By नीरज कुमार दुबे | Oct 10, 2023
इजराइल और हमास के बीच चल रहा युद्ध भीषण रूप लेता जा रहा है। इस बीच दुनिया के विभिन्न देश इजराइल के साथ खड़े हो रहे हैं तो अरब तथा इस्लामिक देश फिलस्तीन का साथ देते हुए दिख रहे हैं। बताया जा रहा है कि ईरान ने तो इस मुद्दे पर मुस्लिम देशों की एक बैठक भी बुला ली है। इस बीच, पहले से ही युद्ध लड़ रहे रूस और यूक्रेन की भी प्रतिक्रिया सामने आ गयी है। यूक्रेन इजराइल के समर्थन में खड़ा हो गया है तो रूस ने सधी हुई प्रतिक्रिया देते हुए मुद्दे के समाधान के लिए अलग फिलस्तीनी राज्य बनाने की वकालत की है।
जहां तक यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदमीर ज़ेलेंस्की के बयान की बात है तो आपको बता दें कि उन्होंने अपने देश पर रूस के आक्रमण की तुलना हमास से की है। ज़ेलेंस्की ने कहा है कि हमास के आतंकवादियों ने इज़राइल में हमले किए जिसकी सजा दी जानी चाहिए। ज़ेलेंस्की ने कहा कि केवल नियम और अंतर्राष्ट्रीय कानून ही दुनिया भर में शांति सुनिश्चित कर सकते हैं। कोपेनहेगन में नाटो संसदीय सभा को वीडियो के माध्यम से संबोधित करते हुए यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा कि हमास एक आतंकवादी संगठन है जिसने इज़राइल पर हमला किया है और यहां एक आतंकवादी देश है जिसने यूक्रेन पर हमला किया है। ज़ेलेंस्की ने कहा, "हमारी एकता इस बुराई को रोक सकती है। उन्होंने कहा कि आतंक को प्रायोजित करने वालों को हमारी शक्ति का अहसास कराया जाना चाहिए। यूक्रेनी राष्ट्रपति ने इजराइल के लिए कीव के समर्थन को दोहराने के लिए इजराइल प्रधानमंत्री नेतन्याहू से बात भी की। इस बारे में ज़ेलेंस्की ने सोशल मीडिया पर कहा, "मैंने आतंकी हमले से पीड़ित इज़राइल के साथ यूक्रेन की एकजुटता की पुष्टि करने और कई पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त करने के लिए नेतन्याहू से बात की।" ज़ेलेंस्की ने कहा, "प्रधानमंत्री ने मुझे वर्तमान स्थिति और हमले को विफल करने के लिए इज़राइल के रक्षा बलों की ओर से की जा रही कार्रवाई के बारे में बताया।"
इस बीच, रूस ने कहा है कि शांति के लिए "सबसे विश्वसनीय" समाधान फिलिस्तीनी राज्य बनाना है। मॉस्को ने यह भी कहा कि अकेले आतंकवाद से लड़ने से सुरक्षा सुनिश्चित नहीं होगी। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि एक "फ़िलिस्तीनी राज्य बनाना चाहिए जो इज़राइल के साथ कंधे से कंधा मिलाकर रहेगा। उन्होंने कहा कि संघर्ष को हल करने का यही सबसे विश्वसनीय रास्ता है। हम उन लोगों से सहमत नहीं हो सकते जो कहते हैं कि सुरक्षा केवल लड़ाई के माध्यम से सुनिश्चित की जा सकती है। इसके अलावा, अमेरिका द्वारा अपने सहयोगी इज़राइल की मदद के लिए युद्धपोतों को भेजने पर टिप्पणी करते हुए क्रेमलिन ने कहा है कि इज़राइल और हमास के बीच संघर्ष में किसी तीसरे पक्ष का प्रवेश "उच्च जोखिम" है। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा, "इस संघर्ष में तीसरी ताकतों के शामिल होने का खतरा अधिक है।" उन्होंने कहा, "इस तनाव को कम करने और सैन्य समाधान से दूर जाने के लिए किसी तरह की वार्ता प्रक्रिया की ओर बढ़ने के लिए रास्ता खोजना बहुत महत्वपूर्ण है।"
इजराइल-हमास संघर्ष के ताजा हालात
इजराइल ने हमास आतंकवादियों के हमले के जवाब में गाजा पट्टी में हमले तेज कर दिए और पूरी तरह से नाकाबंदी कर वहां खाद्य सामग्री, ईंधन और अन्य सामान की आपूर्ति रोक दी है। उधर हमास ने भी कहा है कि अगर बिना पूर्व चेतावनी के नागरिकों को निशाना बनाकर हमले किए जाते हैं, तो वह बंधक बनाए गए इजराइलियों को मौत के घाट उतार देगा। हम आपको बता दें कि इस युद्ध में दोनों पक्षों के करीब 2000 लोगों की मौत हो चुकी है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में दिखाया गया है कि एक ओर जहां इजराइल हमास द्वारा दक्षिणी शहरों में किए गए हमलों में मारे गए लोगों के शव तलाश रहा है। वहीं, गाजा में लगातार जारी हवाई हमलों में इमारतों के जमींदोज होने के कारण हजारों निवासी अपने घरों को छोड़कर जा रहे हैं।
इस बीच, इजराइली सेना ने कहा है कि उसने दक्षिणी हिस्से पर फिर से कब्जा जमा लिया है, जहां हमास द्वारा घुसकर हमला करने के घटनाक्रम ने सेना और खुफिया तंत्र को चौंका दिया था। इजराइल ने और आक्रमण रोकने के लिए गाजा सीमा पर टैंक और ड्रोन तैनात किए हैं। गाजा के पास 12 से अधिक शहरों से हजारों इजराइलियों को निकाला गया है और सेना ने 3,00,000 अतिरिक्त सैनिकों को बुलाया है। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने राष्ट्रीय टेलीविजन पर दिए संबोधन में कहा, ‘‘हमने हमास पर हमला करना अभी तो शुरू ही किया है। हम आने वाले दिनों में अपने दुश्मनों के साथ जो करेंगे, उसकी गूंज कई पीढ़ियों तक सुनाई देगी।’’ हालांकि इजराइली सेना के सीमा के पास अतिरिक्त बलों को तैनात करने से एक बड़ा सवाल खड़ा होता है कि क्या वह छोटे से भूमध्यसागरीय तटीय क्षेत्र गाजा में जमीनी आक्रमण शुरू करेगी। हम आपको याद दिला दें कि इजराइली सेना ने आखिरी बार 2014 में जमीन पर आक्रमण किया था। इजराइली सेना ने बताया कि हमलों में देश में 900 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि गाजा में 680 से ज्यादा लोग मारे गए हैं, जिनमें सैंकड़ों हमास लड़ाके भी शामिल हैं। दोनों पक्षों के हजारों लोग इस संघर्ष में घायल हुए हैं।
उधर, इजराइल के हवाई हमलों के जवाब में हमास की सैन्य शाख के प्रवक्ता अबू ओबैदा ने कहा कि जब-जब इजराइल गाजा के नागरिकों को उनके घरों में ‘‘बिना किसी पूर्व चेतावनी’’ के निशाना बनाएगा, तब-तब समूह एक इजराइली बंधक की हत्या करेगा। हालांकि इजराइल के विदेश मंत्री अली कोहेन ने हमास को किसी भी बंधक को नुकसान पहुंचाने के खिलाफ चेतावनी देते हुए कहा, ‘‘इस युद्ध अपराध को भुलाया नहीं जाएगा।’’ नेतन्याहू ने बंधक संकट से निपटने और लापता लोगों की तलाश के लिए एक पूर्व सैन्य कमांडर को नियुक्त किया है।
इस बीच, संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय ने मंगलवार को बताया कि गाजा पर इजराइली हवाई हमलों में 790 मकान जमींदोज हो गए हैं और 5,330 गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। जल और साफ-सफाई से संबंधित तीन स्थानों पर हमले से 4,00,000 लोगों तक सेवाएं बाधित हो गई हैं।
उधर, इजराइल के रक्षा मंत्री याओव गैलेंट ने गाजा की ‘‘पूर्ण नाकाबंदी’’ का आदेश देते हुए कहा कि प्राधिकारी बिजली आपूर्ति बंद करेंगे और खाद्य सामग्री तथा ईंधन लेकर जाने वाले वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाएंगे। इजराइल की इस नाकाबंदी से गाजा पूरी तरह मिस्र पर निर्भर हो जाएगा, जिसकी राफा सीमा से माल ले जाने की क्षमता इजराइल की अन्य जांच चौकियों के मुकाबले कम है। मिस्र के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि मिस्र रेड क्रीसेंट की ओर से दो टन से अधिक चिकित्सा सामग्री गाजा भेजी गई है। अधिकारी के मुताबिक, क्षेत्र में खाद्य सामग्री और अन्य जरूरी सामान की आपूर्ति के भी प्रयास किए जा रहे हैं।
आतंकी संगठन हमास का दावा
इस बीच, आतंकवादी संगठन हमास के एक वरिष्ठ कमांडर ने कहा है कि इजराइल पर हमले के बारे में गाजा में केवल कुछ शीर्ष कमांडर ही जानते थे, लेकिन ‘‘अगर गाजा में विनाशकारी युद्ध जारी रहता है’’, तो ईरान और हिजबुल्ला जैसे सहयोगी इस लड़ाई में शामिल होंगे। हमास के निर्वासित नेतृत्व के एक सदस्य अली बराकेह ने ऐसे वक्त में अपने बेरूत कार्यालय से यह बयान दिया है, जब इजराइल ने गाजा पर भीषण बमबारी की और हमास शासित क्षेत्र की पूर्ण घेराबंदी का संकल्प लिया है। बराकेह ने कहा कि गाजा में हमास के करीब छह शीर्ष कमांडरों ने हमले की योजना बनाई थी और समूह के करीबी सहयोगियों को भी हमले के समय के बारे में पहले से कुछ नहीं बताया गया था। उसने उन खबरों को खारिज किया कि ईरान के सुरक्षा अधिकारियों ने हमले की योजना बनाने में मदद की या बेरूत में पिछले सप्ताह एक बैठक में हमले की मंजूरी दी। बराकेह ने कहा, ‘‘केवल हमास के कुछ कमांडर हमले की योजना के बारे में जानते थे।’’ उसने कहा कि हमास के केंद्रीय कमान या राजनीतिक ब्यूरो का कोई सदस्य पिछले साल लेबनान की राजधानी में नहीं था। बराकेह ने माना कि ईरान और लेबनान के आतंकवादी समूह हिजुबुल्ला ने पूर्व में हमास की मदद की है, लेकिन साथ ही कहा कि 2014 के गाजा युद्ध के बाद से हमास खुद अपने रॉकेट बना रहा है और लड़ाकों को प्रशिक्षण दे रहा है।
बराकेह ने उन अटकलों को भी खारिज किया कि इस हमले का मकसद सऊदी अरब को इजराइल से संबंध सामान्य बनाने के लिए राजी करने के अमेरिकी प्रयासों को बाधित करना है। उसने कहा कि इस हमले की योजना एक साल से अधिक समय पहले बनाई गई थी। बराकेह ने कहा कि इजराइल की घोर दक्षिणपंथी सरकार द्वारा पिछले एक साल में उठाए गए कदमों के बदले में यह हमला किया गया, जिसमें यरूशलम में विवादित पवित्र स्थलों के उकसावे वाले दौरे और इजराइल द्वारा बंधक बनाए गए फलस्तीनी कैदियों पर दबाव बढ़ाना शामिल है। उसने यह भी कहा कि हमास का मानना है कि इजराइल ने उसके शीर्ष कमांडरों की हत्या की योजना बनाई थी। हमास कमांडर ने यह भी कहा कि आतंकवादी समूह ‘‘ऑपरेशन अल-अक्सा स्टॉर्म’’ से भी हैरान था और उसे उम्मीद थी कि इजराइल हमला रोकेगा या इसे सीमित करेगा। उसका यह दावा कि हमास ने केवल एक छोटे अभियान की योजना बनाई थी, इस तथ्य से गलत साबित होता है कि हमले में तकरीबन 1,000 लड़ाके शामिल हुए।
क्या हमास की मदद करेंगे और आतंकवादी संगठन?
हम आपको बता दें कि हमास के हमले के बाद इजराइल ने पूर्ण युद्ध की घोषणा की है और उसे ऐसी सजा देने का संकल्प लिया है, जो उसने पहले कभी नहीं झेली होगी। उधर, हमास बड़े हमलों का सामना करने पर अपने सहयोगियों से मदद मांग सकता है। रविवार को हिजबुल्ला ने एक विवादित इलाके में तीन इजराइली ठिकानों पर कई रॉकेट दागे और गोलाबारी की थी। सोमवार को फलस्तीनी इस्लामिक जिहाद आतंकवादी समूह ने दावा किया कि उसने चार बंदूकधारियों को लेबनान सीमा के पार इजराइल में भेजा है। वर्षों से लेबनान में हमास के प्रतिनिधि रहे बराकेह ने कहा कि उसका समूह इजराइली जेलों में बंद सभी अरब लोगों और अमेरिका में कैद कुछ फलस्तीनी कैदियों की रिहाई के लिए हमले में बंधक बनाए गए सैंकड़ों इजराइलियों का इस्तेमाल करेगा। उसने कोई संदर्भ दिए बगैर कहा, ‘‘अमेरिकी जेलों में फलस्तीनी बंद हैं। हम उनकी रिहाई की मांग करेंगे।’’ बराकेह ने कहा कि हमास इजराइल के साथ एक लंबा युद्ध लड़ने के लिए तैयार है और उसके पास रॉकेट का एक शस्त्रागार है, जो लंबे समय तक चलेगा।