By अंकित सिंह | Nov 17, 2023
अनिल पाबा पुरातत्व की दुनिया में एक अद्वितीय और प्रेरक व्यक्ति हैं। वह जम्मू-कश्मीर के एकमात्र स्वतंत्र पुरातत्वविद् हैं, और उन्होंने पिछले कई वर्षों से अपने क्षेत्र की कला, संस्कृति और विरासत को संरक्षित करने के लिए समर्पित किया है। पुरातत्व के प्रति पाबा का जुनून कम उम्र में ही शुरू हो गया था। जैसे-जैसे उनकी उम्र बढ़ती गई, उन्होंने स्वयं पुरातत्व का अध्ययन करना शुरू कर दिया और अंततः वह इस क्षेत्र में स्व-सिखाया विशेषज्ञ बन गए। पिछले कुछ वर्षों में, पाबा ने जम्मू क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण पुरातात्विक खोजें की हैं। उन्हें प्राचीन मंदिर, सूक्ष्मपाषाण उपकरण और अन्य कलाकृतियाँ मिली हैं जो क्षेत्र की समृद्ध संस्कृति और विविध इतिहास पर प्रकाश डालती हैं।
उनके पास पुरावशेषों, पांडुलिपियों, सिक्कों, मूर्तियों, चित्रों, दुर्लभ पुस्तकों, औजारों, बर्तनों और पुरातात्विक महत्व की अन्य अमूल्य वस्तुओं का एक विशाल संग्रह है। उन्होंने अपने दुर्लभ संग्रहों को राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर आयोजित कई प्रदर्शनियों में प्रदर्शित किया है, जिन्हें विरासत प्रेमियों, पुरातत्वविदों, बुद्धिजीवियों और आम लोगों ने भी देखा है। इसके अलावा, उन्होंने कई प्राचीन मंदिरों, बावड़ियों और पुरातात्विक स्थलों की खोज की है और उनके बारे में समाचार पत्रों में विस्तार से लिखा है।