करोड़ रुपये आवंटित करेगी ताकि कर्नाटक को भारत के सबसे पसंदीदा पर्यटन स्थल में बदला जा सके। इसके अलावा, उसने कहा कि उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाओं के दायरे को व्यापक बनाया जाएगा जो अंततः कर्नाटक में 10 लाख नौकरियां पैदा करेगी।


जनता दल सेक्युलर का घोषणापत्र


दूसरी ओर जनता दल सेक्युलर के घोषणापत्र की बात करें तो आपको बता दें कि इसमें मुसलमानों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण बहाल करने का वादा किया गया है। पार्टी ने अपने घोषणापत्र को ‘‘जनता प्रणालिका’’ (जन घोषणापत्र) का नाम दिया है। जद (एस) ने नंदिनी ब्रांड को बचाने के लिए अमूल को राज्य से ‘‘बाहर निकालने’’ समेत अन्य वादे किए हैं। पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा के नेतृत्व वाली पार्टी ने निजी क्षेत्र में कन्नाडिगों के लिए नौकरियों को आरक्षित करने वाला कानून लाने का आश्वासन दिया है, साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए मुफ्त उच्च शिक्षा प्रदान करने का भी वादा किया गया है।

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