By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Nov 23, 2020
नयी दिल्ली। कोविड-19 महामारी के मद्देनजर होटलों में खपत काफी कम होने तथा घरेलू उत्पादन में संभावित वृद्धि की वजह से तेल वर्ष 2020-21 में भारत का खाद्य तेल आयात 1.25-1.35 करोड़ टन रहने का अनुमान है। व्यापार निकाय एसईए ने यह जानकारी दी है। देश का खाद्य तेल का आयात तेल वर्ष 2019-20 (नवंबर-अक्टूबर) में 13 प्रतिशत घटकर एक करोड़ 35.2 लाख टन रहा था। मुंबई स्थित सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के अध्यक्ष अतुल चतुर्वेदी ने एक बयान में कहा, ‘‘हम वर्ष 2020-21 में खाद्य तेल आयात 1.25 से 1.35 करोड़ टन के बीच सीमित रहने का अनुमान कर रहे हैं।’’ घरेलू तिलहन उत्पादन बढ़ने तथा खाद्य तेल उत्पादन 10-15 लाख टन अधिक रहने की संभावना को देखते हुए खाद्य तेल का आयात सीमित रह सकता है।
कोविड-19 महामारी के मद्देनजर घरेलू खपत कम होने की वजह से कमजोर मांग का स्तर, इस साल आयात पर असर डालेगा। उन्होंने कहा, ‘‘भारत एक मूल्य-संवेदनशील बाजार है और उच्च कीमतें नकारात्मक रूप से खपत को प्रभावित कर सकती हैं।’’ एसईए ने उल्लेख किया कि तिलहन किसानों, विशेष रूप से सरसों उत्पादक, अधिक रकबे में सरसों फसल लगा रहे हैं - जो इस बार सरसों की बेहतर कीमत मिलने की वजह से हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर तेल उत्पादन में अच्छी वृद्धि होती है तो हमें आश्चर्य नहीं होना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि इन सभी पहलुओं को मिलाकर देखें, तो इससे संभावना बनती है कि देश का खाद्य तेल आयात सीमित रहेगा।