By डॉ. रमेश ठाकुर | Jul 05, 2021
एक वक्त था, जब फिल्में सामाजिक बुराइयों पर प्रहार करती थीं। पर, अब सिर्फ नगन्ता और फूहड़ताओं को दिखाती हैं। कुछ कलाकार इस चलन के खिलाफ भी हैं। नवोदित अभिनेत्री रिचा कालरा भी चाहती हैं अच्छे सब्जेक्ट्स पर फिल्में बनें। अपनी अलहदा सोच के कारण उन्होंने कुछ ही समय में अपनी अच्छी पहचान बनाई है। बीते दिनों उनकी ‘मचान’ नाम की मूवी रिलीज हुई जिसमें उन्होंने लीड रोल निभाया। फ़िल्म एड्स और बेटी बचाओ जैसे अभियान के प्रति जागरूक करती है। रिचा कालरा की अभी तक की फिल्मी यात्रा एवं भविष्य की योजनाओं पर डॉ. रमेश ठाकुर ने विस्तृत बातचीत की। पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश-
प्रश्न- समाज को क्या संदेश दे रही है 'मचान’ मूवी ?
उत्तर- अच्छे सब्जेक्ट पर बनी है 'मचान' फ़िल्म। एक साथ कई ज्वलंत मुद्दों को कुरेद रही है। एड्स, स्वच्छ भारत अभियान, बेटी बचाओ और बेटी शिक्षा जैसे सामाजिक विषयों के लिए लोगों को जागरूक करने का काम कर रही है फिल्म। हमने तरक्की तो बहुत कर ली, पर भेदभाव की बीमारी अभी भी व्याप्त है। समाज की किसी भी कुरूतियों को दूर करने के लिए सरकार के साथ हम सबकी भी जनभागीदारी होनी चाहिए। सरकारें सिर्फ अपने दम पर समस्याओं को नहीं सुलझा सकतीं। फ़िल्म एयरटेल एक्सस्ट्रीम, जियो सिनेमा, शेमारू जैसे विभिन्न ओटीटी प्लेटफार्मों पर रिलीज हुई है। मचान को टाटा स्काई, एयरटेल, डीटीएच और वीडियोकॉन पर दर्शक देख सकते हैं।
प्रश्न- आपका फिल्मों में कैसे आना हुआ?
उत्तर- फिल्मों में आने का शौक बचपन से ही था, विशेषकर मेरी मम्मी का ज्यादा। उनके कहने पर ही मैंने कथक सीखा और एक्टिंग का कोर्स किया। लोग मुझे शुरू से हीरोइन मटेरियल बोला करते थे। फिल्मों में जाने के लिए कहते थे। जब मायानगरी पहुंची तो मुझे पता चला फिल्म इंडस्ट्री क्या होती है, ग्लैमर क्या होता है और ग्रूमिंग क्या होती है। फिल्मों से पहले मैंने थिएटर करके एक्टिंग की एबीसीडी ठीक से जान ली थी।
प्रश्न- आप सिंगर भी बनना चाहती थीं?
उत्तर- अगर अभिनेत्री नहीं बनती तो तय किया हुआ था अगर एक्टिंग में कुछ अच्छा नहीं कर पाई, तो सिंगर ही बनूंगी, क्योंकि गाना गाने में मेरी दिलचस्पी शुरू से ही रही। लेकिन किस्मत में अभिनेत्री बनना ही लिखा था। फिलहाल अभी शुरुआत है, दर्शकों का प्यार मिल रहा है और सब कुछ अच्छा चल रहा है।
प्रश्न- आपकी शिक्षा-दीक्षा कहां से हुई?
उत्तर- मेरी शुरुआती शिक्षा झारखंड के डीएवी पब्लिक स्कूल हजारीबाग से हुई। ग्रेजुएशन दिल्ली के दौलत राम कॉलेज से किया। एक्टिंग की शिक्षा रास थिएटर ग्रुप से प्राप्त की है। बाकी पढ़ने लिखने का शौक हमेशा रहता है।
प्रश्न- किस तरह के रोल करना पसंद करती हैं आप?
उत्तर- कोशिश यही रहेगी कि ऐसी भूमिकाएं निभाई जाएं जिससे सामाजिक संदेश जाए और जागरूकता फैले। वैचारिक फिल्में हों, जिसका कंटेंट अच्छा और सराहनीय हो। जैसे वीर रस वाले सारे रोल और इसके अलावा मुझे श्रृंगार रस के रोल ज्यादा पसंद हैं। वैसे, चुनौतीपूर्ण रोल भविष्य में करना चाहूंगी।
प्रश्न- और कौन-सी फिल्में आने वाली हैं आपकी?
उत्तर- अगला प्रोजेक्ट एक वीडियो सॉन्ग है जो सोशल अवेयरनेस पर आधारित है। एक फीचर फिल्म ‘फिजा’ लाइन में है जो लव जिहाद पर बन रही है। शूटिंग हो चुकी है, रिलीज की डेट तय होनी है। इसके अलावा एक और अनाम फिल्म है तो डायरेक्टर आरपी पटनायक के निर्देशन में बन रही है। फिल्म की शूटिंग किर्गिस्तान में हो चुकी है। थिएटर खुलते ही वह भी रिलीज होगी। एकाध एलबम भी आने वाली हैं।
प्रश्न- ओटीटी में आप सिनेमा का भविष्य कैसे देखती हैं?
उत्तर- भविष्य निश्चित रूप से अच्छा है। ओटीटी दर्शकों को सब कुछ उनके घरों में ही परोस रहा है। ऐसे लोग जो व्यस्तता के चलते सिनेमाघरों में नहीं पहुंच पाते उनके लिए ओटीटी बेहतर प्लेटफार्म है। बाकी दर्शकों की पसंद पर निर्भर करता है वह क्या देखना पसंद करेंगे।
प्रश्न- स्क्रिप्ट के हिसाब अगर आपको बिकनी पहनना पड़े तो?
उत्तर- बिकनी पहनने में कोई गुरेज नहीं? चरित्र की कहानी अगर बिकनी पहनने से पूरी होती है तो मुझे भी कोई दिक्कत नहीं? अभिनेत्री की प्राथमिकता छोटे कपड़ों को पहनने में नहीं, बल्कि उनके कंफर्ट जोन पर निर्भर होनी चाहिए। फिलहाल बिना वजह बिकनी पहनने से परहेज करूंगी।
-जैसा बातचीत में डॉ. रमेश ठाकुर के साथ अभिनेत्री रिचा कालरा ने कहा।