By अनुराग गुप्ता | Apr 12, 2022
बचपन की यादें आज भी कई दफा दिल को सुकून सा दे जाती हैं। यूं तो हमारे जीवन में कोई न कोई सुपर हीरो जरूर होता है। किसी के लिए उनके पिता तो किसी के लिए उनके भाई या फिर कोई और उनके सुपर हीरो हो सकते हैं लेकिन टीवी में दिखने वाले सुपर हीरो रियल जिंदगी में नहीं होते है। हम अक्सर स्पाइडर मैन, आयरन मैन, बैटमैन को देखकर रोमांचित हो उठते है और सोचते है कि शायद हमारे पास भी ऐसी कोई सुपर पॉवर होगी जिसके बारे में हमको पता नहीं है और इस चक्कर में कई तरह की नादानियां कर बैठते हैं।
खैर आज के वक्त में टीवी जगत के सुपर हीरोज की काफी चर्चा होती है लेकिन एक वक्त ऐसा भी था जब कॉमिक बुक छाई रहती थी और चर्चा हो तो सिर्फ एक व्यक्ति की... जिसका दिमाग कम्प्यूटर से भी तेज चलता और ऐसी कोई समस्या नहीं थी जिसका निवारण उनके पास नहीं था... जी, हां आप बिल्कुल सही समझ रहे हैं। आज हम बात कॉमिक दुनिया के सुपर हीरो, सुपर शहंशाह चाचा चौधरी की कर रहे हैं।
कम्प्यूटर से भी तेज है चाचा का दिमाग
चाचा चौधरी का कैरेक्टर पहली बार साल 1971 में लोटपोट नामक मैगजीन में देखा गया था। इस कैरेक्टर को प्राण कुमार शर्मा ने बनाया था। जिसने जल्द ही बच्चों के साथ-साथ बड़ों के बीच भरपूर लोकप्रियता हासिल की और देखते ही देखते चाचा चौधरी कॉमिक बुक हिंदी और अंग्रेजी के अलावा 10 अलग-अलग भाषाओं में छपने लगी। इस कॉमिक बुक को लोकप्रिय कॉमिक्स बुक किरदारों में से एक माना गया। प्राण कुमार शर्मा ने चाचा चौधरी के अलावा कई अन्य कामयाब किरदारों को भी बनाया है, जिनमें रमन, बिल्लू और श्रीमतीजी जैसे कॉमिक कैरेक्टर शामिल है।
खैर एक दिलचस्प बात बताएं तो जापान और अमेरिका की तुलना में भारत में कॉमिक्स कम ही पढ़ी जाती है। इसके बावजूद चाचा चौधरी ने लोगों के बीच में अपना अलग ही रुतवा कायम किया हुआ है। ऐसे में चाचा चौधरी की लोकप्रियता को देखते हुए भारत में टीवी सीरीज भी बनाई जा चुकी है।
एक दफा चाचा चौधरी के बारे में प्राण साहब ने बताया था कि हरेक परिवार में कोई एक बुद्धिमान बुजुर्ग होते हैं। वह अपने विवेक से एक परिहास भरे अंदाज में उनकी मुश्किलें हल कराते हैं और यही हास्य मेरे बनाए कार्टूनों की बुनियाद है।
चाचा चौधरी किसी अन्य कॉमिक्स सुपरहीरो या फिर फिल्म जगत के सुपरहीरो की तरह हट्टे-कट्टे नहीं बल्कि साधारण से एक बुद्धिमान व्यक्ति हैं। जो अपने साथ एक लकड़ी की छड़ी रखते हैं, जिसका इस्तेमाल वो अक्सर बदमाशों को पीटने के लिए करते हैं। हालांकि चाचा चौधरी के साथ उनका साबू होता है... जो आता नहीं किसी के काबू...
सफेद मूंछों और लाल पगड़ी को पहने हुए चाचा चौधरी का दिमाग कम्प्यूटर से भी तेज चलता है और साबू को गुस्सा आता है तो ज्वालामुखी फटता है। इस तरह से कैरेक्टर को प्राण कुमार शर्मा ने गढ़ा था। जिसको लेकर 'वर्ल्ड इनसाइक्लोपीडिया ऑफ कॉमिक' नामक किताब में प्राण कुमार शर्मा को 'वॉल्ट डिज्नी ऑफ इंडिया' कहा गया है।
भारतीय समाज में यूं तो पिता के छोटे भाई को चाचा कहा जाता है और चाचा के साथ में चौधरी और लगा हुआ है। ऐसे में चौधरी शब्द की अपनी अलग ही पहचान है। दरअसल, किसी बड़े जमींदार या फिर गांव अथवा शहर के सम्मानित व्यक्ति को चौधरी साहब या फिर चौधरी कहकर पुकारा जाता है।
कॉमिक किरदार:-
चाचा चौधरी कॉमिक में चाचा चौधरी के अलावा बीनी, साबू और रॉकेट के अलावा कई सारे किरदार हैं। दरअसल, चाचा चौधरी का किरदार घरों में मौजूद बुजुर्ग व्यक्ति से लिया गया है, जो अपने अनुभवों से बड़ी से बड़ी समस्या का निदान कर देते हैं। इस कॉमिक बुक में एक किरदार गोबर सिंह के नाम का भी है, जो हमेशा चाचा चौधरी को मारने की कोशिश करता रहता है लेकिन साबू की वजह से गोबर सिंह हमेशा विफल हो जाता। ऐसे में वो चाचा चौधरी को परेशान करने की कोशिश करते और नए-नए तिकड़म लगाता लेकिन कम्प्यूटर से भी तेज दिमाग के धनी चाचा चौधरी उसे उसी की चाल में फंसा देते।
प्राण कुमार शर्मा के अलावा रघुवीर यादव की भी काफी चर्चा होती है क्योंकि उन्होंने ही तो टीवी जगत में चाचा चौधरी का किरदार निभाया है।