By रितिका कमठान | May 10, 2023
कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग की शुरुआत हो गई है। राज्य में 10 मई को 224 सीटों पर विधानसभा चुनाव हो रहे है। लगभग एक महीने तक चले लंबे प्रचार अभियान के बाद 2,615 उम्मीदवारों की चुनावी किस्मत जनता और वोटरों के हाथ में आ गई है।
कर्नाटक में सुबह सात बजे से मतदान शुरु हुआ है जो कि शाम छह बजे तक जारी रहेगा। शाम तक जनता घरों से निकलकर सभी उम्मीदवारों की किस्मत को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में बंद करेगी। जनता के फैसले लेने के बाद पता चलेगा कि कर्नाटक की सत्ता का ताज भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) बरकरार रख पाती है या कांग्रेस उससे यह ताज छीनने में सफल रहती है या फिर तीसरी ताकत के रूप में जनता दल (सेक्युलर) इसकी कुंजी अपने पास रखता है। मतदान के बाद चुनाव का नतीजा 13 मई को सामने आएगा।
राज्य में बने 58 हजार से अधिक केंद्र
कर्नाटक की सभी सीटों के लिए मतदान सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक होगा। राज्य भर में 58,545 मतदान केंद्रों पर कुल 5,31,33,054 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। ये मतदाता 2,615 उम्मीदवारों की चुनावी किस्मत तय करने आज मतदान केंद्रों पर पहुंच रहे है। मतदाताओं में 2,67,28,053 पुरुष, 2,64,00,074 महिलाएं और 4,927 ‘अन्य’ हैं। उम्मीदवारों में 2,430 पुरुष, 184 महिलाएं और एक उम्मीदवार अन्य लिंग से हैं। राज्य में 11,71,558 युवा मतदाता हैं, जबकि 5,71,281 दिव्यांग और 12,15,920 मतदाता 80 वर्ष से अधिक आयु के हैं।
पीएम मोदी समेत कई नेताओं ने किया प्रचार
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता के रथ पर सवार सत्तारूढ़ भाजपा की कोशिश 38 साल के उस मिथक को तोड़ने की है जिसमें प्रदेश की जनता ने किसी भी सत्ताधारी पार्टी को वापस सत्ता में बिठाने से परहेज किया है। आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर दक्षिण के अपने इस गढ़ को बरकरार रखने के लिए भाजपा ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। प्रधानमंत्री मोदी ने राज्य में करीब डेढ़ दर्जन चुनावी जनसभाओं और आधा दर्जन से अधिक रोड शो के जरिए फिर से जनता का विश्वास हासिल करने का प्रयास किया है।
कांग्रेस ने भी लगाई पूरी ताकत
वहीं कांग्रेस ने 2024 के लोकसभा चुनावों में खुद को मुख्य विपक्षी दल के रूप में स्थापित करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। कांग्रेस के लिए उसके अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पार्टी संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने पूरे राज्य में जनसभाएं की। राहुल और प्रियंका ने कई रोड शो भी किए। पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने प्रचार अभियान में कोई कसर नहीं छोड़ी। बहरहाल, इन दोनों दलों के अलावा सबकी नजर पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा के नेतृत्व वाले जनता दल (सेक्युलर) पर भी है।
जानकारों का कहना है कि त्रिशंकु जनादेश की स्थिति में सरकार गठन की कुंजी उसी के हाथों में होगी। पूर्व के चुनावों में भी राज्य में कई अवसरों पर यह स्थिति उभर चुकी है। चुनाव प्रचार के दौरान सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने ‘पूर्ण बहुमत वाली सरकार’ का नारा जोरशोर से बुलंद किया। मतदान के दौरान कुल 75,603 बैलेट यूनिट (बीयू), 70,300 कंट्रोल यूनिट (सीयू) और 76,202 वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) का इस्तेमाल किया जाना है। चुनाव अधिकारियों के अनुसार, स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं निर्बाध चुनाव के लिए राज्य भर में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं और पड़ोसी राज्यों से बलों को तैनात किया गया है।