Israel से लड़ाई के लिए ईरान ने बनाई सीक्रेट सर्विस यूनिट, इसका चीफ ही मोसाद एजेंट निकला, ईरान खामेनेई को अब किसी पर नहीं रहा भरोसा

By अभिनय आकाश | Oct 04, 2024

आपको सलमान खान की सुपरहिट फिल्म वांटेड की कहानी याद है। जब राधे बनकर अंडरवर्ल्ड डॉन गनी भाई की गैंग में सलमान एंट्री लेते हैं और देखते हैं देखते हैं मुंबई में गैंग की कमान भी संभाल लेते हैं। गनी भाई के लिए राधे काम करता है और उसके दुश्मनों को ठिकाने लगाता है। मुंबई में गैंगवार जोड़ों पर होती है। लेकिन फिल्म के क्लाइमेक्स में पता चलता है कि गनी भाई जिस राधे को अपने गैंग का खास मेंबर समझ रहे हैं होते हैं वह एक पुलिस ऑफिसर निकलता है। मुंबई से एक एक कर अपराधियों को साफ कर रहा होता है। गाजा के बाद अब इजरायल के फुल ऑन टारगेट पर लेबनान है। 2006 के बाद से पहली बार इजरायल की तरफ से लेबनान में ग्राउंड ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है। इजरायली सेना ने लिमिटेड ऑपरेशन के तहत लेबनान में एंट्री कर ली है। वहीं सेफ बंकर में पिछले डेढ़ दशक से रहने वाले नसरल्लाह के ठिकाने तक जब इजरायल पहुंच गया तो अब हर कोई हैरान परेशान नजर आ रहा है। ईरान को लग रहा है कि हिजबुल्लाह में मोसाद के कई एजेंट हैं। वहीं ईरान में भी कई वरिष्ठ सरकारी पदों पर मोसाद के एजेंट होने की बात सामने आ रही है। इसके बाद से ही पूरा ईरान खौफ में है। नसरल्लाह की मौत के बाद से ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई अब किसी पर विश्वास नहीं कर रहे हैं।

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हिजबुल्लाह चीफ को कैसे मारा गया

लेबनानी आतंकवादी संगठन हिजबुल्लाह के प्रमुख हसन नसरल्लाह की 27 सितंबर को इजरायली हवाई हमलों में मौत हो गई। 29 सितंबर को उनका शव बरामद हुआ। इस हमले को इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने मंजूरी दे दी थी जब वह न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र की बैठक में भाग ले रहे थे। खूंखार आतंकवादी का शव बेरूत में उसके बंकर से बरामद किया गया, जो इजरायली हवाई हमलों में नष्ट हो गया था। हिजबुल्लाह के बयान में नसरल्लाह की मौत की पुष्टि की गई है, जिसमें यह नहीं बताया गया है कि उसे वास्तव में कैसे मारा गया। बताया जा रहा है कि नसरल्लाह और हिज़्बुल्लाह के अन्य नेता एक भूमिगत बंकर में एक बैठक कर रहे थे, ठीक उसी वक्त इसराइल ने हमला कर दिया। हसन नसरल्लाह की मौत ने ईरान के पूर्व राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद द्वारा लगाए गए आरोपों पर बहस फिर से शुरू कर दी है कि इजरायल के मोसाद ने ईरानी खुफिया तंत्र में घुसपैठ की थी। 2021 में सीएनएन तुर्क के साथ एक साक्षात्कार में अहमदीनेजाद ने दावा किया कि इजरायली जासूसी प्रयासों को विफल करने के लिए स्थापित एक प्रमुख ईरानी खुफिया इकाई का प्रमुख वास्तव में एक इजरायली एजेंट था। यदि ये खुलासे सच पाए गए, तो ईरान की खुफिया कमजोरियों और उसकी सुरक्षा सेवाओं की प्रभावशीलता पर गंभीर सवाल उठेंगे।

ईरानी सीक्रेट सर्विस का चीफ मोसाद एजेंट निकला

अहमदीनेजाद ने 2013 तक राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया। साक्षात्कार के दौरान, उन्होंने आरोप लगाया कि यह स्पष्ट हो गया कि मोसाद के संचालन का मुकाबला करने वाली खुफिया इकाई का प्रभारी व्यक्ति स्वयं इज़राइल का एक ऑपरेटिव था। उन्होंने आगे कहा कि यूनिट के प्रमुख के अलावा, डिवीजन के 20 अन्य खुफिया संचालक इजरायली एजेंसी मोसाद के एजेंट पाए गए। उन्होंने दावा किया कि घुसपैठ के स्तर ने विदेशी एजेंसियों के लिए ईरान के भीतर अभियान चलाना संभव बना दिया है, जिसमें 2018 में ईरानी परमाणु दस्तावेजों की चोरी और प्रमुख परमाणु वैज्ञानिकों की हत्या भी शामिल है। 2018 में इजरायली प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने खुलासा किया कि बड़ी संख्या में ईरान के परमाणु कार्यक्रम के दस्तावेज इजरायली एजेंटों द्वारा हासिल किए गए थे। उन्होंने एक हाई-प्रोफाइल भाषण के दौरान दस्तावेज़ प्रदर्शित किए और आरोप लगाया कि उन्होंने ईरान के गुप्त परमाणु हथियार कार्यक्रम का प्रदर्शन किया। बाद में, अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी द्वारा आरोपों की पुष्टि की गई, जिसने सत्यापित किया कि दस्तावेज़ तेहरान में एक ऑपरेशन के दौरान जब्त किए गए थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मोसाद के एजेंट तेहरान के एक गोदाम में घुस गए और छह घंटे के ऑपरेशन में तिजोरियां तोड़कर 100,000 से अधिक वर्गीकृत कागजात ले गए।

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इज़राइल के क्षेत्रीय अभियान ईरान से आगे तक फैले हुए हैं

रिपोर्ट्स के मुताबिक, मोसाद की घुसपैठ ने न केवल ईरान की आंतरिक कमजोरियों को उजागर किया है, बल्कि लेबनान में उसके प्रॉक्सी नेटवर्क की कमजोरियों को भी उजागर किया है। क्षेत्र में मोसाद के प्रभाव को हिजबुल्लाह के खिलाफ लक्षित अभियानों और हसन नसरल्लाह सहित उसके प्रमुख लोगों की हत्या के माध्यम से प्रदर्शित किया गया है, जो हाल ही में एक हवाई हमले में मारा गया था। नसरल्लाह की मौत के लिए चलाए गए ऑपरेशन ने मोसाद की इज़राइल की सीमाओं से परे काम करने की क्षमताओं को उजागर किया। यह स्पष्ट है कि मोसाद की पूरे क्षेत्र में, विशेष रूप से ईरान और लेबनान में महत्वपूर्ण पहुंच है।

संकट में ईरानी खुफिया

इज़राइल ने ईरान के अंदर हाई-प्रोफाइल ऑपरेशन करना जारी रखा है, ईरान के भीतर उसकी खुफिया सेवाओं की क्षमता के बारे में बहस को अहमदीनेजाद के खुलासे के साथ नई गति मिली है। ईरान में अब इजरायली एजेंटी की जांच शुरू हो गई है। ईरान को लेबनान की यात्रा करने वाले रिवोल्यूशनरी गार्ड के कुछ अधिकारियों पर शक है। इनमें से एक अधिकारी ने नसरल्लाह के ठिकाने के बारे में पूछा था। ईरान ने कुछ अन्य संदिग्धों के साथ इस अधिकारी को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि उसका पूरा परिवार ईरान से भागने में सफल रहा।

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