By अनन्या मिश्रा | Nov 14, 2023
देश के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरु की आज यानी की 14 नवंबर को बर्थ एनिवर्सरी है। नेहरु को बच्चो से बहुत अधिक लगाव था। जिस कारण बच्चे भी उन्हें चाचा नेहरु कहकर बुलाते थे। इसलिए हर साल पं. नेहरु के बर्थडे पर यानी की 14 नवंबर को बाल दिवस भी मनाया जाता है। पं. नेहरु ने देश की स्वतंत्रता में अहम योगदान दिया था। आइए जानते हैं उनकी बर्थ एनिवर्सरी के मौके पर पं. जवाहर लाल नेहरु के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...
जन्म और शिक्षा
उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में 14 नवंबर 1889 जवाहरलाल नेहरु का जन्म हुआ था। इनके पिता मोतीलाल नेहरु बैरिस्टर थे। पं. नेहरु एक अमीर परिवार से ताल्लुक रखते थे। जिस कारण 16 साल की उम्र तक नेहरु ने घर पर रहकर ही पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने हैरो और ट्रिनिटी कॉलेज, कैम्ब्रिज में जाकर अपनी पढ़ाई पूरी की। इसके अलावा जवाहरलाल नेहरु ने इनर टेम्पल से कानून की पढ़ाई की और लॉ ग्रेजुएट किया।
स्वतंत्रता संग्राम में योगदान
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के नेहरु जी एक प्रमुख नेता के तौर पर जाने जाते थे। वह महात्मा गांधी के विचारों से काफी ज्यादा प्रभावित थे। साथ ही उन्होंने साल 1912 में कांग्रेस ज्वॉइन की। बता दें कि 1920 के किसान मोर्चे को संगठित करने का श्रेय पं. नेहरु को जाता है। वहीं साल 1928 में लखनऊ में साइमन कमीशन के विरोध में पं. नेहरु घायल हो गए थे। इसके बाद साल 1930 के नमक आंदोलन में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और जेल जाना पड़ा। महात्मा गांधी के साथ मिलकर उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ी। देश की आजादी में पं. नेहरु का काफी अहम योगदान रहा।
देश के पहले प्रधानमंत्री
पं. जवाहरलाल नेहरु देश के पहले प्रधानमंत्री रहे। जब भारत को आजादी मिली तो देश के भावी प्रधानमंत्री के लिए कांग्रेस में वोटिंग हुई। इस दौरान आचार्य कृपलानी और सरदार वल्लभभाई पटेल को अधिक मत मिले थे। लेकिन गांधी जी के कहने पर दोनों ने पीएम पद के लिए अपने नाम वापस ले लिए। जिसके बाद जवाहरलाल नेहरु को देश का पहला प्रधानमंत्री बनाया गया। पं. नेहरु ने साल 1947 से लेकर 1964 तक पीएम पद का कार्यभार संभाला। उनके नेतृत्व में देश ने आधुनिक राजनीतिक और आर्थिक विकास की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। देश को आगे बढ़ाने की दिशा में उठाए गए कदमों के लिए पं. नेहरु की सराहना की जाती है।
पूर्वांचल की उपजाऊ भूमि
भारत को एक उदार और पूर्वांचल क्षेत्रों की उपजाऊ भूमि में बदलने के लिए पं. नेहरु ने कई कदम उठाए। पं नेहरु ने पूर्वांचल क्षेत्र की विकास योजनाओं को प्रोत्साहित किया। इसके अलावा उन्होंने कृषि, उद्योग, और अन्य क्षेत्रों में नए परियोजनाओं की शुरुआत की। जिससे भारत देश तरक्की की राह पर चल पड़ा।
पंचशील नीति
पंडित नेहरु ने भारत के और चीन के बीच "पंचशील" नामक साक्षरता साधने का समझौता किया। यह समझौता दोनों देश के बीच शांति और सहयोग की भावना को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया था। 29 अप्रैल 1954 को दिल्ली में पंचशील नीति का आयोजन हुआ था।
प्रौद्योगिकी और शिक्षा में प्रगति
जवाहरलाल नेहरु ने शिक्षा और प्रौद्योगिकी में प्रगति को प्रोत्साहित करने का काम किया था। नई ऊंचाइयों को प्राप्त करने के लिए भारत में कई शिक्षा संस्थानों और विज्ञान संस्थानों की स्थापना की।
नदी परियोजनाएं और नौसेना विकास
पं नेहरु ने अपने कार्यकाल में कई अहम नदी परियोजनाएं और नौसेना विकास की पहलूओं का प्रबंधन किया था। इसके अलावा नदियों के प्रोजेक्ट्स को प्रोत्साहित करने का काम किया था। इन परियोजनाओं के जरिए भारत के सामाजिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने का प्रयास किया।
मौत
भारतीय राजनीति और समाज के विकास में पंडित जवाहरलाल नेहरु का योगदान अद्वितीय रहा है। हांलाकि पं. नेहरु की कई बार हत्या का भी प्रयास किया गया। वहीं जवाहर लाल नेहरू को दिल का दौरा पड़ने से 27 मई 1964 को निधन हो गया।