By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | May 21, 2020
चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बुधवार को उन मंत्रियों और विधायकों से मुलाकात की जिन्होंने मुख्य सचिव करन अवतार सिंह के कथित ‘‘अस्वीकार्य आचरण’’ पर आपत्ति जताई थी और आबकारी राजस्व में हुए नुकसान के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया था। मुख्यमंत्री ने मंत्रिमंडल के मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा, विधायक अमरिंदर सिंह राजा वारिंग, परगट सिंह और संगत सिंह गिलजियां को दोपहर के भोजन पर बुलाकर उनके साथ बैठक की। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने उन्हें अपने सिसवान स्थित फार्महाउस पर बुलाया था। रंधावा ने कहा कि पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ भी बैठक में मौजूद थे। रंधावा ने बताया कि उन्होंने यहां नौ मई को हुई बैठक के दौरान मंत्रियों के साथ मुख्य सचिव के कथित गलत आचरण का मुद्दा मुख्यमंत्री के सामने उठाया।
रंधावा ने मुख्यमंत्री के साथ हुई बैठक के बाद यहां संवाददाताओं से कहा, “जब मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव के मुद्दे के बारे में पूछा तो हमने उन्हें बताया कि मुख्य सचिव का आचरण सही नहीं है और जिस तरह वे मंत्रियों से बात करते हैं वह कोई भी बर्दाश्त नहीं कर सकता।” जेल मंत्री रंधावा ने कहा कि मुख्यमंत्री को उस दिन हुई घटना और बैठक से मंत्रियों के चले जाने के कारण के बारे में बताया गया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया कि वह मामले की पड़ताल करेंगे। गौरतलब है कि , राज्य के मंत्रियों के साथ तनातनी के तीन दिन बाद, 13 मई को पंजाब के मुख्य सचिव करण अवतार सिंह को वित्तीय कर आयुक्त के अतिरिक्त प्रभार से मुक्त कर दिया गया था।
करण अवतार सिंह को अनौपचारिक रूप से वित्तीय कर आयुक्त के अतिरिक्त प्रभार से मुक्त करने का कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब आबकारी नीति के संशोधन पर, नौ मई को हुई एक बैठक में उनके और पंजाब के मंत्रियों के बीच ठन गई थी। ऐसी खबर थी कि बैठक में प्रौद्योगिकी शिक्षा मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने आबकारी नीति में शराब बेचने वालों को कोई राहत देने का विरोध किया था। चन्नी के बोलने के बाद मुख्य सचिव ने कथित तौर पर बेहद ‘‘रूखे ढंग से’’ जवाब दिया था। इसके बाद वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल और चन्नी बैठक छोड़कर चले गए। इसके कुछ देर बाद कुछ अन्य मंत्री भी बैठक छोड़कर चले गए। इसके कारण उस दिन होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक भी टल गई थी।