केरल विधानसभा में गूंजा अभिनेत्री से बदसलूकी का मुद्दा

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Feb 27, 2017

तिरूवनंतपुरम। अभिनेत्री के साथ बदसलूकी और अपहरण का मामला आज केरल विधानसभा में भी गूंजा। विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार ने इस मामले की ‘‘जांच को कमजोर’’ किया है। शून्यकाल के दौरान कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी यूडीएफ सदस्यों ने सदन की कार्यवाही बाधित की और वेल में जाकर बैठ गए। उन्होंने नारेबाजी करते हुए सरकार पर आरोप लगाया कि वो इस घटना के पीछे की साजिश को उजागर करने के प्रति गंभीर नहीं हैं।

 

महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे को लेकर माकपा के नेतृत्व वाले एलडीएफ और विपक्षी सदस्यों के बीच तीखी बहस भी हुई। दोनों पक्षों ने इस दौरान एक दूसरे के शासन के वक्त महिलाओं पर हुए हमलों का भी जिक्र किया। जब विपक्ष का हंगामा जारी रहा तो सदन की कार्यवाही को थोड़ी देर के लिए स्थगित कर दिया गया। विधानसभा अध्यक्ष पी श्रीरामकृष्णन ने सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलने के लिए दोनों पक्षों के नेताओं की एक बैठक भी बुलाई लेकिन दोनों पक्षों के बीच कोई सहमति नहीं बन सकी। करीब आधे घंटे बाद सदन की कार्यवाही जब दोबारा शुरू हुई तो विधानसभा अध्यक्ष के इस मुद्दे पर बहस कराने से इनकार करने पर नाराज विपक्षी सदस्यों ने सदन की कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया।

 

इससे पहले स्थगन प्रस्ताव के नोटिस पर जवाब देते हुए मुख्यमंत्री पी विजयन ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि इस मामले में मुख्य आरोपी ‘पल्सर’ सनी समेत सभी आरोपियों की गिरफ्तारी से यह साफ है कि सरकार इस मामले को लेकर प्रतिबद्ध है।

 

विजयन ने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाला विपक्ष ‘‘अनावश्यक रूप से इस मुद्दे का राजनीतिकरण’’ करने की कोशिश कर रहा है और सदन का इस्तेमाल इस मामले में ध्यान भटकाने के लिए कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘पुलिस ने शुरू से ही इस मामले में सख्ती से कार्रवाई की है। कुछ ही दिनों में इस घटना को अंजाम देने वालों को गिरफ्तार कर लिया गया क्योंकि पुलिस ने प्रभावी तरीके से काम किया।’’ विजयन ने कहा कि सरकार की ऐसी कोई राय नहीं है कि इस घटना के पीछे कोई नहीं साजिश है लेकिन पुलिस इस मामले की जांच आगे करने के लिए स्वतंत्र है। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार का ऐसा कोई मत नहीं है कि इस घटना के पीछे कोई साजिश नहीं है। हमने अदालत में भी यह बात बताई है। पुलिस आगे की जांच के लिए स्वतंत्र है।’’

 

उन्होंने कहा कि विपक्ष का यह आरोप कि सरकार मामले की जांच को कमजोर करने की कोशिश कर रही है ‘‘पूरी तरह झूठ’’ है। सरकार पर निशाना साधते हुए विपक्षी नेता रमेश चेन्नितला ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कहा था कि इस घटना के पीछे कोई साजिश नहीं है और इससे एक तरह से इस सनसनीखेज मामले की जांच पर एक तरह से विराम लग गया। चेन्नीतला ने कहा, ‘‘मामले की जांच की शुरआत में ही मुख्यमंत्री को अंतिम फैसला घोषित कर देने का क्या अधिकार है? इस टिप्पणी से उन्होंने यह संकेत दे दिया कि जांच आगे नहीं बढ़ेगी।’’ उन्होंने कहा कि जांच के अहम मोड़ पर होने के दौरान मुख्यमंत्री को ऐसा बयान देने के लिए माफी मांगनी चाहिए।

 

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