By अंकित सिंह | Jan 05, 2024
अयोध्या भूमि विवाद मामले के पूर्व वादी इकबाल अंसारी को 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर के 'प्राणप्रतिष्ठा' समारोह का निमंत्रण मिला। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से, आरएसएस के कार्यकर्ताओं ने आज उन्हें निमंत्रण कार्ड सौंपा। इसको लेकर इकबाल अंसारी ने अपनी खुशी भी वयक्त की है। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि भगवान राम की मूर्ति स्थापित होने जा रही है। अयोध्या हिंदू-मुस्लिम-सिख-ईसाई सद्भाव की भूमि है। यह हमेशा बरकरार रहेगा...सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया और देशभर के मुसलमानों ने इसका सम्मान किया।
इकबाल अंसारी ने कहा कि कहीं कोई विरोध या प्रदर्शन नहीं हुआ...अयोध्या के लोग खुश हैं, मैं भी खुश हूं। इकबाल अंसारी बाबरी मस्जिद के प्रमुख समर्थक रहे हैं और उन्हें 5 अगस्त, 2020 को आयोजित राम मंदिर के 'भूमिपूजन' समारोह में शामिल होने का निमंत्रण भी मिला था। अंसारी उन सैकड़ों लोगों में शामिल थे, जिन्होंने 30 दिसंबर को अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कतार में खड़े होकर स्वागत किया था, जब मोदी ने उत्तर प्रदेश में कई अन्य परियोजनाओं की आधारशिला रखने के अलावा एक पुनर्विकसित रेलवे स्टेशन और एक नवनिर्मित हवाई अड्डे का उद्घाटन किया था।एक वीडियो में इकबाल को प्रधानमंत्री के काफिले पर फूल बरसाते हुए भी देखा जा सकता है।
इकबाल के पिता, हाशिम अंसारी, जो भूमि विवाद मामले में सबसे उम्रदराज वादी थे, की 2016 में 95 वर्ष की आयु में मृत्यु हो गई, जिसके बाद इकबाल ने अदालत में मामले को आगे बढ़ाना शुरू कर दिया। 9 नवंबर, 2019 को, सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में विवादित स्थल पर एक सरकारी ट्रस्ट द्वारा राम मंदिर के निर्माण का समर्थन किया और फैसला सुनाया कि हिंदू पवित्र शहर में एक मस्जिद के लिए वैकल्पिक पांच एकड़ का भूखंड खोजा जाना चाहिए। 22 जनवरी को मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के लिए अयोध्या को सजाया जा रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसमें शामिल होंगे। समारोह में क्रिकेटरों और बॉलीवुड सितारों समेत 7,000 से अधिक मेहमान मौजूद रहेंगे।