By अनन्या मिश्रा | Oct 31, 2024
देश की पहली और इकलौती महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 31 अक्तूबर को हत्या कर दी गई थी। आजाद भारत में इंदिरा गांधी ने न सिर्फ सरकार बनाई, बल्कि पूरे भारत का नेतृत्व भी किया था। देश की आजादी के बाद से अब तक कोई भी महिला प्रधानमंत्री नहीं रहीं। बतौर पीएम इंदिरा ने अपने कार्यकाल में कई कड़े और दमदार फैसले लिए थे। इंदिरा के फैसलों ने पूरे देश में क्रांति ला दी थी। पं. नेहरू की राजनीतिक विरासत को संभालते हुए इंदिरा गांधी ने दमदार महिला के रूप में खुद को स्थापित किया था। तो आइए जानते हैं उनकी डेथ एनिवर्सरी के मौके पर देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...
जन्म
भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के घर 19 नवंबर 1917 को इंदिरा गांधी का जन्म हुआ था। इंदिरा को राजनीति विरासत में मिली थी और उनमें गजब की राजनीतिक दूरदर्शिता थी। उन्होंने महज 11 साल की उम्र में ब्रिटिश शासन के खिलाफ बच्चों की वानर सेना का भी गठन किया था। वहीं साल 1938 में वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में औपचारिक तौर पर शामिल हुई थीं। इस दौरान इंदिरा अपने पिता पं. नेहरू के राजनीतिक कार्यों में हाथ बटाने लगी थीं।
विरासत की उत्तराधिकारी
जब पं. नेहरू का निधन हुआ, तो कांग्रेस पार्टी की जिम्मेदारी इंदिरा गांधी के हाथों में आ गई। हालांकि शास्त्री के मंत्रिमंडल में इंदिरा सूचना और प्रसारण मंत्री रहीं। लाल बहादुर शास्त्री के निध के बाद नेहरू के उत्तराधिकारी के तौर पर इंदिरा को पीएम पद का दावेदार बनाया गया और उनको राजनीति में उतारा गया। हालांकि उस दौरान तक इंदिरा को 'गूंगी गुड़िया' माना जाता था। लेकिन जब इंदिरा गांधी देश की पीएम बनीं तो पूरे देश ने इस गूंगी गुड़िया के फैसलों की गूंज को सुना।
कड़े फैसलों के लिए जानी जाती हैं इंदिरा गांधी
देश की आजादी के बाद से भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष जारी था। पाक की कब्जा नीति की वजह से अधिक संख्या में बंगाली शरणार्थी भारत आकर बसने लगे थे। इस समय पाकिस्तान को अमेरिका से समर्थन मिल रहा था। लेकिन देश की तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी किसी से डरी नहीं और उन्होंने पूर्वी पाकिस्तान पर हमले का आदेश दे दिया। उन्होंने पूर्वी पाकिस्तान को आजाद कराया और बांग्लादेश के निर्माण में सहयोग दिया।
पीएम इंदिरा का शासनकाल में सबसे बड़ा और विवादास्पद फैसला आपातकाल का रहा। साल 1971 में इंदिरा गांधी पर चुनाव में सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का आरोप लगा था। जिस पर साल 1975 के लोकसभा चुनाव को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया था। साथ ही इंदिरा पर भी चुनाव न लड़ने का बैन लगा दिया। इस दौरान विपक्ष भी पीएम से इस्तीफे की मांग करने लगा था। लेकिन इंदिरा गांधी ने विपक्ष और कोर्ट के विरुद्ध जाकर देश में आपातकाल लगा दिया। आपातकाल लगने पर प्रेस की आजादी पर रोक लगा दी गई और कई बड़े फेरबदल भी किए गए। इसके अलावा कई बड़े नेताओं को जेल में डाल दिया गया था।
मृत्यु
बता दें कि 31 अक्तूबर 1984 को देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। यह भारतीय राजनीति और समाज के लिए गहरा आघात था।