पुराने जमाने के गीत विरासत हैं, इन्हें सहेज कर रखने की जरूरत: जावेद अख्तर

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Nov 18, 2017

मुंबई। मशहूर गीतकार जावेद अख्तर ने कहा है कि पुराने गीत ‘सांस्कृतिक विरासत’ हैं और वह पुराने गीतों के रीमिक्स के चलन के पूरी तरह खिलाफ हैं। ‘टॉकिंग फिल्म्स : कंजर्वेशन ऑन हिन्दी सिनेमा’ नामक अपने पुस्तक के विमोचन के अवसर पर इस समय जारी रीमिक्स गीतों के चलन पर जावेद अख्तर से सवाल किया गया था और पूछा गया था कि क्या इससे पुराने गीतों का मूल तत्व खत्म हो रहा है।

जावेद ने कहा, ‘‘मैं काफी सहमत हूं। मुझे नहीं मालूम कि लोग पुराने गीतों का रीमिक्स क्यों बनाते हैं। उन्हें यह विश्वास होना चाहिए कि वे सुपर हिट गीत दे सकते हैं। उन्हें उधार क्यों लेना चाहिए? इसकी क्या जरूरत है? इसके अलावा, लता मंगेशकर, मोहम्मद रफी, किशोर कुमार के ये गीत ये हमारी सांस्कृतिक विरासत हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें उसे संरक्षित रखने की जरूरत है। ऐसी कुछ चीजें हैं, जो जैसी हैं उसी रूप में उन्हें उसका सम्मान करना चाहिए। यह निरर्थक (पुराने गीतों का रीमिक्स) है। यह स्वीकार्य नहीं है।’’ 72 वर्षीय गीतकार यहां ‘टाटा लिटरेचर लाइव’ के आठवें सत्र में बोल रहे थे।

 

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