By अंकित सिंह | Dec 19, 2023
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन के दौरान तृणमूल कांग्रेस के निलंबित सांसद कल्याण बनर्जी द्वारा उनका मजाक उड़ाने पर असहमति व्यक्त करते हुए कहा कि नकल "हास्यास्पद" और "अस्वीकार्य" है। संसद के मकर द्वार पर अन्य निलंबित सांसदों के साथ विरोध प्रदर्शन के दौरान कल्याण बनर्जी को उपराष्ट्रपति की नकल करते देखा गया, जबकि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को कथित तौर पर अपने मोबाइल फोन का उपयोग करके तृणमूल कांग्रेस सांसद का वीडियो बनाते देखा गया।
स्थगित होने के बाद दोपहर 12 बजे जैसे ही सदन दोबारा शुरू हुआ, धनखड़ ने घटना पर ध्यान दिया। उन्होंने कहा कि राज्यसभा के सभापति का कार्यालय और स्पीकर का कार्यालय बहुत अलग है। राजनीतिक दलों की अपनी-अपनी धाराएँ होंगी, उनके बीच आदान-प्रदान होगा, लेकिन कल्पना कीजिए कि आपकी पार्टी का एक वरिष्ठ नेता किसी अन्य पार्टी के किसी अन्य सदस्य की वीडियो ग्राफी कर रहा है। सभापति की नकल, अध्यक्ष की नकल। कितना हास्यास्पद, कितना शर्मनाक, कितना अस्वीकार्य। उन्होंने कहा कि गिरावट की कोई हद नहीं है...मैं यही कहूंगा कि उन्हें सद्बुद्धि आए।
वहीं, भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी इस मामले को लेकर राहुल पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि देश याद रखेगा… जब देश के उपराष्ट्रपति और संवैधानिक संस्था का माखौल बनाया जा रहा था, तो शहज़ादा खड़ा होकर वीडियो बना रहा था। भारत तोड़ने वालों का साथ लेकर भारत जोड़ने का स्वांग रचने वालों का मुख्य एजेंडा, जोड़ना नहीं तोड़ना ही है। घमंडियों के घमंड का अंत 2024 में देश की जनता अवश्य करेगी। इस बीच, 78 विपक्षी सदस्यों को संसद से निलंबित करने के एक दिन बाद मंगलवार को कार्यवाही में बाधा डालने के लिए 49 लोकसभा सांसदों को लोकसभा से निलंबित कर दिया गया।
मंगलवार को निलंबित किए गए सांसदों में नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला और कांग्रेस नेता शशि थरूर और मनीष तिवारी शामिल हैं। फारुख़ अब्दुल्ला ने कहा, "पुलिस किसके हाथ में है? वह गृह मंत्रालय के अधीन है। क्या हो जाता अगर वे(केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह) संसद में आकर 5 मिनट बयान दे देते और कह देते कि हम कार्रवाई कर रहे हैं।" कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा, "यह संसद के अंदर अराजकता के अलावा और कुछ नहीं है...उन्हें हमारे देश की संसदीय प्रणाली पर रत्ती भर भी भरोसा नहीं है। इसलिए संसद में अराजकता, अराजकता और अराजकता के अलावा कुछ नहीं है।"