By दिनेश शुक्ल | Dec 09, 2020
इंदौर। कोरोना वैक्सीन ट्रायल का मामला अब राजनीतिक वाद-विवाद का विषय बनता जा रहा है। इसे लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह एवं भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय के बीच बयान युद्ध शुरू हो गया है। विजयवर्गीय ने दिग्विजय सिंह को नसीहत दी है कि जिस विषय की जानकारी न हो, उस पर टिप्पणी नहीं करना चाहिए।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने एक दिन पहले कारोना वैक्सीन के ट्रायल को लेकर कहा था कि ऐसे समय में जो प्रोटोकाल है, उसके साथ कंप्रोमाइज किया जा सकता है। लेकिन इसमें जो होड़ लग गई है, कौन सी फार्मा कंपनी में कौन से वैक्सीन का यूज किया जाएगा, जिससे हमें बचना चाहिए। देश के लोगों को गिनीपिग नहीं बनाना चाहिए। हरियाणा के मंत्री ने शोहरत पाने के लिए वैक्सीन लिया और उन्हें कोविड हो गया। अब कह रहे हैं कि सेकंड डोज लेना जरूरी है। कोई भी वैक्सीन आता है तो उसका परीक्षण मानव पर करने के पहले एनिमल पर किया जाता है। इस पर बहुत ही सावधानी बरतने की जरूरत है, क्योंकि भारत किसी वैक्सीन के लिए प्रयोग शाला नहीं हो सकता है।
वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के इस बयान पर पलटवार करते हुए कैलाश विजयवर्गीय ने बुधवार को कहा है कि दिग्विजय सिंह कोई डॉक्टर तो हैं नहीं। जिसमें अपने को नॉलेज नहीं हो, उस बात पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। इसलिए मैं भी कोई टिप्पणी नहीं करता हूं। विजयवर्गीय ने कहा कि दिग्विजय सिंह एक सीनियर लीडर हैं, इसलिए उन्हें सलाह देता हूं कि आपको यदि इस बारे में अल्पज्ञान है तो टिप्पणी नहीं करें।
बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन पर कहा कि देश में जो किसान आंदोलन चल रहा है, उसमें मुझे लगता है कि 90 प्रतिशत किसान उससे दूर हैं। 10 प्रतिशत किसान आंदोलन में शामिल हैं। इस आंदोलन को जो ताकते सपोर्ट कर रही हैं वो इस देश के लिए अलार्मी है। विदेशों में किसान आंदोलन का समर्थन हो रहा है। ये कौन लोग हैं, इसकी गहराई में जाकर सोचना चाहिए कि किसानों के नाम पर राजनीति कौन कर रहा है।