पीपीएफ में सालाना 1.5 लाख कीजिए निवेश और सटीक रणनीति के साथ महज 15 साल में ही बनिए करोड़पति

By कमलेश पांडे | Dec 21, 2023

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) एक बेहद लोकप्रिय बचत योजना है, जिसमें गत 1 अप्रैल, 2023 से आपकी जमा धनराशि पर 7.1 फीसदी ब्याज दर निर्धारित है। वहीं, यदि आपकी दिलचस्पी इस बचत योजना में है तो आप अपना पीपीएफ खाता किसी भी बैंक या फिर नजदीकी डाकघर (पोस्टऑफिस) में खुलवा सकते हैं। इस पीपीएफ अकाउंट में कोई भी वयस्क व्यक्ति न्यूनतम 500 रुपए सालाना से अपना या अपने बच्चों का खाता खोल सकता है। वहीं, आप इसमें अधिकतम सालाना 1.5 लाख रुपए तक निवेश कर सकते हैं।


पीपीएफ खाता में इनकम टैक्स के सेक्शन 80सी के तहत 1.5 लाख रुपए तक के निवेश पर टैक्स छूट मिलती है। इस खाते में साल में 12 बार आप पैसा जमा कर सकते हैं। यदि आप शादीशुदा निवेशक हैं और आपके दो बच्चे भी हैं तो इस बचत योजना के सहारे आप अच्छी खासी निवेश खड़ा कर सकते हैं और उस पर गारंटीशुदा ब्याज भी अर्जित कर सकते हैं। इस योजना के तहत आप अपना, अपनी पार्टनर का और अपने दो या दो से अधिक बच्चों के खाते खुलवा सकते हैं और सबमें अधिकतम 1.5 लाख तक की धनराशि जमा करके 7.1 प्रतिशत सुनिश्चित ब्याज पा सकते हैं। 

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महत्वपूर्ण बात यह कि पीपीएफ के पैसे को किसी भी जुर्माने या लायबिलिटी के रुप में जब्त या वसूला नहीं जा सकता है। यही वजह है कि पब्लिक प्रॉविडेंट फंड में निवेश को बढ़िया ब्याज और टैक्स सेविंग का एक अच्छा जरिया बताया जा रहा है। क्योंकि ज्यादातर भारतीय इस योजना में ही निवेश करना पसंद करते हैं। खास बात यह कि इस योजना पर सरकारी गारंटी मिलती है। इस निवेश को ई-ई-ई कैटेगरी में रखा गया है, जिसका आशय यह होता है कि आपका निवेश, ब्याज और मैच्योरिटी अमाउंट तीनों पूरी तरह से टैक्स फ्री हैं। 


आपको यह भी पता होना चाहिए कि पीपीएफ में सालाना 1.5 लाख रुपए तक के निवेश पर टैक्स छूट  मिलती है। लेकिन, परिवार के सिर्फ एक सदस्य को ही। हालांकि, आप इस निवेश को बढ़ा सकते हैं, जिससे आपके निवेश पर ब्याज भी दोगुना, तिगुना या चौगुने हो सकता है। 


# आइए जानते हैं कि आपका निवेश कैसे होता है दुगुना, तिगुना या चौगुना?


पीपीएफ में इनकम टैक्स के सेक्शन 80सी के तहत 1.5 लाख रुपए तक के निवेश पर टैक्स छूट मिलती है। इसलिए इसमें अधिकतम निवेश की सीमा 1.5 लाख रुपए ही है। वहीं साल में 12 बार आप पैसा जमा कर सकते हैं। लेकिन, यहां पर शादीशुदा निवेशकों के लिए एक काम की बात यह है कि अगर आप अपने पार्टनर के नाम पर पीपीएफ खाता खुलवाएंगे तो एक वित्त वर्ष में ही अपने निवेश को भी डबल कर सकते हैं और दोनों अकाउंट पर ब्याज का भी फायदा ले सकते हैं। वहीं, आप यदि अपना पहला बच्चा, दूसरा बच्चा या किसी अन्य बच्चा का पीपीएफ खाता खुलवाते हैं तो उस पर भी आप अलग-अलग 1.5 लाख रुपये जमा कर सकते हैं। इससे आपकी रकम दुगुना, तिगुना या चौगुना हो सकता है।


जानकार बताते हैं कि अपने लाइफ पार्टनर के नाम पर पीपीएफ अकाउंट खोलने से निवेशक अपने दूसरे निवेश विकल्प की जगह पीपीएफ में निवेश कर सकता है। ऐसे में उसके पास दो ऑप्शन होंगे। पहला अपने अकाउंट में 1.5 लाख रुपए तक जमा कर सकता है। वहीं, दूसरा पार्टनर के नाम पर भी 1.5 लाख रुपए एक वित्त वर्ष में जमा कर सकता है। इन दोनों अकाउंट पर अलग-अलग ब्याज मिलेगा। इसी तरह से वो अपना पहला बच्चा और दूसरा बच्चा के नाम पर भी अलग-अलग खाता खोलकर उसमें भी 1.5 लाख और 1.5 लाख जमा करके गारंटी युक्त ब्याज पा सकता है। यह बात अलग है कि इन चार पीपीएफ खातों में से किसी एक अकाउंट पर यानी अपना या अपने पार्टनर के खाता में से किसी एक पर ही 1.5 लाख रुपए तक की टैक्स छूट ली जा सकती है। ऐसे में आपके पीपीएफ निवेश की लिमिट दोगुनी होकर 3 लाख रुपए और चौगुनी होकर 6 लाख रुपये हो जाएगी। वहीं, ई-ई-ई कैटेगरी में आने की वजह से निवेशक को पीपीएफ के ब्याज और मैच्योरिटी अमाउंट पर टैक्स छूट का भी फायदा होगा। जबकि बच्चों के 18 साल के होने अर्थात वयस्क होने पर वो उसके असली स्वामी बन जाएंगे।


इनकम टैक्स के सेक्शन 64 के तहत आपकी तरफ से पत्नी को दी गई किसी राशि या गिफ्ट से हुई आय आपकी इनकम में जोड़ी जाएगी। हालांकि, पीपीएफ के मामले में जो कि ई-ई-ई की वजह से पूरी तरह से टैक्स फ्री है, क्लबिंग के प्रावधानों का कोई असर नहीं पड़ता है। वहीं, जब भविष्य में आपके पार्टनर का पीपीएफ खाता मैच्योर होगा, तब आपके पार्टनर के पीपीएफ खाते में आपके शुरुआती निवेश से होने वाली आय को आपकी आय में साल दर साल जोड़ा जाएगा। इसलिए ये विकल्प शादीशुदा लोगों को पीपीएफ खाते में अपना योगदान को दोगुना या चौगुना करने का मौका भी देता है। 


इस तरह से आप महज 1.5 लाख जमा करके भी अपनी सटीक वित्तीय रणनीति से  करोड़पति बन जाएंगे। यदि आप 20 वर्ष की उम्र से पीपीएफ में 1.5 लाख रुपये निवेश करने पर महज 45 साल में ही 1 करोड़ रुपए हासिल कर देंगे। वो भी बिल्कुल टैक्स-फ्री। इसलिए वित्तीय विशेषज्ञ भी कहते हैं कि शायद ही इतनी कोई भरोसेमंद और सुरक्षित स्कीम हो, जो आपको करोड़पति बना पाए। लेकिन, पीपीएफ ही ऐसा है, जो आपके सपनों को साकार कर सकता है और भविष्य में बेहतर रिटर्न दे सकता है।


# ऐसे समझें करोड़पति बनने का गणित, समझने के बाद निवेश में विलंब न करें


कमाने वाला व्यक्ति अगर अपनी पीपीएफ अकाउंट में जमा रकम को 15 साल के लिए जमा रहने देता है तो वह अगले 25 साल में करोड़पति हो जाएगा। पीपीएफ अकाउंट होल्डर को अपने खाते में हर साल 1.50 लाख जमा करना होगा। ऐसा आपको 15 साल तक करना होगा। जब यह रकम मैच्योर होगी तो उसके बाद आप इसे हर 5-5 साल के लिए बढ़ा सकते हैं। ऐसा करके आप 25 साल तक इसे बढ़ा सकते हैं। इस तरह अगर आपने हर साल डेढ़ लाख जमा किए तो आपने 25 साल में करीब 37.50 लाख अपने खाते में जमा किए, जिसका 7.1 फीसदी की ब्याज दर से कुल ब्याज 65,58,015 यानी करीब 66 लाख ब्याज ही हो गया। ऐसे में 25 साल की मैच्योरिटी पर यह रकम 1,03,08,015 बैठती है यानी 1.03 करोड़ रुपए हो मिलेगी।


दरअसल, पीपीएफ से करोड़पति बनना इसलिए सहज हो जाता है, क्योंकि इसमें ब्याज पर ब्याज यानी चक्रवृद्धि ब्याज भी मिलता है। यानी, आपको मूलधन के साथ उसके ब्याज पर भी ब्याज मिलता है। आप जितनी जल्‍दी और जितने लंबे समय के लिए इनमें निवेश करेंगे, उतना ज्‍यादा मुनाफा प्राप्‍त कर सकते हैं।


पीपीएफ अकाउंट में जाॅइंट अकाउंट की सुविधा नहीं है। हालांकि, नॉमिनी बनाया जा सकता है। अगर किसी की उम्र 18 साल से कम है तो उसका भी पीपीएफ अकाउंट खोला जा सकता है। कोई भी व्यक्ति किसी पोस्ट ऑफिस या बैंक में अपने नाम पर यह अकाउंट खोल सकता है। इसके अलावा नाबालिग की तरफ से कोई और व्यक्ति भी गार्जियन बनकर खाता खोल सकता है। बच्चों के केस में पीपीएफ अकाउंट में अभिभावक का नाम शामिल होता है, लेकिन, यह 18 की उम्र तक ही वैध रहता है। वहीं, अगर कोई दादा-दादी या नाना-नानी अपने नाती-पोते का पीपीएफ अकाउंट खोलना चाहें, तो वह नहीं खोल सकते। बच्चे के नाम पर अकाउंट सिर्फ माता-पिता ही खुलवा सकते हैं।


25 साल पर एक करोड़ से ज्यादा रकम के रिटर्न पर आप टैक्स बेनिफिट्स उठा सकते हैं। क्योंकि सेक्शन 80-सी के तहत चूंकि यह रकम पीपीएफ से प्राप्त की गई है, इसलिए इस पर टैक्स से छूट रहेगी। पीपीएफ पर आपको गारंटी के साथ रिटर्न मिलता है। ऐसा इसलिए कि इसके पैसों को शेयर बाजार में निवेश नहीं किया जाता है। इसलिए शेयर बाजार की परफॉर्मेंस के आधार पर रिटर्न घटता-बढ़ता नहीं है। पीपीएफ पर ब्याज दर सरकार की तरफ से तय की जाती है और हर तिमाही में उसका रिव्यू किया जाता है।


एक व्यक्ति सिर्फ एक पीपीएफ अकाउंट ही खोल सकता है। यह बैंक या पोस्ट ऑफिस में से किसी एक जगह पर खोला जा सकता है। दोनों जगह एक-एक अकाउंट नहीं खोला जा सकता। हालांकि, आप एक जगह से दूसरी जगह अपने अकाउंट को ट्रांसफर जरूर कर सकते हैं। अगर गलती से दो अकाउंट खुल जाते हैं, तो दूसरे अकाउंट को रेगुलर अकाउंट की तरह माना जाएगा।


आप चाहें तो मैच्योरिटी से पहले भी पीपीएफ अकाउंट बंद करवा सकते हैं। हालांकि, यह भी 5 साल पूरे होने के बाद ही संभव है। क्योंकि समय से पहले पीपीएफ बंद करने और पैसे निकालने के लिए एक शर्त यह है कि पैसों का इस्तेमाल किसी जानलेवा बीमारी के लिए ही होना चाहिए। यह अकाउंट होल्डर, उसके पार्टनर, बच्चे या फिर माता-पिता के इलाज के लिए ही निकाला जा सकता है। साथ ही आपको मेडिकल अथॉरिटी से जरूरी मंजूरी भी लेनी होंगी।


- कमलेश पांडेय

वरिष्ठ पत्रकार व स्तम्भकार

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