चीफ जस्टिस की ओर से गठित इंटरनल कमेटी जस्टिस यशवंत के घर पर जांच के लिए पहुंची। करीब 45 मिनट तक टीम जस्टिस वर्मा के आवास पर रही। हालांकि इस बात की जानकारी नहीं मिल पाई है कि जांच टीम की जस्टिस यशवंत से कोई बातचीत हुई या नहीं। 3 सदस्यी जांच कमेटी में कर्नाटक हाई कोर्ट के जज भी शामिल हैं। कैश मामले की जांच के लिए जांच कमेटी की टीम जस्टिस यशवंत वर्मा के घर पर पहुंची थी।
दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के आवास पर 14 मार्च की रात आग लगने की घटना के दौरान सबसे पहले प्रतिक्रिया देने वालों में शामिल पांच पुलिसकर्मियों ने अपने फोन दिल्ली पुलिस मुख्यालय को सौंप दिए हैं। उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि इन उपकरणों का इस्तेमाल भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना द्वारा गठित न्यायाधीशों की तीन सदस्यीय समिति द्वारा की जा रही जांच में किया जाएगा, जिसका गठन आग लगने के दौरान कथित तौर पर नकदी पाए जाने के मद्देनजर किया गया है।
तुगलक रोड थाने के स्टेशन हाउस ऑफिसर समेत पांच पुलिसकर्मियों को दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा ने अपने कार्यालय में बुलाया। पता चला है कि अरोड़ा ने उनसे जांच में सहयोग करने और कोई भी जानकारी देने में संकोच न करने को कहा। पांच पुलिसकर्मियों में एसएचओ, एक सब-इंस्पेक्टर, दो हेड कांस्टेबल और एक कांस्टेबल शामिल हैं। हेड कांस्टेबल में से एक जांच अधिकारी (आईओ) भी है।