By अनुराग गुप्ता | Aug 27, 2022
रांची। झारखंड की सियासी फिजा बदली-बदली नजर आ रही है। महाराष्ट्र के बाद अब झारखंड में रिजॉर्ट पॉलिटिक्स की एंट्री हो चुकी है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन महागठबंधन के विधायकों को बसों में भरकर खूंटी ले गए। आपको बता दें कि मुख्यमंत्री आवास पर महागठबंधन के विधायकों की सर्वप्रथम बैठक संपन्न हुई, इसके बाद विधायकों को साथ चलने के लिए कहा गया। हालांकि विधायकों को इस बात की जानकारी नहीं थी कि जाना कहा है। ऐसे में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच 2 बसों में विधायकों को लेकर मुख्यमंत्री खूंटी के एक रिजॉर्ट पहुंचे।
विधायकों के फोन कराए गए बंद
रिजॉर्ट पॉलिटिक्स की शुरुआत से पहले मुख्यमंत्री ने तमाम विधायकों के मोबाइल फोन बंद करा दिए हैं और इस बात की भी कोई जानकारी नहीं है कि विधायकों को कितने दिनों तक रिजॉर्ट में रखा जाएगा और खूंटी के बाद किस रिजॉर्ट में शिफ्ट किया जाएगा। हालांकि शुरुआती खबर यह थी कि तमाम विधायकों को कांग्रेस शासित राज्य छत्तीसगढ़ लाया जाएगा। इसी बीच हेमंत सोरेन सरकार में मंत्री सत्यानंद भोक्ता का बयान सामने आया।
सत्यानंद भोक्ता ने बताया कि सभी मंत्री और विधायक एक साथ हैं। हम दूसरी जगहों पर भी जाएंगे, पता नहीं हम आगे कहां जाएंगे। अभी कई चीजें चल रही हैं। समाचार एजेंसी एएनआई ने खूंटी के रिजॉर्ट के बाहर की तस्वीर साझा की है। जिसमें भारी संख्या में पुलिसकर्मी दिखाई दे रहे हैं।
गौरतलब है कि 81 सदस्यीय विधानसभा में सत्तारूढ़ गठबंधन के 49 विधायक हैं। सबसे बड़ी पार्टी के रूप में झामुमो के 30, कांग्रेस के 18 और राजद का एक विधायक हैं। जबकि भाजपा के पास 26 विधायक हैं। ऐसे में महागठबंधन को डर है कि भाजपा उनके विधायकों को अपने पाले में करने की कोशिश करेगी। क्योंकि कुछ वक्त पहले झारखंड कांग्रेस के तीन विधायक हावड़ा में भारी मात्रा में नगदी के साथ पकड़े गए थे। जिसके तत्काल बाद पार्टी ने उन्हें निलंबित कर दिया था। इस दौरान ऑपरेशन लोटस की बात निकलकर सामने आई थी।