By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 08, 2022
नयी दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वियतनाम के अपने समकक्ष जनरल फान वान गियांग से की गई ‘लाभप्रद’ वार्ता के बाद बुधवार को भारत और वियतनाम के बीच द्विपक्षीय रक्षा सहयोगबढ़ाने के लिए एक ‘विज़न’ दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए। सिंह तीन दिवसीय यात्रा पर मंगलवार को वियतनाम पहुंचे थे। सिंह ने ट्वीट किया, ‘‘ वियतनाम के रक्षा मंत्री जनरल फान वान गियांग के साथ मुलाकात बेहतरीन रही। हमने द्विपक्षीय सहयोग के विस्तार पर बातचीत दोबारा शुरू की। हमारे बीच घनिष्ठ रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है।’’
अधिकारियों ने बताया कि 2030 तक विविध क्षेत्रों में रक्षा संबंधों के महत्वपूर्ण विस्तार के लिए साझा दृष्टिकोण दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए गए। सिंह ने कहा,‘‘ हमने द्विपक्षीय रक्षा संबंधों और क्षेत्रीय तथा वैश्विक मुद्दों को प्रगति के लिए प्रभावी एवं व्यावहारिक पहलों पर व्यापक चर्चा की।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ गहन विचार-विमर्श के बाद, हमने ‘ ज्वाइंट विज़न स्टेटमेंट ऑन इंडिया-वियतनाम डिफेंस पार्टनरशिप टुवर्ड्स 2030’ (वर्ष 2030 को लक्षित भारत-वियतनाम रक्षा साझेदारी पर संयुक्त दृष्टिकोण)पर हस्ताक्षर किए, जो हमारे रक्षा सहयोग के दायरे को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगा।’’ चीन की क्षेत्र में बढ़ती आक्रामकता तथा समुद्री सुरक्षा क्षेत्र में भारत और वियतनाम के बीच बढ़ती सहमति के बीच द्विपक्षीय रक्षा एवं सुरक्षा संबंधों का विस्तार करने के लिए ‘विज़न’ दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
रक्षा मंत्री सिंह का वियतनाम के राष्ट्रपति गुयेन जुआन फुक और प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन्ह से भी मुलाकात करने का भी कार्यक्रम है। वियतनाम, आसियान (दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन) का एक महत्वपूर्ण देश है और उसका दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में चीन के साथ क्षेत्रीय विवाद है। भारत, दक्षिण चीन सागर में वियतनामी समुद्र क्षेत्र में तेल निकालने संबंधी परियोजनाएं चला रहा है। भारत और वियतनाम साझा हितों की रक्षा के वास्ते पिछले कुछ वर्षों में अपने समुद्री सुरक्षा सहयोग को बढ़ाने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। जुलाई 2007 में वियतनाम के तत्कालीन प्रधानमंत्री गुयेन तान डुंग की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच संबंधों को ‘‘रणनीतिक साझेदारी’’ का दर्जा दिया गया था। 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वियतनाम यात्रा के दौरान, इस दर्जे को बढ़ाकर ‘‘व्यापक रणनीतिक साझेदारी’’ कर दिया गया था। वियतनाम, भारत की ‘एक्ट ईस्ट नीति’ और ‘इंडो-पैसिफिक विज़न’ में एक महत्वपूर्ण भागीदार बन गया है।