By अभिनय आकाश | Jun 27, 2024
कारगिल जंग के 25 साल पूरे होने को हैं। इजरायल वो देश जिसने जंग के दौरान भारतीय सेना को सर्विलांस और बॉम्बिंग के लिए हथियार दिया। जिससे भारतीय सेना कारगिल की ऊंची पहाड़ियों पर बैठे आतंकी साजिश को नाकाम कर सके। कुछ रक्षा विशेषज्ञ ये भी मानते हैं कि अगर उस वक़्त इजरायल की तरफ से लेजर गाइडेड मिसाइलें न दी जाती तो शायद ऑपरेशन कारगिल थोड़ा मुश्किल हो जाता।
25 साल बाद जो खबर आ रही है उसके मुताबिक भारत उस मदद का हिसाब बराबर करने के लिए भारत जारी गाजा जंग इस्रायल को हथियार देकर चुका रहा है। हालांकि इस पर भारत सरकार की तरफ से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं आयी है। दरअसल, इस्रायल को लेकर भारत की तरफ से मदद की बात तब उठी जब इजरायल के पूर्व राजदूत डेनियल कोमैन ने एक बयान में कहा कि शायद इस समय भारत इजरायल के एहसास चुका रहा है। उनका ये बयान इंटरनेशनल मीडिया में भी छाया हुआ है। डेनियल कौरमैन 2014 से लेकर 2018 तक भारत में इजरायल के राजदूत थे।
एक इंटरव्यू के दौरान कौरमैन ने कहा कि इजराइल उन कुछ दशा म स एक था जिसन पाकिस्तान के साथ युद्ध के दौरान भारत को हथियार उपलब्ध कराए थे। भारतीय हमेशा हमें याद दिलाते हैं कि करगिल युद्ध के दौरान इज़राइल उनके साथ था। भारतीय इसे कभी नहीं भूलते हैं और अब शायद वे इस बात का एहसान चुका रहे हैं। वैसे इजरायल ने भारत की मदद 1971 युद्ध के दौरान भी किया था जब उसने पाकिस्तान के खिलाफ भारत की जीत सुनिश्चित करने के लिए हथियार भेजे थे।
इसे जोड़ने के लिए, भारत से नफरत करने वाले मुनीर अकरम के मार्गदर्शन में पाकिस्तान जनवरी 2025 में दो साल के लिए अस्थायी सदस्य के रूप में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में शामिल होगा, जबकि सदाबहार दोस्त चीन निर्दोष भारतीयों को वैश्विक आतंकवादी के रूप में नामित करने का अवसर तलाश रहा है। अतीत या जम्मू-कश्मीर पर किसी प्रस्ताव को आगे बढ़ाना। यदि इतना ही नहीं, तो भारत अगले वर्ष अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार परिषद, जिनेवा का सदस्य नहीं होगा। पिछली बार 2018 में जब भारत सदस्य नहीं था, तब परिषद ने जम्मू-कश्मीर में तथाकथित मानवाधिकार उल्लंघन पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत की थी।