By अनन्या मिश्रा | Feb 01, 2025
आज ही के दिन यानी की 01 फरवरी को भारतीय मूल की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला की मृत्यु हो गई थी। अंतरिक्ष में रहने के सपने दिखाने वालों में से एक रहीं कल्पना चावला का जीवन भी उड़ते- उड़ते खत्म हो गया। जब कल्पना चावला ने अंतरिक्ष तक का सफर यह किया तो उनकी इस उपलब्धि से न सिर्फ महिलाओं को प्रेरणा मिली, बल्कि यह भारत के लिए गौरव और विश्व के लिए ऐतिहासिक क्षण बन गया था। तो आइए जानते हैं उनकी डेथ एनिवर्सरी के मौके पर कल्पना चावला के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में।
बचपने से उड़ने का सपना देखती थीं कल्पना
हरियाणा के करनाल में 17 मार्च 1962 को कल्पना चावला का जन्म हुआ था। इनके पिता का नाम बनारसी लाल चावला और मां का नाम संज्योति चावला था। कल्पना चावला की शुरूआती शिक्षा करनाल में पूरी हुई। कल्पना ने पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज के ग्रेजुएशन पूरा किया और फिर वह अमेरिका चली गईं। साल 1982 में जब कल्पना चावला अमेरिका गईं, तो वहां पर टैक्सस यूनिवर्सिटी से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में एम.टेक की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो से डॉक्टरेट की डिग्री भी हासिल की।
ऐसे शुरू हुआ पहला सफर
बता दें कि साल 1988 में कल्पना चावला ने नासा ज्वॉइन किया था। वहीं साल 1997 में कल्पना ने अपना पहला सफर शुरू किया था। इस मिशन के लिए वह अपने 5 एस्ट्रोनॅाट साथियों के गई थीं। इस दौरान कल्पना चावला ने 10.4 मिलियन माइल्स का सफर तय किया था और पृथ्वी के 252 चक्कर काटे थे। पहले मिशन के कामयाब होने से कल्पना का उत्साह 7वें आसमान पर था।
दूसरे सफर में हुई मौत
पहले मिशन के सक्सेस होने के बाद 16 जनवरी 2003 में कल्पना चावला सहित 7 लोगों ने कोलंबिया STS-107 से उड़ान भरी थी। यह कल्पना चावला का दूसरा स्पेश मिशन था। लेकिन बदकिस्मती से यह उनका आखिरी मिशन भी रहा। दरअसल, नासा का अंतरिक्ष यान कोलंबिया 01 फरवरी 2003 को अंतरिक्ष यात्रा के बाद 7 चालक दल के सदस्यों के साथ वापस लौट रहा था। इसी दौरान पृथ्वी पर लौटते समय शटल कोलंबिया वायुमंडल में प्रवेश करते ही दुर्घटना का शिकार हो गया।
लोगों ने धरती पर आसमान से आग का एक गोला गिरते देखा। इस दुर्घटना में कल्पना चावला समेत 7 लोगों की मौत हो गई। वहीं इस हादसे के कारणों की जांच के लिए नासा ने स्पेस शटल फ्लाइट्स को अगले दो साल से अधिक समय के लिए निलंबित कर दिया था।