By कमल सिंघी | Apr 04, 2020
4 अप्रैल शनिवार को चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी है। इस दिन सालों बाद एक संयोग बना है, यह है शनिवार को एकादशी आने का, यानी भगवान विष्णु की पूजन के साथ शनिदेव की भी आराधना करेंगे। इन दिनों कोरोना वायरस को लेकर देशभर में लॉकडाउन के हालात है, इस वजह से प्रभासाक्षी की अपील है कि घर पर ही रहकर पूजन कार्य करें। ज्योतिषियों के अनुसार शनिवार और एकादशी के योग में शनि की भी पूजा करना बेहद फलदायी होता है। इस दिन एक व्रत करने से दो भगवान को प्रसन्न किया जा सकता है।
कर्म की प्रधानता वाले देवता हैं शनि
शनि देव सूर्य देवता के पुत्र हैं और शनि देव की माता का नाम छाया है। यमराज भी शनिदेव के भाई और यमुना जी इनकी बहन हैं। एकादशी के दिन शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए सरसों का तेल का दीपक जलाना चाहिए। साथ ही ऊँ शं शनैश्चराय नम: शनिदेव के मंत्र का भी जाप करते रहना चाहिए। शनिदेव और एकादशी के संयोग में काले तील, काली उड़द और काल वस्त्रों का दान करना शुभ फल देता है। इन दिनों गर्मी का मौसम भी शुरु हो चला है, ऐसे में आप किसी गरीब को चप्पल-जूते और छाता दान करें तो यह बहुत ही शुभदायी होता है। इस दिन किसी जरुरतमंद को तेल दान करने से बाधाएं खत्म होती हैं।
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विष्णु भगवान को ऐसे करें प्रसन्न
एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए किया जाता हैं। लेकिन व्रत के साथ कुछ टोटके भी करेंगे तो भगवान विष्णु की कृपा जल्द ही हमें मिल सकती हैं। इस दिन पूजा में भगवान विष्णु को पीले चमकीले वस्त्र चढ़ाएं। भगवान विष्णु के साथ माता महालक्ष्मी की भी आराधना जरुर करें। दक्षिणावर्ती शंख से अभिषेक करें। इसके लिए दूध में केसर मिलाएं और शंख में भरकर भगवान विष्णु के साथ माता महालक्ष्मी का अभिषेक करें। पूजन के समय ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप भी करना चाहिए।
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एकादशी के दिन क्या करें
एकादशी के दिन भगवान विष्णु का व्रत करें। इस दिन शनिवार हैं, इसलिए शनिदेव की आराधना जरुर करें। विष्णु भगवान के साथ शनिदेव की आराधना से कई शुभ फलों की प्राप्ति होती है। भगवान शनिदेव जल्द प्रसन्न होंगे। एक व्रत से दो फायदे मिल सकेंगे। लॉकडाउन के चलते मंदिर में जाकर पूजन करने की बजाए घर में ही भगवान की पूजन करें। व्रत करने के दौरान भगवान को भोग लगाकर फलाहार करना चाहिए।
कमल सिंघी