क्यों खास है रूस की विक्ट्री डे परेड, साथ खड़ी दिखेगी भारत-चीन सेना, राजनाथ की मास्को यात्रा का समझें महत्व

By अभिनय आकाश | Jun 22, 2020

कोरोना संक्रमितों की संख्या के हिसाब से अमेरिका, ब्राजील के बाद 584,680 मामलों के साथ रूस सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में तीसरे  स्थान पर है। वहीं इस बीमारी से 8 हजार से ज्यादा लोगों ने रूस में अपनी जान गंवाई है। भारत में भी कोरोना का कहर लगातार जारी है और चीन के साथ इन दिनों बॉर्डर पर चल रहे विवाद से भी माहौल गर्म है। लेकिन इन सब के बीच भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रूस के दौरे पर हैं। भारत का महत्वपूर्ण साझेदार रूस, द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से ही रूस और भारत की करीबियों से दुनिया वाकिफ है। ऐसे मोर्चे पर जब चीन और भारत के बीच गतिरोध पर दुनिया चितिंत है।

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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मास्को की 3 दिन की यात्रा पर हैं। 24 जून को रूस में होने वाली विजय दिवस परेड में भारत और चीनी सैनिक कदमताल करते नजर आएंगे। एक तरफ 75 सशस्त्र सैनिकों का भारतीय दस्ता तो दूसरी तरफ चीन की पिपुल्स लिबरेशन आर्मी। राजनाथ सिंह की यात्रा को लेकर रक्षा मंत्रालय ने कहा कि ये दौरा भारत और रूस के बीच दीर्घकालिक विशेष एवं विशेषाधिकृत सामरिक साझेदारी को मजबूत करेगा। 

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चीनी नेताओं से नहीं होगी कोई बात

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मॉस्को यात्रा के दौरान शीर्ष चीनी नेताओं से मुलाकात नहीं करेंगे। रूस के विजय दिवस पर चीन के प्रतिनिधि, मंत्री भी शामिल होंगे, लेकिन राजनाथ सिंह उनसे मुलाकात नहीं करेंगे।

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साथ खड़ी दिखेगी भारतीय और चीनी  सेना

द्वितीय विश्व युद्ध में जर्मनी पर सोवियत संघ की जीत की 75वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है। जिसे लेकर मास्को में विजय दिवस परेड का आयोजन होगा। इस परेड में भारत, चीन अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस समेत 18 देशों की सैन्य टुकड़ियां हिस्सा लेंगी। विजय दिवस परेड में हिस्सा लेने वाली 75 सशस्त्र सैनिकों की टुकड़ी का नेतृत्व वीर सिख लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट के एक बड़े रैंक के अधिकारी द्वारा किया जा रहा है।

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75 साल पूरे होने पर मनाया जा रहा जश्न

रूस में 9 मार्च को हर साल विक्‍ट्री डे मनाया जाता है लेकिन कोरोना वायरस की वजह से इस साल परेड को 24 जून को आयोजित किया जा रहा है। हालांकि, 24 जून, 1945 को पहली विक्‍ट्री डे परेड हुई थी। इस दौरान रूसी सैनिकों ने न केवल नाजियों से मास्‍को के लिए लड़ाई लड़ी थी, बल्कि लेनिनग्राड और स्‍टालिनग्राड की रक्षा की थी। इसके बाद उन्‍होंने रेड स्‍क्‍वायर पर शानदार विक्‍ट्री डे परेड निकाली थी। 

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