Film के बदले सेक्स, सिनेमा के डर्टी पिक्चर की कलई खोलती 235 पन्नों की रिपोर्ट, जिसने 17 इस्तीफें करवा दिए

By अभिनय आकाश | Aug 28, 2024

"उन्होंने मुझे होटल में बुलाया था। जब मैं वहां गई तो मुझे ऐसा नहीं लगा कि उनकी सोच ऐसी होगी। मुझे बाद में ये पता चला कि जिस फिल्म के बारे में बताया गया है, वो अस्तित्व में नहीं थी। उस होटल में मेरा यौन शोषण किया गया। ये एक जाल था। अब वो जो भी कह रहे हैं झूठ है। उसने मेरे अलावा औरों के साथ भी ऐसा किया है।"

"वो पहला व्यक्ति था जिसने ये कोशिश की। एक फिल्म की शूटिंग के दौरान जब मैं वॉशरूम में थी तो उसने मुझे पीछे से आकर पकड़ लिया और फिर किश किया। जिसके बाद मैं वहां से बच कर भाग गई। ये मेरी पहली फिल्म थी। मैं समझ ही नहीं पा रही थी कि ये सब कैसे हो गया। जिसके बाद जय सूर्या ने मुझे अपने फ्लैट पर बुलाया लेकिन मैं नहीं गई।"

फिल्म इंडस्ट्री वो जगह जहां काम करने का सपना कई लड़कियां देखती हैं। भले ही ये इंडस्ट्री बहुत ग्लैमर और चमक-धमक भरी हो लेकिन इस पर कई तरह के आरोप अक्सर लगते रहे हैं। चाहे वो कास्टिंग काउच हो नैपोटिज्म हो या फिर सेक्सुअल फेवर की डिमांड। कई कलाकारों की तरफ से सेक्सुअल फेवर वाली शिकायत या यूं कहें कि आरोप लगाते रहे हैं। ये बात जितनी तेजी से उठती है उतनी ही तेजी से दब भी जाती है। लेकिन अब एक बार फिर से ये बातें उठने लगी है। हेमा कमेटी की रिपोर्ट ने मलयालम फिल्म इंडस्ट्री के उस काले सच को उजागर किया है जिसकी चर्चा अक्सर दबी जुबान में होती रही है। रिपोर्ट सामने आने के बाद से सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक बवाल मचा हुआ है। हेमा कमेटी के खुलासों के बाद दो अभिनेत्रियों ने यौन शोषण के गंभीर आरोप लगाए हैं। मलयालम फिल्म इंडस्ट्री की कुछ कलाकारों ने हैरान करने वाले खुलासे के जरिए बताया कि फिल्म में रोल पाने के लिए उन्हें क्या क्या करना पड़ता है। आखिर जस्टिस हेमा कमेटी की रिपोर्ट में ऐसा क्या है? इस रिपोर्ट से मलयाली सिनेमा के बड़े नामों के बारे में क्या पता चला है, मलायम फिल्म इंडस्ट्री पर इसका क्या असर देखने को मिल रहा है। 

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235 पन्नों की रिपोर्ट, 17 इस्तीफे

मलयालम फिल्म जगत के काले चिट्ठे खोलती 235 पन्नों की रिपोर्ट पिछले दिनों पेश हुई। इसे जस्टिस के हेमा के नेतृत्व में बनी कमेटी ने तैयार किया था। ये बताती है कि मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में कैसे सुनियोजित तरीके से महिलाओं का शोषण और यौन शोषण किया जाता है। कमेटी ने इंडस्ट्री की कुछ ऐसी महिलाओं से बात की जिनकी उम्र 30 साल से कम है। उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में अलग अलग स्तर पर काम किया। उस दौरान शोषण झेला। मलयालम मूवी आर्टिस्ट एसोसिएशन यानी एएएमएमए की 17 सदस्यों की टीम ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। अभिनेता मोहनलाल साउथ सिनेमा के फेमस एक्टर हैं। हिंदी फिल्मों में आप उन्हें कंपनी और राम गोपाल वर्मा की आग जैसी फिल्मों में देख चुके हैं। उन्हीं मोहनलाल की अध्यक्षता वाले संगठन के 17 सदस्यों ने नैतिकता के आधार पर ये इस्तीफा दिया। नई गवर्निंग बॉडी का गठन जल्द किया जाएगा। इसके लिए दो महीने के भीतर बैठक बुलाई जाएगी। 

अभिनेत्री की किडनैपिंग, वुमन इन सिनेमा कलेक्टिव की मुहिम

2010 के दौर में मलयाली सिनेमा के खिलाफ आवाज उठनी शुरू हो गई थी। फरवरी 2017 में मलयाली फिल्म की एक लीड एक्ट्रेस को किडनैप करके उन्हें यौन उत्पीड़न का शिकार बनाया गया। ये केस अब भी कोर्ट में लंबित है। इस केस में एक्ट्रेस ने मलयाली फिल्मों के बड़े एक्टर दिलीप को भी आरोपी बनाया। इस केस के बाद कोच्चि में महिलाओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न के विरोध में 18 महिलाओं ने एक संगठन बनाकर उसका नाम वुमन इन सिनेमा कलेक्टिव रखा। सभी ने मिलकर पीडि़त महिलाओं को इंसाफ दिलाने की मुहिम शुरू की। इस संगठन के दबाव में आकर केरल सरकार ने हाई कोर्ट की रिटायर्ड जज के हेमा के नेतृत्व में तीन मेंबर्स की कमेटी बनाई। के हेमा के अलावा इसमें मलयाली फिल्मों की एक्ट्रेस शारदा और पूर्व आईएएस अधिकारी केबी वलसाला कुमार भी थे। कमेटी ने मलयाली इंडस्ट्री के कई महिलाओं से बात की और उस आधार पर 2 साल में एक रिपोर्ट तैयार कर उसे केरल सरकार को सौंप दी। पांच साल बाद अगस्त 2024 में इस रिपोर्ट को पब्लिक किया गया। लेकिन तब भी उसमें 55 पन्नें गायब थे। हालांकि सरकार ने महिलाों की पर्सनल बातों को गोपनीय रखने की दलील देते हुए इस पर सफाई दी है। 

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हेमा कमेटी की रिपोर्ट में क्या आया सामने

जानी-मानी अभिनेत्रियों से लेकर जूनियर कलाकारों तक, कम से कम 80 महिलाओं की गुमनाम गवाही दर्ज करने के बाद रिपोर्ट को सरकार को सौंपा गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि महिला कलाकारों को उत्पीड़न का सामना करना पड़ा, जिसमें फिल्म उद्योग में नशे में धुत व्यक्तियों द्वारा उनके कमरों के दरवाजे खटखटाने की घटनाएं भी शामिल हैं। इसमें कहा गया है कि यौन उत्पीड़न की शिकार कई महिलाएं डर के कारण पुलिस में शिकायत करने से कतराती हैं। रिपोर्ट के अनुसार, जो महिला कलाकार समझौता करने के लिए तैयार होती हैं, उन्हें कोड नाम दे दिए जाते हैं और जो समझौता करने के लिए तैयार नहीं होतीं, उन्हें काम नहीं दिया जाता है। सिनेमा में अभिनय या कोई अन्य काम करने का प्रस्ताव महिलाओं को यौन संबंधों की मांग के साथ दिया जाता है। जैसा कि मैंने पहले ही बताया है, महिलाओं से समझौता करने के लिए कहा जाता है, जिसके तहत उनसे यौन संबंध बनाने की मांग की जाती है। पिनाराई विजयन की सरकार ने आरोपों की जांच के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का सात सदस्यीय पैनल बनाया। 

तेजी से बढ़ती मलयाली इंडस्ट्री ने इस साल 1000 करोड़ का बिजनेस किया

एक दशक पहले तक अगर हम मलयाली सिनेमा की बात करते तो इसे रीजनल सिनेमा की श्रेणी में रखा जाता। लेकिन आज मलय़ाली सिनेमा के कलाकारों के नाम हिंदी सिनेमा में फेमस हो चुके हैं चाहे वो दुलकर सलमान, मोहनलाल, ममुटी, फहाद फासिल ये वो कुछ नाम हैं जो ओटीटी के चलन के बाद इन्होंने हिंदुस्तान और इसके बाहर भी बड़ा नाम बना लिया है। आंकड़ों पर नजर डालें तो स्टैटिस्टा की वेबसाइट के मुताबिक साल 2022 में मलयालम फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर 633 करोड़ और 2023 में 572 करोड़ की कमाई की है। 2023 में देश के कुल बॉक्स ऑफिस कलेक्शन में पांच प्रतिशत का योगदान मलयाली सिनेमा का था। इस साल सिर्फ आठ महीने के भीतर मलयाली फिल्मों ने हजार करोड़ का बिजनेस कर लिया। यानी एक तेजी से बढ़ती हुई इंडस्ट्री दिन प्रतिदिन अपने रीच को बढ़ा रही है। 


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