कानपुर हिंसा मामले में अबतक 29 लोगों की गिरफ्तारी, PFI से जुड़े दस्तावेज मिले, बरेली में धारा 144 लागू

By अनुराग गुप्ता | Jun 05, 2022

कानपुर हिंसा मामले को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस एक्शन में नजर आ रही है। इस मामले में 5 और गिरफ्तारियां की गई हैं। जिसके बाद गिरफ्तार किए गए लोगों की कुल संख्या 29 हो गई है। इसी बीच पुलिस कानपुर में हुई हिंसा को लेकर पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) का कनेक्शन खंगाल रही थी। ऐसे में पुलिस को कुछ दस्तावेज मिले हैं, जिसकी जांच की जा रही है। जांच के बाद इस पर विस्तृत जानकारी मिल सकती है। 

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कानपुर में किया गया फ्लैग मार्च

कानुपर पुलिस आयुक्त विजय सिंह मीणा ने बताया कि मुख्य रूप से शांति व्यवस्था बनी रहे इसके लिए फ्लैग मार्च किया जा रहा है। अब तक 29 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है और फोटो, वीडियो के आधार पर 100 से अधिक लोगों को चिह्नित किया गया है। उन्होंने बताया कि जब हम लोगों को पहचानने की कोशिश कर रहे थे तब दुकानों में वीवीआर चेक की गई तो वे फॉर्मेट्टेड पाई गई, हम देख रहे हैं कि उन्हें फॉर्मेट्टे क्यों किया गया।

उन्होंने बताया कि अब तक की जांच में पीएफआई से जुड़े दस्तावेज मिले हैं। जफर हयात हाशिमी मुख्य आरोपी है और उसके ठिकाने से कई अहम दस्तावेज भी मिले हैं। जिनका संबंध पीएफआई के बताया जा रहा है। पुलिस इसकी जांच कर रही है। इसी बीच पुलिस ने जानकारी दी कि आरोपियों के नेटवर्क को नष्ट करने और उनके मोबाइल की जांच के लिए एक और टीम गठित की गई है। इन टीमों के गठन से इस मामले में जांच की प्रगति तय होगी।

बरेली में लगा कर्फ्यू

कानपुर में हुई हिंसा को लेकर आरोपितों की पहचान करने में जुटी हुई है। इसके अलावा पुलिस का कहना है कि अगर कोई आरोपित भाग गया होगा तो भी हम उसे पकड़ लेंगे। इसी बीच मुस्लिम धर्मगुरु तौकीर रजा ने 10 जून को विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है। जिसके मद्देनजर बरेली जिला प्रशासन ने धारा-144 के तहत कर्फ्यू लगाया है।

जिसके मुताबिक, सार्वजनिक स्थानों पर 5 से ज्यादा लोगों के एकसाथ निकलने की अनुमति नहीं होगी। धारा-144 लागू होने के साथ ही किसी भी प्रकार के धरना प्रदर्शन की अनुमति नहीं होगी। कानपुर में जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा जैसी परिस्थितियों से बचने के लिए ऐहतियातन पुलिस ने यह कदम उठाया है। 

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क्या है पूरा मामला ?

कानपुर में जुमे की नमाज के बाद बाजार बंद कराने को लेकर दो समुदाय आपस में भिड़ गए। मामला इतना ज्यादा बढ़ गया कि पत्थरबाजी के साथ-साथ कई राउंड गोलियां तक चलीं। हालात को बिगड़ता देख पुलिस की कई कंपनियों को तैनात किया गया और तत्काल प्रभाव से गिरफ्तारियां की जाने लगी। इसके अतिरिक्त इलाके में शांति व्यवस्था बहाल करने के उद्देश्य से फ्लैग मार्च किया गया। दरअसल, भाजपा नेता नुपुर शर्मा के बयान को लेकर अल्पसंख्यक समुदाय नाराज बताया जा रहा है। जिसके बाद कानपुर में हिंसा भड़की। हालांकि पुलिस प्रशासन सख्त नजर आ रहा है और आरोपितों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई होगी और बुलडोजर चलाए जाएंगे।

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