By दिनेश शुक्ल | Jul 10, 2020
भोपाल। शिवराज सरकार में विभाग बंटवारे को लेकर मची खींचतान के बीच पूर्व मंत्री और मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया प्रभारी जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे की मांग की है। शुक्रवार को एक प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए जीतू पटवारी ने कहा कि प्रदेश में लोकतंत्र, जनतंत्र का नहीं बल्कि अफसरशाही का राज है। उन्होनें कहा कि शिवराज सिंह चौहान एक कमजोर मुख्यमंत्री साबित हुए है। प्रदेश की कानून व्यस्था पूरी तरह चौपट हो चुकी है। पिछले 15 महिने की कमलनाथ सरकार में माफिया प्रदेश की तरफ आंख उठाकर भी देखने से डरता था, अब उसके लिए मध्य प्रदेश राजधानी बना हुआ है शरण स्थली बनी हुई है। सरकार माफियाओं को संरक्षण देने में लगी हुई है। माफिया फिर से मध्य प्रदेश लौटने लगे है।
जीतू पटवारी ने कहा कि अगर विकास दुबे को ले जा रही एसटीएफ की गाड़ी न पलटती तो कई लोगों की कुर्सीयाँ पलट जाती। गैंगस्टर विकास दुबे उज्जैन में प्राइवेट एजेंसी के गार्ड द्वारा पकड़ा जाता है और शिवराज जी वाहवाही लूटने लगते है उनको शर्म आनी चाहिए। जीतू पटवारी ने दोहराया कि अगर गाड़ी नहीं पलटती तो कई नेताओं की कुर्सीयां पलट जाती, उत्तर प्रदेश की सरकार पलट जाती। उन्होनें कहा कि विकास दुबे की मौत के साथ सारे राज दफन हो गए। उसने जो कृत्य किया उसे तो एक दिन मरना ही था।
कांग्रेस कमेटी के मीडिया प्रभारी जीतू पटवारी ने कहा कि वह चुनाव आयोग से माँग करते है कि प्रदेश में चुनाव जल्द से जल्द करवाए जाए। उन्होनें कहा कि मुख्यमंत्री आउटसोर्स की सरकार चलाना बंद करें और लोकतंत्रिक सरकार की तरह काम करें। इस दौरान जीतू पटवारी ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री प्रदेश में जनता की सरकार नहीं चला सकते तो वह इस्तीफा दे। मंत्रियों के विभाग बंटवारे को लेकर चुटकी लेते हुए जीतू पटवारी ने कहा कि मलाईदार विभागों के लिए दो बिल्लीयाँ आपस में लड़ रही है और दोनों अपने आप को टाइगर कहते है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मांग करते हुए जीतू पटवारी ने कहा कि आप आज ही विभागों का बंटवारा करो ताकि जनकल्याण की जो फाइलें पड़ी है उन पर काम हो सके अन्यथा आप इस्तीफा दो। जीतू पटवारी ने दावा किया कि प्रदेश की 24 सीटों पर होने वाले उप चुनाव के बाद एक बार फिर कांग्रेस की सरकार आ रही है। उन्होनें कहा कि शिवराज जी जा रहे है और कमलनाथ जी आ रहे है। शिवराज जी अगर अभी इस्तीफा देते है तो उनकी इज्जत बचेगी, सम्मान बचेगा नहीं तो उपचुनाव के बाद तो वैसे भी उन्हें कुर्सी छोड़नी पडेगी।