टीएमसी के राज्यसभा सांसद जवाहर सरकार के रविवार को पार्टी से इस्तीफा देते ही भाजपा बंगाल की ममता सरकार पर हमलावर हो गयी है। बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने बंगाल सीएम पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या मामले को वह ठीक से संभाल नहीं पायी है। इसलिए उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। बता दें, जवाहर सरकार ने आरजी कर अस्पताल में हुए कांड और पार्टी में भ्रष्टाचार हवाला देकर अपने पद से इस्तीफा दिया है।
अमित मालवीय ने क्या कहा?
अमित मालवीय ने 'एक्स' पर एक पोस्ट करके ममता बनर्जी पर निशाना साधा और उनसे इस्तीफे की मांग की। उन्होंने पोस्ट में लिखा, 'टीएमसी के राज्यसभा सांसद जवाहर सरकार ने टीएमसी द्वारा संचालित पश्चिम बंगाल सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार और आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में बलात्कार और हत्या मामले को ठीक से न संभाल पाने का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया है।' उन्होंने आगे लिखा, 'ममता बनर्जी को सबक लेने और पद छोड़ने का समय आ गया है। उन्होंने कोलकाता पुलिस आयुक्त के साथ मिलकर युवा डॉक्टर के बलात्कार और हत्या से संबंधित सभी सबूतों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है।'
मालवीय ने लिखा, 'मैं दोहराता हूं, जब तक ममता बनर्जी और कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल पद से इस्तीफा नहीं देते, स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच संभव नहीं है। अपराध के बाद 72 घंटों तक सीएम और कोलकाता सीपी के कॉल रिकॉर्ड सार्वजनिक किए जाने चाहिए। उनकी बातचीत की जांच की जानी चाहिए। सच्चाई सामने लाने के लिए ममता बनर्जी और विनीत गोयल का पॉलीग्राफ टेस्ट होना चाहिए। न्याय के लिए आंदोलन जारी रहेगा।'
शहजाद पूनावाला ने मामले पर क्या प्रतिक्रिया दी?
भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'अगर किसी को इस्तीफा देना चाहिए तो वह पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को देना चाहिए। टीएमसी सरकार और ममता बनर्जी ने भ्रष्टाचार को संस्थागत बना दिया है और अपने पत्र में उन्होंने लिखा है कि जब भी उन्होंने भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया तो उन्हें चुप करा दिया गया। ममता बनर्जी ने सबूत नष्ट करने और आरोपियों को बचाने की कोशिश की।'
सरकार के इस्तीफे पर क्या बोले टीएमसी नेता?
राज्यसभा सांसद जवाहर सरकार के इस्तीफे पर TMC नेता कुणाल घोष ने कहा, 'मौजूदा समय में हम ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी के नेतृत्व में सैनिकों की तरह काम कर रहे हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मैं जवाहर सरकार के व्यक्तिगत सिद्धांत की आलोचना करता हूं, ऐसा नहीं है, यह उनका फैसला है, वह इसे ले सकते हैं।' उन्होंने आगे कहा, 'हम इस(आरजी कर) घटना की निंदा करते हैं, लोग इस घटना को लेकर आक्रोशित हैं, वे प्रशासन को गलत समझ रहे हैं। ऐसे में पार्टी के सैनिक के तौर पर हमें लोगों को समझाने की कोशिश करनी होगी, हम अपने सैनिक की भूमिका का पालन करेंगे। अगर जवाहर सरकार कोई और फैसला लेते हैं, वह बहुत वरिष्ठ और समझदार व्यक्ति हैं, उनके अलग सिद्धांत हैं, तो हमारा शीर्ष नेतृत्व इस पर विचार करेगा। हम इस पर कुछ नहीं कह सकते।'