By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | May 07, 2020
लंदन। ब्रिटेन में भारतीय उन समूहों में शामिल हैं जिन्हें श्वेतों की तुलना में कोरोना वायरस से मौत का खतरा अधिक है। यह बात बृहस्पतिवार को ब्रिटेन में कोरोना वायरस महामारी को लेकर जारी एक नवीनतम सांख्यिकी से सामने आयी। ‘द आफिस फॉर नेशनल स्टैटिस्टिक्स’ (ओएनएस) ने दो मार्च से 10 अप्रैल के बीच इंग्लैंड और वेल्स के लिए कोविड-19 संबंधित मौत के आंकड़ों के जातीय समूह आधारित विश्लेषण से पाया कि इस खतरनाक वायरस से भारतीय मूल के 483 व्यक्तियों की मौत हुई। इनमें से अधिकतर की आयु 65 वर्ष से अधिक थी।
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ओएनएस ने कहा, ‘‘अस्थायी विश्लेषण से पता चला कि श्वेतों के मुकाबले कुछ अन्य समूहों में कोविड-19 से मौत होने का खतरा अधिक है।’’ इसमें कहा गया, ‘‘बांग्लादेशी, पाकिस्तानी, भारतीय एवं अन्य मूल के लोगों में श्वेतों के मुकाबले कोविड-19 से मौत का खतरा अधिक है।’’ बांग्लादेशी और पाकिस्तानी मूल के समूहों के पुरुषों की, श्वेत पुरुषों के मुकाबले कोविड-19 से मौत होने का खतरा 1.8 गुना अधिक है। वहीं महिलाओं के लिए यह आंकड़ा 1.6 गुना अधिक है।
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वहीं विश्लेषण में आयु को ध्यान में रखने के बाद अश्वेत पुरुषों में कोविड-19 से मौत का खतरा श्वेतों के मुकाबले 4.2 गुना अधिक और अश्वेत महिलाओं में श्वेत महिलाओं के मुकाबले 4.3 गुना अधिक है। ओएनएस ने निष्कर्ष निकाला है, ‘‘इन परिणामों से पता चलता है कि कोविड-19 की मृत्यु दर में जातीय समूहों के बीच का अंतर आंशिक रूप से सामाजिक-आर्थिक प्रतिकूल परिस्थितियों और अन्य परिस्थितियों का परिणाम है, लेकिन अंतर का शेष हिस्सा अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ है।