By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | May 30, 2023
लखनऊ। अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले विपक्षी एकता पर जोर देते हुए जनता दल (यूनाइटेड) के वरिष्ठ नेता धनंजय सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पार्टी कार्यकर्ता चाहते हैं कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्य की फूलपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ें। उन्होंने कहा कि जनता दल (यूनाइटेड) ने समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) और कांग्रेस सहित विपक्षी दलों को एकजुट करने की कोशिश शुरू कर दी है, ताकि 2024 में लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को फिर सत्ता में आने से रोका जा सके। जनता दल (यूनाइटेड) के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने पीटीआई- से बातचीत में कहा ‘‘हमारी पार्टी चाहती है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उत्तर प्रदेश की फूलपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ें।’’
फूलपुर संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू तथा वी पी सिंह कर चुके हैं। इस सीट पर जद(यू) की नजर इसलिए है क्योंकि यहां से आठ बार कुर्मी (पटेल) बिरादरी के प्रत्याशी चुनाव जीते हैं और मौजूदा सांसद केशरी देवी पटेल भी कुर्मी बिरादरी से ही हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी इसी समुदाय से आते हैं। विपक्षी एकता पर धनंजय सिंह ने कहा हमें लगता है कि भाजपा को फिर से सत्ता में आने से रोकना आवश्यक है और अगर विपक्ष एकजुट हो जाए तथा चुनाव भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) बनाम संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) हो जाए, तो यह संभव हो सकता है। उन्होंने कहा ‘‘हमारे नेता उत्तर प्रदेश में सपा, बसपा और कांग्रेस को साथ लाने की कोशिश कर रहे हैं। राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) पहले से ही सपा के साथ है।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या बसपा एकता की पेशकश स्वीकार करेगी, जद यू महासचिव ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है।’’
नीतीश कुमार ने हाल ही में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से लखनऊ में मुलाकात की थी। यह मुलाकात विपक्षी दलों को एकजुट करने के प्रयासों के तहत हुई थी। इन्हीं प्रयासों के तहत वह दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे तथा पार्टी के नेता राहुल गांधी से मिले थे। वह पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री तथा तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी से भी विपक्षी एकता के सिलसिले में मिल चुके हैं। इस मुलाकात के दौरान उनके साथ बिहार के उप मुख्यमंत्री एवं राजद नेता तेजस्वी यादव भी थे। भाजपा ने अपने सहयोगी अपना दल (एस) के साथ 2019 में उप्र में 64 लोकसभा सीटें जीती थीं, जबकि बसपा, सपा और कांग्रेस क्रमशः 10, पांच और एक सीटें जीत सकी थीं। अपना दल (एस) का नेतृत्व कुर्मी बिरादरी से आने वाली केन्द्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल करती हैं। धनंजय सिंह ने एक सवाल के जवाब में कहा कि भाजपा को हराने के लिए विपक्ष का मजबूत होना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि 2022 में उत्तर प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों में सपा ने अच्छा प्रदर्शन किया और सदन में अपनी संख्या बढ़ाई। उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम एकजुट होकर चुनाव लड़ते हैं, तो हम लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में 50 से अधिक सीटें जीत सकते हैं। यह नीतीश जी की इच्छा है कि भाजपा को टक्कर देने के लिए पूरा संप्रग एक साथ मिलकर चुनाव लड़े।’’ उन्होंने कहा, तीन राज्यों उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में कुल 134 संसदीय सीटें हैं। हम 60-70 फीसदी से ज्यादा सीटें जीतना चाहते हैं। उत्तर प्रदेश में भी पार्टी की तैयारी चल रही है और हमारी पार्टी छह सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। यह पूछे जाने पर कि क्या उत्तर प्रदेश में सीटों के बंटवारे पर अन्य दलों के साथ बातचीत हुई है, सिंह ने कहा, सीटों के बंटवारे पर बातचीत करना अभी जल्दबाजी होगी। लेकिन गठबंधन को अंतिम रूप देने के बाद यह कोई समस्या नहीं होगी।
सिंह ने कहा, फिलहाल हम जौनपुर, मिर्जापुर, प्रतापगढ़, सुल्तानपुर, बस्ती और फूलपुर सीटों पर काम कर रहे हैं। वर्ष 2009 में सिंह जौनपुर संसदीय सीट से बसपा के टिकट पर जीते थे। फिलहाल इस सीट का प्रतिनिधित्व बसपा के श्याम सिंह यादव कर रहे हैं। धनंजय सिंह ने कहा ‘‘पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल आदि राज्यों में भाजपा कहीं नहीं है। अगर हम तीन राज्यों... उत्तर प्रदेश, झारखंड और बिहार में अपनी रणनीति में सफल हो जाते हैं तो भाजपा 200 से अधिक सीटें हासिल नहीं कर पाएगी।