By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Feb 05, 2024
केंद्र सरकार द्वारा कर अंतरण में कमी लाकर कर्नाटक के साथ अन्याय करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कहा कि इससे पिछले चार वर्ष में राज्य को 45,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।
‘कर अंतरण’ केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच राजस्व के वितरण को संदर्भित करता है। उन्होंने यह भी दावा किया कि कन्नड़ लोगों द्वारा दिया गया कर राज्य के मुश्किल वक्त में काम नहीं आया और यह पैसा उत्तरी राज्यों के पास जा रहा है।
सिद्धरमैया ने रविवार को कहा, ‘‘15वें वित्त आयोग के बाद कर्नाटक को कर अंतरण हिस्सेदारी में कमी के कारण कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, जिससे पिछले चार वर्ष में राज्य को 45,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। यह अन्याय बर्दाश्त नहीं हो सकता।’’
उन्होंने ‘एक्स’ पर ‘साउथ टैक्स मूवमेंट’ हैशटैग के साथ एक पोस्ट में कहा, ‘‘हम अपने राज्य की भलाई के लिए कन्नड़ भाषियों के साथ उचित व्यवहार और न्याय की मांग करते हैं।’’
मुख्यमंत्री की यह टिप्पणियां ऐसे समय में आयी है जब सिद्धरमैया समेत राज्य के सभी कांग्रेस विधायक और सांसद केंद्र सरकार द्वारा कर्नाटक के साथ कर अंतरण और सहायता अनुदान के संबंध में किए ‘अन्याय’ के खिलाफ सात फरवरी को नयी दिल्ली में विरोध प्रदर्शन करेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘दक्षिण राज्यों द्वारा दिए गए करों के ऋणी उत्तरी राज्य कभी हमारे लिए आदर्श नहीं हो सकते। हर किसी को इस मिथ्या विचार से उबरना चाहिए। कठिन परिश्रम से मजबूत राष्ट्र का निर्माण कर रहा कर्नाटक भारत के लिए एक आदर्श है।